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सरसों में जल्द रुकेगी गिरावट | जाने क्या है इसकी वज़ह | SarsoTeji Mandi Report 08 july 2023

SarsoTeji Mandi Report 08 july 2023
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किसान साथियो शुक्रवार का दिन लगातार तीसरा दिन था जब सरसों के बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। विश्व बाजार में खाद्वय तेलों के दाम कमजोर होने के कारण सरसों की कीमतों में यह गिरावट हुई है। जयपुर में 42% कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये कमजोर होकर दाम 5525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि भरतपुर में भी लगभग 50 रुपये की कमजोरी के बाद भाव 5211 रुपये प्रति क्विंटल रिपोर्ट किए गए हैं। दिल्ली में लॉरेंस रोड़ पर सरसों का भाव 5200 का रहा जबकि बरवाला मंडी में सरसों के भाव 5160 रुपये प्रति क्विंटल तक बोले गए हैं। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक पांच लाख बोरियों के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।

प्लांटों पर क्या रहे भाव
सोनी प्लांट पर सुबह के समय जब बाजार खुला तो भाव 50 रुपए प्रति क्विंटल टूट गए। मलेशियाई बाजार की गिरावट को देखते हुए इसमें मामूली गिरावट और बनी और प्लांट ने 25 रुपये भाव और कम कर दिए। सलोनी प्लान्ट पर अंतिम भाव 5975 रुपये प्रति क्विंटल का रहा । आगरा में शारदा और BP प्लान्ट पर सरसों का रेट 50 रुपये तक टूटा और भाव क्रमशः 5800 और 5825 के रहे। गोयल कोटा प्लान्ट पर सरसों 5300 का रहा इसमें 100 रुपये का मंदा देखने को मिला।

मुनाफावसूली का दबाव
व्यापारियों के अनुसार आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों में आई गिरावट से घरेलू बाजार में सरसों के साथ ही सरसों तेल और सरसों खल की कीमतों में मंदा आया है। मलेशिया, चीन और अमेरिका के बाजार में सोयाबीन और पाम तेल के भाव गिरे हैं। कुछ लोग इसे मुनाफावसूली का करेक्शन मान रहे हैं। इनका कहना है कि थोड़े करेक्शन के बाद बाजार फिर से बढ़ जाएगा।

विदेशी बाजारों पर निर्भर भारतीय बाजार
जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में मौसम खराब ही बना हुआ है। इसलिए आवक थोड़ी कम चल रही है। सरसों तेल एवं खल के दाम कमजोर होने से तेल मिलों को पड़ते नहीं लग रहे हैं। साथ ही स्टॉकिस्टों को भी इन भाव में नुकसान हो रहा है। लेकिन जिस तरह से आयातित खाद्वय तेलों के दाम कमजोर हुए हैं, उससे घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। उत्पादक राज्यों में सरसों का बकाया स्टॉक भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसलिए भारतीय बाजार अब तेजी के किये केवल विदेशी बाजारों की चाल पर ही निर्भर हैं। अगर वहाँ तेजी बनती है तो ही भारतीय बाजारों में सरसों के भाव सुधर सकते हैं।

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विदेशी बाजारों की अपडेट
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) के उत्पादन आंकड़ों से पहले शुक्रवार को मलेशियाई एक्सचेंज में पाम तेल की कीमतों में लगभग 2 फीसदी की गिरावट आई, हालांकि इसके भाव में साप्ताहिक आधार पर 1.16 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। मलेशिया डेरिवेटिव्स बर्सा मलेशिया एक्सचेंज, BMD पर सितंबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध के भाव 78 रिंगिट यानी 1.99 फीसदी कमजोर होकर 3,833 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.1 फीसदी कमजोर हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 1.5 फीसदी कमजोर हुआ। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें रात में कमजोर हुई थी, लेकिन आज हल्का सुधार आया।

जानकारों के अनुसार आगामी दिनों में विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की तेजी, मंदी काफी हद तक अमेरिका में मौसम कैसा रहता है, साथ ही पाम मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड के जून के उत्पादन के वास्तविक आंकड़ों के साथ ही जुलाई में निर्यात की स्थिति पर निर्भर करेंगी। माना जा रहा है कि दाम नीचे होने के कारण चीन तथा भारत की मांग में सुधार आने से पाम तेल के निर्यात की शिपमेंट में बढ़ोतरी होगी। मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड सोमवार को आंकड़े जारी करेगा। अगर स्टॉक बढ़ता है और निर्यात घटता है तो निश्चित रूप से खाद्य तेलों के भाव पर दबाव बनेगा। कुछ जानकारों का कहना है कि कम उत्पादन की संभावना के चलते स्टॉक घट भी सकता है। आने वाले समय में यह स्थिति साफ़ हो पाएगी।

सरसों में आगे क्या
किसान साथियों जैसा कि हमने बताया विदेशी बाजारों में पिछले हफ्ते में आई तेजी के बाद अब मुनाफावसूली का कलेक्शन देखने को मिल रहा है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह करेक्शन बहुत लंबा नहीं चल पाएगा। बाजार जल्दी ही फिर से तेजी की तरफ मुड़ जाएंगे। भारतीय बाजारों के फंडामेंटल को देखें तो जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में मानसून के असर के कारण बारिश का मौसम चलता रहेगा। बारिश के मौसम में सरसों तेल की अच्छी डिमांड रहती है। इसलिए इन महीनों में सरसों के भाव में बड़ी मंदी आने की संभावना ना के बराबर है। हालांकि तेजी के लिए विदेशी बाजारों की चाल पर भारतीय बाजार निर्भर रहेंगे।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट(Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।