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आज आजादपुर मंडी में 60 रुपये पर पहुंचा प्याज का रेट | जाने क्या है इसकी वज़ह

आज आजादपुर मंडी में 60 रुपये पर पहुंचा प्याज का रेट | जाने क्या है इसकी वज़ह
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दिल्ली मंडी में प्याज का आज का भाव और बाजार की स्थिति

7 नवंबर 2024, बृहस्पतिवार – आज की दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की ताजा स्थिति और भाव में होने वाले बदलावों की जानकारी आपके सामने है। मंडी में प्याज की आवक और बाजार के माहौल में क्या असर देखने को मिल रहा है, इन सब पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

प्याज की आवक

आज आजादपुर मंडियों में बाहर की मात्र 14 गाड़ियाँ प्याज की आवक हुई । जिसमें से केवल 8 गाड़ियां ही फ्रेश प्याज की थीं। बाकी गाड़ियां पुरानी प्याज की थीं जो 4 दिन पुरानी हैं और कुछ में पानी भी लग चुका है। नए और ताजे प्याज की कम उपलब्धता से दिल्ली मंडी में प्याज की कीमतें बढ़ी हुई हैं। दिल्ली मंडी में वर्तमान में ताजे प्याज का भाव 2000 से 2400 रुपये प्रति मन (50 से 60 रुपये प्रति किलो) है, जबकि हल्की और पुरानी प्याज जो दागी है उनका भाव 800 से 1000 रुपये प्रति मन ही  चल रही है।
राजस्थान के अलवर और कर्नाटक से भी नया प्याज आना शुरू हो चुका है, और महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से भी प्याज की कुछ मात्रा आ रही मंडी मे आ रही है। लेकिन इस वर्ष कई स्थानों पर प्याज की फसल खराब होने के कारण आवक की गति धीमी हो रही है। जिसके कारण ही मंडी मे आज प्याज की कीमत आसमान छु रही है  नासिक, पुणे, और अन्य प्रमुख स्थानों से भी दिल्ली मंडी में प्याज पहुँच रहा है,

प्याज की कीमतों में वृद्धि

दिल्ली मंडी में प्याज के भाव आज 2000 से लेकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल तक हैं। इस साल की शुरुआत से ही प्याज के बाजार में जो चमक देखी जा रही थी, वह अब भी बनी हुई है। किसान भाइयों के लिए यह वर्ष प्याज की ऊँची कीमतों के कारण लाभकारी साबित हो रहा है। मंडियों में मांग बढ़ने और आवक में कमी के चलते प्याज के दाम में और तेजी है।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सोलापुर में इस बार 80% प्याज की फसल खराब हो चुकी है, जिसके कारण बाजार में प्याज की आपूर्ति में भारी कमी देखी जा रही है। इससे व्यापारी अनुमान लगा रहे हैं कि आने वाले समय में प्याज के भाव और अधिक बढ़ सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 1998 जैसा समय दोबारा आ सकता है, जब प्याज की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर (100 रुपये किलो तक) पहुँच गई थीं। इस बार भी इसी प्रकार की स्थिति बनती नजर आ रही है।

प्याज के स्टॉक और डिमांड की कहानी

दिल्ली मंडी में इस समय प्याज की आवक बेहद कम है, और गाड़ियों की संख्या भी बहुत सीमित है। देश के विभिन्न हिस्सों जैसे पंजाब, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली में प्याज की भारी माँग बनी हुई है, परन्तु उपलब्धता बहुत ही कम है। मंडी में स्थिति ऐसी है कि खरीदारों की संख्या अधिक है लेकिन प्याज का स्टॉक सीमित है, जिससे दाम और तेजी से बढ़ सकते हैं

दिल्ली की मंडी में प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जहां आज प्याज का भाव 60 से 65 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। यह बढ़ती कीमतें बाजार की उच्च मांग और सीमित आपूर्ति के कारण देखी जा रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले दिनों में गणना का अनुमान सटीक नहीं था, लेकिन अब मांग की स्थिति को देखकर भाव लगातार बढ़ रहे हैं। आज की मंडी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2310 रुपये प्रति मन (लगभग 57.75 रुपये प्रति किलो) पर मीडियम क्वालिटी के प्याज आज मंडी मे बिकी है ।

सरकार की सप्लाई में कमी और बाजार की मांग का संतुलन बिगड़ा

सरकारी एजेंसियों से प्याज की आपूर्ति बाधित होने से बाजार में प्याज काकी कमी आती जा रही है । अवकाश के कारण सरकारी स्टॉक बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली मंडी में प्याज की कीमतों में 5 से 8 रुपये प्रति किलो की वृद्धि दर्ज की गई है। पीछे से खबर आ रही है कि सरकार के पास भी सीमित मात्रा में प्याज का स्टॉक है, जिससे बाजार में तेज़ी बनी रह सकती है

पुणे और मध्य प्रदेश में प्याज का बाजार

पुणे में भी प्याज का भाव 60 से 70 रुपये प्रति किलो रहा, जो दिल्ली में आने पर 5 से 8 रुपये बढ़कर पहुंच सकता है।
मध्य प्रदेश में प्याज का भाव 55 से 60 रुपये प्रति किलो के आस-पास चल रहा है। अगर यह प्याज दिल्ली पहुंचती है तो इसकी कीमत 2200 से 2400 रुपये प्रति मन हो सकती है। प्याज के बढ़ते भाव का एक कारण यह भी है कि दक्षिण भारत में फसल की आपूर्ति कम हो रही है और कुछ स्थानों पर जेसीबी मशीनों से पुराना माल नष्ट किया जा रहा है।

 त्योहारी सीजन का असर

त्योहारी सीजन में प्याज की मांग बढ़ी हुई है, लेकिन बाजार में आपूर्ति की कमी के चलते स्थिति विकट होती जा रही है। दक्षिण भारत में प्याज की आपूर्ति कम होने से, मांग पूरी करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। यहां तक कि बांग्लादेश ने भी भारत से प्याज की मांग भी बहुत हो गई है,   बांग्लादेश जो है वो भारत से  100 से लेकर 105 रु किलो तक मांग रहा है लेकिन भारत की स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सप्लाई संभव नहीं हो पा रही है। बाजार में त्योहारी मांग को पूरा करने के लिए अलवर और कैथल मंडी से आने वाले प्याज पर ही निर्भरता बनी हुई है।

अलवर और कैथल मंडी में प्याज 

अलवर और कैथल मंडियों से प्याज लाने का एक अन्य लाभ यह है कि यहां पर प्याज की बोली का स्तर ठीक रहता है और पेमेंट की सुविधा भी हाथों-हाथ मिल जाती है। यहां की मंडियों में माल की गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए प्याज की तेज़ी देखी जा रही है, और लोडिंग की सुविधा भी पर्याप्त है। दिल्ली में कई जगहों पर प्याज का स्टॉक समाप्त होता जा रहा है, इसलिए अलवर और कैथल मंडियों से आ रहे प्याज पर ही मंडियों में तेज़ी का असर है।

किसानों को सलाह दी जा रही है कि इस अवसर का लाभ उठाएँ और प्याज को अच्छी गुणवत्ता में मंडी तक पहुँचाएँ। वे प्याज को धीरे-धीरे मंडी में लाएं और अधिक भाव के लालच में स्टॉक को न रोकें। वर्तमान में 50 से 60 रुपये प्रति किलो का भाव एक अच्छा मूल्य है, जिससे किसान और व्यापारी दोनों को लाभ हो सकता है। मंडी में प्याज लाने के लिए किसानों को कहा जा रहा है कि वे प्याज की मात्रा को लगातार थोड़ा-थोड़ा करके बेचें ताकि आपूर्ति बनी रहे और उन्हें अच्छे भाव मिलते रहें। फिलहाल मंडी में गीले और सूखे प्याज के दामों में 100 से 200 रुपये का अंतर देखने को मिल रहा है। बेहतर गुणवत्ता का प्याज बेचने पर किसान भाई अधिक लाभ कमा सकते हैं। इस समय बाजार में प्याज की कमी को देखते हुए यह समय अपने प्याज का उचित दाम पाने का सुनहरा अवसर हो सकता है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।