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सरसों किसानों के लिए जरूरी रिपोर्ट | सरसों रखी हुई है तो ये रिपोर्ट देखना जरूरी है

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किसान साथियो सरसों के भाव में लगातार मजबूती बनी हुई है। तेजी की रफ्तार धीमी ही सही लेकिन अब इसमें थोड़ा टिकाऊपन नजर आने लगा है। सरसों के भाव में बनी इस तेजी का मुख्य कारण विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में सुधार होना ही है। विदेशी बाजार लगातार तेज चल रहे हैं। अल नीनो का असर अब दिखाई देने लगा है। विश्व के कई देशों में सामान्य से कम बारिश देखने को मिल रही है। जिसके कारण आने वाले समय मे खाने पीने की चीजों का संकट गहरा सकता है। भारत में भी जून महीने में समान्य से कम बारिश हुई है। यही कारण है कि भारत में खाने पीने की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सरकारी लिमिट के बावजूद गेहूं के भाव 150 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुके हैं। सरसों के भाव भी पिछले एक हफ्ते में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हुए हैं। गेहूं और सरसों की तेजी को जानकार अल नीनो का असर बता रहे हैं। हालांकि मंडी भाव टुडे इस बात की पुष्टि नहीं करता है। आज की रिपोर्ट में हम सरसों की तेजी मंदी को लेकर चर्चा करेंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ताजा मार्केट अपडेट
एक हफ्ते में 200 रुपये की तेजी के बाद बढ़े दाम पर तेल मिलों की मांग में मामूली कमजोरी देखने को मिल रही है। यही कारण है कि सोमवार को सरसों की कीमतें स्थिर चल रही हैं । सोमवार को जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। जबकि भरतपुर मंडी में सरसों के भाव में 60 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार हुआ और अंतिम भाव 5060 रुपये प्रति क्विंटल के रहे। हरियाणा की रेवाड़ी मंडी में सरसों के भाव फिर से 5000 के स्तर को पार करते दिखे। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर भी सरसों के भाव 5000 के स्तर को होल्ड कर रहे हैं। जो कि एक अच्छा संकेत है। राजस्थान में खराब मौसम के चलते सरसों की आवक में कमी देखने को मिल रही है।

प्लांटों पर आयी तेजी
ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों खरीद भाव 75 रु से लेकर 100 रु प्रति क्विंटल तक बढ़ाए। सलोनी प्लान्ट पर दिन भर हुई उठापटक के बाद सरसों का रेट 50 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ कर 5775 रुपये पर बंद हुआ। गोयल कोटा प्लान्ट पर भी सरसों के भाव में 50 रुपये की तेजी दर्ज की गई और भाव 5250 के रहे। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव ₹5550 प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का रेट 4900, रावला मंडी में सरसों का भाव 4815, जैतसर मंडी में सरसों का भाव 4740, संगरिया मंडी में सरसों का रेट 4851, श्रीकरणपुर मंडी में सरसों का भाव 4923, श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 4846, पीलीबंगा मंडी में सरसों का भाव 4817, श्री विजयनगर मंडी में सरसों का रेट 4764,, गजसिंहपुर मंडी में सरसों का भाव 4765, रायसिंहनगर मंडी में सरसों का भाव 4792, केसरीसिंहपुर मंडी में सरसों का भाव 4849, ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 4911, आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5110 (लैब 43.55), बरवाला मंडी में सरसों का भाव 4800, सिरसा मंडी में सरसों का रेट 4711, मथुरा मंडी में सरसों का भाव 4800, कोटा मंडी में सरसों का भाव 5035, निवाई मंडी में सरसों का भाव 5050, भिवानी मंडी में 40 लैब सरसों का भाव 4900, अशोकनगर मंडी में सरसों का भाव 4750, अलीगढ़ मंडी में सरसों का भाव 4700, सिवानी मंडी में सरसों का भाव 5025, पोरसा मंडी में सरसों का भाव 4725 और ग्वालियर मंडी में सरसों का भाव ₹4800 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया है यहाँ देखें बाकी मंडियों के सरसों के भाव

सरसों की मांग पर क्या है अपडेट
व्यापारियों के अनुसार बीते सप्ताह के अंत में सरसों की कीमतों में तेजी तो आई है, लेकिन इसके अनुपात में सरसों तेल में मांग नहीं बढ़ पाई है । इसलिए सरसों के दाम बहुत धीमी गति से तेज हो रहे हैं । उत्पादक राज्यों गुजरात एवं राजस्थान आदि में खराब मौसम एवं बारिश के कारण सरसों की दैनिक आवक सामान्य की तुलना में कम हो रही हैं। सोमवार को सरसों की दैनिक आवक पांच लाख बोरियों की हुई।  तेजी के माहौल में इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में सरसों का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में ज्यादा है।

विदेशी बाजारों में सुधार
शुष्क मौसम की चिंताओं के बीच मलेशियाई पाम तेल वायदा सोमवार को लगातार पांचवें सत्र में तेज हुआ। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल के दाम 15 रिंगिट यानी 0.4 % बढ़कर 3,758 रिंगिट प्रति टन हो गए, जोकि 9 मई के बाद का सबसे ऊंचा भाव है। इस दौरान चीन के डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल अनुबंध 2 % तेज हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 2.5 % बढ़ गया। जानकारों के अनुसार मलेशिया में प्रतिकूल मौसम की मार का असर पाम तेल के उत्पादन पर जरूर पड़ रहा है, लेकिन इंडोनेशिया सस्ता पाम तेल बेचकर बाजार पर दबाव बना रहा है, इंडोनेशिया में क्योंकि पाम उत्पादों का उत्पादन बढ़ा है, इसलिए वह बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि विश्व बाजार में पाम तेल की कीमतों में बड़ी तेजी के आसार कम हैं।

सरसों तेल और खल के भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को लगातार तीसरे कार्यदिवस में 4-4 रुपये तेज होकर भाव क्रमश - 995 रुपये और 985 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल के दाम पांच रुपये तेज होकर दाम 2585 रुपये प्रति क्विटल हो गए।

कितनी और चलेगी तेजी
किसान साथियो हम मानते हैं कि अल नीनो के असर से गर्म और शुष्क मौसम होने के कारण मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। साथ ही प्रतिकूल मौसम की मार से अमेरिका में सोयाबीन की फसल को भी नुकसान होने का डर भी बना है। लेकिन ये सब ख़बरें विदेशी एजेंसियों द्वारा प्रकाशित डाटा पर निर्भर हैं जो कि एक अनुमान भर है। स्थिति कभी भी बदल सकती है। भाव में और तेजी बनते ही किसान भर भरकर अपनी सरसों बाजार में लेकर आयेंगे जिससे भाव पर प्रेशर बनने का खतरा बन सकता है। आपने महसूस किया होगा कि विदेशी बाजारों के मुकाबले भारत में उतनी तेजी नहीं बन पा रही है यह इस बात की पुष्टि करता है। इसलिए हर 200 रुपये के उछाल पर थोड़ा बहुत माल निकालते रहने की रणनीति अपनायी जा सकती है। व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।