ग्वार के भाव को लेकर आई नयी अपडेट | कब तक बढ़ेंगे ग्वार के रेट | जाने रिपोर्ट मे
किसान साथियों , ग्वार एक महत्वपूर्ण खरीफ फसल है, जिसे मुख्य रूप से ग्वार गम (Guar Gum) के उत्पादन के लिए उगाया जाता है। आजकल ग्वार के बाजार में जो तेजी देखी जा रही है, उसका प्रमुख कारण वैश्विक मांग में वृद्धि और भारत में ग्वार के उत्पादन में गिरावट होना है। नए साल की शुरुआत से ही ग्वार की कीमतों में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है की किसनो को कई सालो से ग्वार का भाव अच्छा नहीं मिल पा रहा है जिससे किसान ग्वार की खेती में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है जिससे ग्वार क उत्पादन में गिरावट देखने को मिल रही है इसके साथ ही ग्वार की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि इसका उपयोग न केवल घरेलू बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बढ़ रही है। खासकर, खाद्य उद्योग और शेल गैस खनन में ग्वार गम का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे इसके भाव में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में ग्वार का भाव 4800-5450 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है यही नहीं भाव और भी बढ़ने की संभावना बताई जा रही है। इसके साथ ही, ग्वार के वायदा बाजार में भी पिछले कुछ दिनों में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। वायदा बाजार में ग्वार का भाव लगभग 5350 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। ऐसे में, यह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि ग्वार के उत्पादन में कमी और मांग में वृद्धि के कारण इसके भाव में बढ़ोतरी हो रही है।
ग्वार की कीमतों में वृद्धि और इसका वैश्विक प्रभाव
ग्वार के भाव में तेजी का सबसे महत्वपूर्ण कारण वैश्विक बाजार में इसकी बढ़ती मांग है। जैसे-जैसे खाद्य उद्योग, फार्मास्यूटिकल्स और शेल गैस के खनन में ग्वार गम का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ग्वार की कीमतों में भी तेजी आ रही है। खासकर चीन और अमेरिका जैसे देशों में ग्वार की मांग में तेजी आई है, जो भारतीय किसानों के लिए एक अवसर बन सकता है। इसकी कीमतों में तेजी के पीछे एक और बड़ा कारण भी बताई जा रहा है जो की भारत में ग्वार के उत्पादन में आई गिरावट है। ग्वार का उत्पादन मुख्य रूप से कुछ विशेष राज्यों में होता है, जैसे राजस्थान, हरियाणा और गुजरात। इन राज्यों में ग्वार की खेती सीमित इलाके में होती है, जिससे उपलब्धता कम हो जाती है। इसके अलावा, पिछले साल के उत्पादन में भी भारी गिरावट देखी गई थी, जिसके कारण स्टॉक का उपयोग किया गया था और ग्वार की आपूर्ति में कमी आई है। इस कमी के कारण, मंडियों में ग्वार की आवक में भी कमी आई है, और डिमांड बढ़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल ग्वार के उत्पादन में लगभग 52-55 लाख बोरियों की कमी हो सकती है। पिछले साल के उत्पादन में भारी गिरावट के कारण, ग्वार के बीज की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल की मांग पूरी करने के लिए ग्वार के उत्पादन को बढ़ाना होगा
ग्वार के उत्पादन में कमी और इसकी डिमांड में वृद्धि
किसान साथियों , जैसा कि हम इससे पहले भी रिपोर्ट मे बता चुके कि, ग्वार का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में लगातार घट रहा है। इस वर्ष भी ग्वार के उत्पादन में गिरावट का अनुमान है। किसानों, विशेषज्ञों और व्यापारियों के मुताबिक, इस साल ग्वार सीड की पैदावार पिछले 10 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने की आशंका है। विश्वसनीय आंकड़ों के अनुसार, इस बार ग्वार की फसल का उत्पादन सिर्फ 50 से 55 लाख बोरी तक ही पहुंचने की उम्मीद है। अगर पिछले साल के आंकड़े देखे जाएं तो ग्वार की फसल का उत्पादन 60 से 62 लाख बोरी था। उत्पादन में आई इस कमी का कारण खराब मौसम और पानी की कमी को भी बताया जा रहा है। लेकिन इस कमी का मुख्य कारण ग्वार की बुवाई का कम होना है। इस साल ग्वार की बुवाई बिल्कुल ही कम हुई थी, क्योंकि पिछले कुछ सालों से ग्वार के भाव में भारी मंदी देखने को मिल रही थी, जिस कारण इस बार किसानों ने ग्वार की फसल से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि पिछले साल स्टॉक किए गए ग्वार का 65% हिस्सा पहले ही खपत हो चुका है, जबकि शेष 35% स्टॉक सीमित गोदामों में बचा हुआ है। राजस्थान और अन्य ग्वार उत्पादक राज्यों के किसान ग्वार को सुरक्षित निवेश मानते हुए इसे स्टॉक करना पसंद करते हैं, लेकिन इस वर्ष उत्पादन में कमी की संभावना जताई जा रही है। यह गिरावट लगभग 50-55 लाख बोरियों तक सीमित रह सकती है, जिनमें से 11-15 लाख बोरियां केवल गोदामों में ही रह जाएंगी।
ग्वार का उत्पादन कम होने के कारण, मंडियों में ग्वार की आवक भी घट गई है। यह स्थिति विशेष रूप से राजस्थान और अन्य प्रमुख ग्वार उत्पादक राज्यों में देखी जा रही है, जहां ग्वार की खेती काफी सीमित इलाकों में होती है। इन क्षेत्रों में किसानों ने ग्वार को एक सुरक्षित निवेश माना हुआ है और वे इसे स्टॉक करके रखते हैं। इससे ग्वार की डिमांड और भी बढ़ जाती है, क्योंकि जब उत्पादन कम होता है, तो इसकी उपलब्धता घटती है और कीमतें बढ़ती हैं।
क्या ग्वार के भाव बढ़ेगे ?
किसान साथियों , हाल के समय में ग्वार के उत्पादन में गिरावट और बढ़ती मांग ने इसके दामों में तेजी की संभावनाओं को तो जन्म दिया है। भारत में ग्वार न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अत्यधिक मांग में है। विशेष रूप से चीन और अमेरिका जैसे देशों में इसकी डिमांड में तेजी से वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 के अप्रैल और मई तक ग्वार की कीमतें दो गुना तक बढ़ सकती हैं। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ग्वार का भाव ₹6000 प्रति क्विंटल के पार जाने की उम्मीद है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं, जैसे सरकारी नीतियां, सब्सिडी का लाभ, और ग्वार के निर्यात में संभावित वृद्धि। हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे के बाद ग्वार के निर्यात में सुधार की उम्मीदों ने बाजार में सकारात्मक हलचल पैदा की है।
ग्वार के भाव की रिपोर्ट
दोस्तों इन दिनों ग्वार के भाव में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। ग्वार की बढ़ती कीमतों का प्रभाव देश के प्रमुख मंडियों में दिख रहा है। वर्तमान में भारत के प्रमुख मंडियों में ग्वार के भाव इस प्रकार हैं: सिरसा मंडी में ग्वार का भाव ₹4400 से ₹5240 के बीच रहा, जबकि ऐलनाबाद मंडी में यह ₹4550 से ₹5130 के बीच बिक रहा है । श्रीमाधोपुर मंडी में ग्वार का भाव ₹5100 से ₹5175 और नोहर मंडी में ₹5000 से ₹5200 तक दर्ज हुआ। सूरतगढ़ मंडी में ग्वार ₹5125 से ₹5150 के बीच बिक रहा है , जबकि श्री गंगानगर मंडी में ₹4950 से ₹5275 के बीच कीमतें रही। अनूपगढ़ मंडी में ग्वार का भाव ₹5000 से ₹5162 के बीच बोला गया , वहीं पदमपुर मंडी में यह ₹4500 से ₹5233 के बीच भाव रहा है । रावतसर मंडी में ग्वार का भाव ₹4800 से ₹5390 तक देखा गया, जबकि सिवानी मंडी में ग्वार का भाव ₹5355 की बोली पर बोल गया । संगरिया मंडी में ग्वार ₹4605 से ₹5050 के बीच बिका, और सादुल शहर मंडी में ₹5140 के भाव पर ग्वार की बिक्री हुई। बीकानेर और जैतसर मंडियों में ग्वार के भाव ₹5000 से ₹5271 और ₹5000 से ₹5212 के बीच रहे । गजसिंहपुर मंडी में ग्वार ₹5141 से ₹5236 तक बिका, जबकि भट्टू मंडी में ₹5149 और रायसिंहनगर मंडी में ₹5000 से ₹5237 के बीच ग्वार के भाव रहे। जैसा कि देखा जा रहा है, ग्वार के भाव इन मंडियों में लगातार बढ़ रहे हैं, और यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में भी ग्वार के भाव में वृद्धि हो सकती है। ग्वार के उत्पादन में कमी और डिमांड में वृद्धि के कारण, इन मंडियों में ग्वार की कीमतें उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती हैं। व्यापार अपने विवेक से करे |
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।