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6 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा पाम तेल | सरसों पर इसका क्या होगा असर | जाने

सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट

एक हफ्ते में 10 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़का पाम तेल का रेट: किसान साथियो पिछले 1 हफ्ते से विदेशी बाजारों में भयंकर मंदी का माहौल चल रहा है । एक तरफ जहां मलेशिया बाजार में पाम तेल के भाव में जबरदस्त गिरावट हुई है वहीं दूसरी तरफ शिकागो में भी CBOT बोर्ड पर सोया के भाव लुढ़के हैं। चीन के डालियन बाजार में भी सोया और पाम तेल अनुबंध में भारी गिरावट देखने को मिली है । विदेशी बाजारों की यह भयंकर मन्दी भारत में सरसों और सरसों तेल के रेट पर प्रेशर बना रही है । जिस प्रकार से सरसों उत्पादक राज्यों में भारी बारिश और ओलावृष्टि के चलते गेहूं और सरसों में नुकसान हुआ है उससे यह उम्मीद बन रही थी कि सरसों के भाव ऊपर की तरफ जाएंगे लेकिन विदेशी बाजारों की मंदी के कारण सरसों किसानों को यह राहत भी नहीं मिल पाई है । ऐसे में क्या सरसों के भाव में और गिरावट हो सकती है इसी को लेकर हम आज की रिपोर्ट में चर्चा करेंगे । WhatsApp पर भाव देखने के लिए ग्रुप से जुड़े

बाजारों में क्या हुआ
विदेशी बाजारों में मंदी के रुझान को देखते हुए ब्रांडेड तेल मिलों की खरीद कमजोर बनी हुई है। जिसके कारण घरेलू बाजार में शुक्रवार को सरसों के भाव में मंदी देखने को मिली है । सुबह के सत्र में जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये की गिरावट देखने को मिली थी लेकिन शाम होते होते विदेशी बाजारों के रुझान को देखकर शाम के सत्र में फिर 75 रु की गिरावट आ गई और अंतिम भाव 5600 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। जबकि भरतपुर में सरसों के भाव 42 रुपये गिरकर 5161 के हो गए। इसके अलावा दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के भाव में भी कमजोरी दिखी और 100 रुपये गिरकर 5400 के रह गए । नजफगढ़ मंडी में सरसों के भाव 5200 तक के रहे। जबकि रेवाड़ी में भी भाव 100 रुपये गिरकर 5400 पर आ गए। विदेशी बाजारों के माहौल को देखते हुए ब्रांडेड कंपनियों ने भी सरसों के भाव में कटौती की। सरसों के ताजा भाव देखने के लिए यहां क्लिक करें

प्लांटों पर क्या रहे भाव
सलोनी प्लांट पर सरसों की लिवाली नहीं हुई इसलिए भाव नहीं खुले। आगरा में शारदा प्लांट पर सरसों के भाव में 100 रुपये की मंदी रहीं और भाव 5750, बीपी प्लांट पर भी सरसों के भाव ₹ 5750 रुपए प्रति क्विंटल के रहे जबकि गोयल कोटा प्लांट पर 100 रुपए की मंदी के बाद सरसों के भाव 5450 पर  रहे।  इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़ कर 12 लाख 25 हजार बोरियों की हुई । गेहूं के ताजा भाव देखने के लिए यहां क्लिक करें

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का भाव 5050, श्री गंगानगर मंडी में सरसों का रेट 5030, रावतसर मंडी में सरसों का रेट 4900, पीलीबंगा मंडी में सरसों का भाव 4900, गोलूवाला मंडी में सरसों का रेट 4967, जैतसर मंडी में सरसों का टॉप भाव चल 4925, अनूपगढ़ मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 5201, रायसिंहनगर मंडी में नई सरसों का भाव 6960, श्री विजयनगर मंडी में सरसों का भाव 5220, रावला मंडी में सरसों का टॉप रेट 5130, देवली मंडी में सरसों का भाव 5400, श्रीमाधोपुर मंडी में सरसों का भाव 4950 और पीली सरसों का भाव ₹5400 प्रति क्विंटल तक रहा। हरियाणा की मंडियों की बात करें तो ऐलनाबाद मंडी में सरसों का टॉप रेट 5125, सिवानी मंडी में सरसों का टॉप भाव 5350, आदमपुर मंडी में सरसों का टॉप रेट 5225, सिरसा मंडी में सरसों का भाव 5026 और रेवाड़ी मंडी में 42 लैब सरसों का भाव ₹5400 प्रति क्विंटल तक रहा।

एक हफ्ते में 10% से ज्यादा लुढ़के पाम के भाव
अमेरिकी बैंकिंग संकट के चलते विदेशी बाजारों में जबरदस्त गिरावट का माहौल बना हुआ है। मलेशियाई क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा शुक्रवार को लगातार सातवें सत्र में निचले स्तर पर बंद हुआ। खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट के कारण इसके भाव में चार महीने में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। चालू सप्ताह में इसके भाव में 10.2 प्रतिशत की गिरावट आई है, जोकि 18 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। पाम के भाव 4 अक्तुबर के बाद सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर जून डिलीवरी के पाम ऑयल वायदा अनुबंध में 57 रिंगिट यानी 1.60 प्रतिशत की गिरावट आकर भाव 3,512  रिंगिट प्रति टन रह गए। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल 0.5 प्रतिशत गिरा हालांकि पाम तेल अनुबन्ध 0.23 तक तेज हुआ। बासमती धान और चावल के ताजा भाव देखने के लिए यहां क्लिक करें

सरसों तेजी मंदी अपडेट
किसान साथियों किसी भी फसल का भाव बाजार में होने वाली घटनाओं से प्रभावित होता रहता है फिलहाल विश्व स्तर पर खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार मंदा बना हुआ है, जिस कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम कमजोर हो रहे हैं। इसीलिए घरेलू बाजार में तेल मिलें इस समय वेट एंड वाच की नीति अपना रही है। तथा खरीद कमजोर हो रही है । वैसे तो सरसों के फंडामेंटल मजबूत दिख रहे हैं लेकिन विदेशी बाजारों में मंदी चल रही है इसलिए उत्पादक मंडियों में सरसों की कीमतों में थोड़ी बहुत और गिरावट भी आ सकती है। सीमित व्यापार का एक बड़ा कारण यह भी है कि मार्च का महीना है और व्यापारी 31 मार्च के क्लोजिंग करेंगे जिसके कारण बाजार में नकदी की किल्लत है और उतनी खरीद नहीं बन रही है। व्यापार अपने विवेक से करें।