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कैसा रहेगा सरसों का बाजार | देखें आज की सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

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Sarso teji mandi report: किसान साथियो पिछले सोमवार यानी कि 3 अप्रैल को जब बाजार खुला था तो जयपुर में सरसों के भाव 5925 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे थे। इसी दिन सलोनी प्लान्ट ने 6400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की थी। लेकिन सप्ताह के अंत तक यानी 09 अप्रैल तक आते आते सरसों के भाव 150 से 200 रुपये तक गिर गए। एक हफ्ते में सरसों के भाव में आयी इस गिरावट के पीछे क्या वज़ह रही और आगे सरसों में क्या पोजिशन वन रही है आज की रिपोर्ट में हम इसी को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं। मंडी मार्केट एप्प सुबह 11:00 बजे तक सरसों के ताजा भाव अपडेट कर दिए जाते हैं। हमारा आपसे निवेदन है कि ताजा भाव की जानकारी के लिए आप इस एप्लीकेशन को डाउनलोड कर ले। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

ताजा बाजार अपडेट
साथियो जयपुर और भरतपुर बेंचमार्क मंडियां है कहने का मतलब यह है कि सरसों के ज्यादातर व्यापारी यहां से तेजी या मंदी का संकेत लेते हैं। जयपुर के जो भाव बताये जाते हैं ये 42% कंडीशन के टोप माल के भाव होते हैं। लेकिन ज्यादातर हाजिर मंडियों में इतना भाव नहीं मिलता है। भरतपुर मंडी का भाव हाजिर मंडियों के भाव के ज्यादा नजदीक रहता है। जहां तक भरतपुर मंडी के भाव की बात है पिछले सोमवार को भरतपुर में सरसों का भाव 5450-5500 के आसपास चल रहा था जो कि शनिवार को 5281 पर बंद हुआ यहां भी 200 रुपये तक की गिरावट देखने को मिली है। शनिवार को दिल्ली लारेंस रोड पर कंडीशन सरसों के भाव ₹50 तक कमजोर हो गए अंतिम भाव ₹5400 प्रति क्विंटल तक रिपोर्ट किए गए हैं। सरसों के भाव को MSP का कितना सहारा | देखें आज की सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट

क्या रही गिरावट की वज़ह
व्यापारियों के अनुसार सरसों की आवक बढ़ने के कारण यह गिरावट दर्ज हुई है। पिछले सोमवार को खराब मौसम के चलते सरसों की आवक मात्र 4 लाख 50 हज़ारों बोरी की हुई थी जबकि शनिवार तक आते आते आवक बढ़ कर 9 लाख 75 हज़ार बोरी की हो गई। मंडियों में ज्यादा सरसों आने के कारण डिमांड कम और सप्लाई ज्यादा हो गयी जिसके बाद लिवालों ने सरसों के भाव घटा दिए। मौसम अभी भी साफ़ ही बना हुआ है जिसके चलते सरसों की आवक और भी बढ़ सकती है। जयपुर 5750 भरतपुर 5281 जाने क्या मिल रहे हैं सरसों के रेट Sarso Live Rate Today 08 Apr 2023 |

गिरावट में सरकार का कितना हाथ
इस हफ्ते में ही खबर आयी कि सरकार ने आयातित खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने से साफ़ इंकार कर दिया है। बाजार को उम्मीद थी कि सरकार अप्रैल महीने में आयातित खाद्य तेल(imported edible oils) पर शुल्क बढ़ा देगी जिसके बाद ये महंगे हो जाएंगे और सरसों तेल की डिमांड को सहारा मिलेगा। लेकिन जब ऐसा देखने को नहीं मिला तो सरसों के भाव में कमजोरी बन गई। दूसरी तरफ सरकार द्वारा सरसों की MSP पर खरीद में  भी ढुलमुल रवैया ही देखने को मिल रहा है जिसके कारण ज्यादातर किसानों को MSP रेट नहीं मिल रहा है।

सरसों तेल के क्या हैं हाल
जहां तक सरसों तेल के भाव की बात है यहां भी कमजोरी ही देखने को मिल रही है। विदेशी तेलों के बढ़ते आयात और सस्ते भाव के आगे सरसों तेल का भाव टिक नहीं पा रहा है। अगले साल चुनाव होने वाले हैं ऐसे में सरकार बिल्कुल नहीं चाहती कि सरसों तेल के भाव बढ़े । सरकार सरसों के भाव को ₹100 प्रति किलो से कम लेकर आना चाह रही है । तेल मिले भारी नुकसान में काम कर रही है । 20 से 25% कारखाने बंद हो चुके हैं । अगर सरकार ने जल्द ही विदेशी तेलों पर शुल्क नहीं बढ़ाया तो बंद होने वाले कारखानों की संख्या और भी बढ़ सकती है । एक हफ्ते में सरसों तेल के भाव 4 रुपये प्रति किलो तक गिर चुके हैं। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव गिरते गिरते शनिवार को 1091 और 1081 रुपये प्रति 10 किलो पर पहुंच गए। जबकि सरसों खल के भाव 2560 रुपये प्रति क्विंटल के रहे। आज नरमा में आई तेजी देखे आज के नरमा और कपास के ताजा मंडी भाव 08 April 2023

मलेशिया जारी करेगा आंकड़े
आज सोमवार को मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड ताजा आंकड़े जारी करेगा जिसमें जानकारी दी जाएगी कि मलेशिया में पाम तेल के निर्यात और उत्पादन की क्या स्थिति है यदि इस रिपोर्ट में निर्यात बढ़ने और उत्पादन घटने की खबर आती है तो पाम तेल में सुधार देखने को मिल सकता है। हालांकि वैश्विक आपूर्ति और मांग को देखते हुए फिलहाल पाम तेल का भाव सीमित रेंज में ही रह सकता है। तेजी या मंदी | जाने क्या मिल रहे हैं आज के गेहूं/कनक के लाइव रेट wheat kanak gehu Live Rate Today 08 april 2023

रोके या बेचे
किसान साथियों मौजूदा माहौल को देखते हुए यह तो कहा जा सकता है कि सरसों में बड़ी तेजी आने की संभावना बहुत ही कम है। लेकिन जैसा की आप सबको पता है कि सरसों धान और ग्वार का भाव इंटरनेशनल मार्केट में चल रही घटनाओं से प्रभावित होता रहता है। यदि विदेशी बाजारों में मजबूती देखने को मिलती है तो सरसों के भाव थोड़े बहुत बढ़ सकते हैं। जहां तक सरसों के उत्पादन का सवाल है तो इस सीजन में सरसों का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा ही रहने की उम्मीद है। दूसरी तरफ किसानों ने बहुत बड़ी मात्रा में सरसों का स्टॉक कर लिया है। बाजार में किसान केवल अपनी जरूरत के हिसाब से ही सरसों बेच रहे हैं। जबकि समर्थ किसान इसका स्टॉक कर रहे हैं। जहां तक गिरावट की बात है तो सरसों में यहां से आगे बहुत बड़ी गिरावट होने की संभावना भी कम है। बाजार सीमित तेजी मंदी के दायरे में घूमता रह सकता है। ऐसे में किसान साथी चाहे तो हर छोटे-मोटे उछाल पर थोड़ा-थोड़ा माल निकालने की रणनीति बना सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।