क्या सरसों बेच देने का समय आ गया है | देखें सरसों में नुक़सान से बचाने वाली रिपोर्ट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, सरसों के बाजार में उठा-पटक का माहौल लगातार जारी है। यह माहौल उस समय से बना हुआ है जब से पाम तेल के भाव में अप्रत्याशित तेजी और अप्रत्याशित मंदी लगातार देखने को मिल रही है। मंडी भाव टुडे पर हम पाम तेल को लेकर पहले भी कह चुके हैं कि इसका भाव विदेशी एजेंसियों के अनाप-शनाप सर्वे के आधार पर ऊपर-नीचे होता है। इस सर्वे की कोई तसल्लीबख्श रिपोर्ट नहीं होती। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर 10 दिन पहले पाम तेल का भाव दो दिन में 7% तक उछल गया था। अब एक दूसरी रिपोर्ट ने इसे फिर उतना ही घटा दिया है। ऐसे में घरेलू बाजार की चाल का अनुमान लगाना मुश्किल होता जा रहा है। बड़े-बड़े जानकारों के सर्वे फेल हो रहे हैं। बहरहाल, ऐसे अनिश्चितता वाले दौर में भी मंडी भाव टुडे के अनुमान अभी तक गलत साबित नहीं हुए हैं। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के घरेलू बाजार को ध्यान में रखकर बाजार का विश्लेषण करेंगे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
ताजा मार्केट अपडेट
शनिवार को जयपुर में सरसों का रेट 6750 रुपए पर बंद हुआ था। भरतपुर और दिल्ली में सरसों के भाव क्रमशः 6400 और 6600 के चल रहे थे। सोमवार को जब बाजार खुला तो पाम तेल में बड़ी गिरावट का समाचार बाजारों में फैल चुका था। बाजार में गिरावट तो होनी ही थी। गनीमत रही कि बाजार में कोई बड़ी गिरावट नहीं हुई और जयपुर में सरसों का भाव ₹25 कमजोर होकर 6725 पर खुला। इसी तरह से भरतपुर में सरसों का रेट 25 रुपये टूटकर 6375 और दिल्ली में 50 रुपये टूटकर 6550 का खुला। अन्य व्यापारिक केंद्रों की बात करें तो च. दादरी में सरसों रेट 6525 रु, अलवर में सरसों रेट 6350 रु, बरवाला में सरसों रेट 6200 रु, हिसार में सरसों रेट 6000 रु, गोयल कोटा में सरसों रेट 6450 रु, मुरैना में सरसों रेट 6150 रु, ग्वालियर में सरसों रेट 6300 रु, खैरथल में सरसों रेट 6300 रु, टोंक में सरसों रेट 6380 रु, निवाई में सरसों रेट 6400 रु, सिवानी में सरसों रेट 6050 रु, खेड़ली में सरसों रेट 6425 रु, नदबई में सरसों रेट 6400 रु। बाजार में अनिश्चितता रहने के कारण किसान अब अपनी सरसों को लेकर मंडियों में आ रहे हैं। यही वजह रही कि सोमवार को सरसों की आवक 2,25,000 बोरी की हुई।
प्लांटों पर क्या रहे भाव
ब्रांडेड तेल मिलों ने कमजोर बाजार को देखते हुए कुछ प्लांटों ने भाव में कटौती की, लेकिन सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव 25 रुपये तेज हुए। सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव 7275 पर बंद हुए। अन्य प्लांटों के भाव को देखें तो वंश सीतापुर प्लांट पर सरसों का भाव 6800, शारदा प्लांट पर 6850 मंदी 100, बीपी आगरा प्लांट पर 6900 मंदी 50 और गोयल कोटा प्लांट पर सरसों का भाव 50 की मंदी के बाद ₹6450 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव को देखें तो आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5926 लैब 39.25, ऐलनाबाद में सरसों रेट 5750 से 6190 रु, बीकानेर में सरसों रेट 5200 से 5701 रु, भट्टू में सरसों रेट 5985 रु, गोलूवाला में सरसों रेट 6111 रु और नोहर मंडी में सरसों रेट 5900 से 6200 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
विदेशी बाजारों में भारी गिरावट
सोमवार को बाजार खुलते ही मलेशिया में पाम तेल का भाव धड़ाम हो गया। मलेशिया क्रूड पाम तेल (CPO) 3% से अधिक लुढ़क गया। आंकड़ों को देखें तो पाम तेल का फरवरी वायदा 153 रिंगिट यानी कि 3.02% गिरकर 4900 रिंगिट प्रति टन पर आ गया। काफी लंबे समय बाद पाम तेल में इस तरह की गिरावट देखी गई है। अन्य बाजारों की बात करें तो चीन के बाजार में भी पाम तेल और सोया तेल के भाव में गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका के बाजार में सोया तेल के भाव भी कमजोर हुए हैं। बाजार के जानकार मान रहे हैं कि इतनी भारी गिरावट के बाद आज पाम तेल के भाव में रिकवरी दिख सकती है। ताजा समाचार मिलने तक पाम तेल के भाव आज न्यूट्रल रुझान दिखा रहे हैं।
तेल और खल के रेट
विदेशी बाजारों में गिरावट को देखने के बाद भारतीय बाजार में भी सरसों तेल में कमजोरी दर्ज की गई। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव 10-10 रुपये कमजोर होकर क्रमशः 1393 और 1383 रुपए प्रति 10 किलो के रह गए। सरसों खल में भी गिरावट देखने को मिली और सरसों खल के भाव ₹25 कमजोर होकर 2455 रुपए प्रति क्विंटल रह गए।
सरसों को बेचने में फायदा
किसान साथी और व्यापारी भाइयों, हम मानते हैं कि सरसों का बुवाई एरिया भी कम हुआ है। सरसों का पुराना स्टॉक भी कम है। पिछले साल के मुकाबले सरसों की आवक लगातार कमजोर चल रही है। विदेशी बाजार भी पिछले साल के मुकाबले तेज हैं। इतना सब होने के बावजूद भी सरसों के भाव कोई खास तेजी नहीं दिखा रहे हैं। इससे एक बात तो साफ है कि अगर पाम तेल 5000 के ऊपर नहीं गया तो सरसों में आपको 7000 के ऊपर के भाव नहीं दिखने वाले। दूसरी बात यह भी दिख रही है कि अगर पाम तेल में और गिरावट आयी तो सरसों की गिरावट को रोकना मुश्किल होगा। दोस्तों, तेजी और मंदी दोनों के सिग्नल को देखा जाए तो बाजार इस समय संतुलित स्थिति में है और बहुत बड़ी तेजी और बहुत बड़ी मंदी दोनों के ही असर कम हैं। अगर परिस्थितियां समान रहती हैं तो ओवरऑल रुझान यही बनता है कि बाजार में ऊपर जाने की बजाय नीचे जाने का चांस ज्यादा है। इसलिए ऐसी स्थिति में आपको माल को निकालने का सोचना चाहिए। अगर आप माल नहीं निकाल रहे हैं तब भी आपको स्टॉप लॉस की स्ट्रैटेजी को भूलना नहीं चाहिए। कहने का मतलब यही है कि अगर जयपुर में सरसों के भाव 6500 के नीचे जाते हैं तो तुरंत प्रभाव से माल निकालना ही बेहतर होगा। अगर भाव 6700 के ऊपर बने रहते हैं तो ऊपर में 7000 के भाव का इंतजार किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए यह जरूरी होगा कि पाम तेल के बाजार में लगातार तेजी बनी रहे। व्यापार अपने विवेक से ही करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।