क्या प्याज निकालने का सही समय आ गया है | मंडियों में प्याज़ के बाजार से क्या आ रही है आवक
प्रिय किसान भाइयों, मंडी भाव टुडे की रिपोर्ट में आप सभी का स्वागत है। आज की तारीख 24 सितंबर 2024 है और दिन मंगलवार। आज हम बात करेंगे कि आजादपुर मंडी में प्याज का क्या भाव चल रहा है, बाजार की स्थिति कैसी है, आवक कितनी है और मंडी में किस प्रकार का माहौल बना हुआ है। हम प्याज के बाजार में हो रही हलचल और भाव की स्थिति पर गहराई से चर्चा करेंगे। इसके साथ ही, प्याज की क्वालिटी और विभिन्न राज्यों से आई गाड़ियों की संख्या पर भी नजर डालेंगे।
आजादपुर मंडी में प्याज की आवक
मंडी की आवक पर नजर डालें तो आज की आवक पिछले दिन के मुकाबले थोड़ी कम रही है। आज मंडी में 49 नई गाड़ियां प्याज लेकर आई हैं, जबकि कल 38 गाड़ियां थीं। इसके अलावा, 26 गाड़ियां फड़ो पर उतारी गई हैं, जिससे कुल मिलाकर 113 गाड़ियां मंडी में पहुंची हैं।
राज्यों से आई गाड़ियों की संख्या:
- राजस्थान: 23 गाड़ियां
- मध्य प्रदेश: 29 गाड़ियां
- नासिक: 10 गाड़ियां (4 व्यापारी की और 6 नेफेड की)
- पुणे: 5 गाड़ियां (4 व्यापारी की और 1 कोल्हापुर की)
- कर्नाटक (बेंगलुरु, हुबली): 4 गाड़ियां
- एनसीसीएफ: 11 गाड़ियां
- नेफेड: 5 गाड़ियां (फ्रेश माल)
आज का बाजार थोड़ा धीमा नजर आ रहा है। मंगलवार के दिन आमतौर पर बाजार में हलचल कम रहती है, और आज भी भाव स्थिर बने हुए हैं। न तो भाव में कोई खास बढ़ोतरी हुई है और न ही गिरावट। मंडी के अंदर प्याज की कीमतें सामान्य रूप से चल रही हैं।
क्वालिटी की बात करें तो, पुणे से आया माल इस समय बेहतरीन क्वालिटी का है, लेकिन बाजार के भावों के अनुसार वह लाभकारी साबित नहीं हो रहा है। पुणे में प्याज का लोकल भाव 47 से 52 रुपये प्रति किलो है, जबकि यहां मंडी में 55 रुपये से ऊपर बिकने पर ही लागत निकलती है।तो यहाँ किसान भाई माल कम लाते है और राजस्थान से आए माल में अजमेर और कुचामन की प्याज बेहतर क्वालिटी की है। अजमेर की प्याज औसतन अच्छी मानी जा रही है, जबकि कुचामन की पीली पत्ती वाली प्याज 15 से 20% क्वालिटी के हिसाब से अच्छी है। बाकी मालों की क्वालिटी हल्की है।
मध्य प्रदेश से आए प्याज की क्वालिटी में थोड़ी दिक्कतें देखी जा रही हैं। कुछ मालों में धागे की शिकायत है और कलर भी हल्का है, हालांकि साइज बेहतर है। वहीं, सरकारी माल भी औसत क्वालिटी का है, जो बहुत उच्च श्रेणी में नहीं गिना जा सकता।
आजादपुर मंडी में प्याज के भाव
पिछले हफ्ते के मुकाबले प्याज के बाजार में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। सोमवार से शुरू होकर, मार्केट ने ऊपर की ओर बढ़ना शुरू किया और कल तक 2000 रुपये प्रति क्विंटल के ऊपर बने रहने थे । हालांकि, आज की स्थिति में यह हो सकता है कि भाव में 50 से 100 रुपये की गिरावट देखने को मिले, जिसका मुख्य कारण आवक की स्थिति और सरकारी माल का प्रभाव है।
राजस्थान से आये प्याज के भाव
कुचामन एरिया (पीली पत्ती): अच्छे साइज और कलर वाले माल 1800-1850 रुपये प्रति (मन 40 किलो) में बिक रहे हैं।
अजमेर (रेड कलर वाला प्याज): बेहतरीन क्वालिटी का प्याज 1950 रुपये प्रति (मन 40 किलो) के रेंज में है। अन्य अच्छे माल 1700-1800 रुपये प्रति (मन 40 किलो) में बिक रहे हैं।
एवरेज क्वालिटी: 1600-1750 रुपये प्रति (मन 40 किलो)।
हल्के माल: इनके भाव क्वालिटी के हिसाब से कम हैं।
मध्य प्रदेश (एमपी):
सुपर क्वालिटी: 1900-1950 रुपये प्रति (मन 40 किलो)।
अच्छे माल: ज्यादातर 1800-1850 रुपये प्रति (मन 40 किलो) की रेंज में।
हल्के माल: 1700-1750 रुपये प्रति (मन 40 किलो) में बिक रहे हैं, जबकि जिनमें दागी या कार्बन की समस्या है, वे 1700 से कम में बिक रहे हैं।
सरकारी माल (नेफेड, एनसीसीएफ):
1700-1800 रुपये प्रति (मन 40 किलो) की रेंज में बिक रहे हैं। अच्छे सरकारी माल 1800-1850 रुपये प्रति (मन 40 किलो) के आसपास हैं।
नासिक:
अच्छे व्यापारी माल: 1900-1950 रुपये प्रति (मन 40 किलो)।
एवरेज माल: एनसीसीएफ और नेफेड के बराबर, यानी 1750-1850 रुपये प्रति (मन 40 किलो) की रेंज में।
पुणे:
सुपर क्वालिटी: 2000-2050 रुपये प्रति (मन 40 किलो), लेकिन ये रेट पूरी गाड़ी का नहीं, बल्कि छोटे लॉट्स के लिए हैं। पूरे गाड़ी का भाव आम तौर पर 1900-2000 रुपये प्रति (मन 40 किलो) की रेंज में होता है।
कुल मिलाकर:इस साल बाजार ने किसानों की उम्मीदों को पूरा किया है। जनवरी-फरवरी के बाद से प्याज की कीमतें 45-50 रुपये प्रति किलो रही हैं, जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही हैं। मौसम की वजह से माल की कमी और नुकसान ने भाव को बढ़ा दिया है, जिससे किसान भाई संतुष्ट महसूस कर रहे हैं।
सरकारी माल का प्रभाव
सरकारी माल की उपलब्धता के कारण अच्छे माल के भाव पर दबाव पड़ा है। सरकारी प्याज, जो नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा बाजार में लाया जा रहा है, उसकी वजह से ग्राहकों की प्राथमिकता में बदलाव आया है। आज की स्थिति में, एनसीसीएफ से 11 गाड़ियां प्याज आई हैं, जिसमें 3 गाड़ियां कल की खड़ी हुई हैं। नेफेड के फड़ो पर भी कुछ गाड़ियां पहुंचने वाली हैं, और इसकी डिटेल 12:00 बजे के बाद साझा की जाएगी।
सरकारी प्याज की उपलब्धता जब मंडी में होती है, तो व्यापारी वर्ग में अक्सर घबराहट देखी जाती है। सरकारी प्याज का भाव 1700 से 1850 रुपये प्रति क्विंटल के बीच होता है, जबकि व्यापारी का माल इस कीमत पर लाभकारी साबित नहीं हो पाता। अगर व्यापारी का माल बेचना हो और क्वालिटी अच्छी हो, तो 2000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक का भाव जरूरी होता है। सरकारी माल की तुलना में व्यापारी माल की बिक्री में कमी आ जाती है, क्योंकि ग्राहक सस्ते सरकारी माल की ओर आकर्षित होते हैं।
कर्नाटक से प्याज की आवक
कर्नाटक से प्याज की आवक में तेजी आने की संभावना है। यदि वहां की क्वालिटी अच्छी रहती है और बारिश नहीं होती है, तो नई प्याज की आमदनी देखने को मिल सकती है। हालाँकि, वर्तमान में बारिश के चलते क्वालिटी पर असर पड़ सकता है, जिससे 30 से 40% माल हल्का हो सकता है और दाग की शिकायत बढ़ सकती है। वहीं, 50 से 60% क्वालिटी वाले माल में साइज बेहतर होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश की स्थिति
मध्य प्रदेश से प्याज की आवक की स्थिति , रतलाम में 725 ट्रॉली, इंदौर में 65 से 70 कट्टे, और शाजापुर में 25 से 30 हजार कट्टे की आमदनी हो रही है। हालांकि, क्वालिटी की दृष्टि से स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। लगभग 80 से 85% माल औसत या हल्की क्वालिटी का है, और केवल 5 से 10% माल ही सुपर क्वालिटी का है।
मध्य प्रदेश में प्याज की उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। भले ही आमदनी अच्छी हो, लेकिन माल की कम उपलब्धता की रिपोर्ट्स चिंता का विषय है। पिछले दिनों की तरह अगर आमदनी लगातार बनी रही, तो भविष्य में प्याज के भाव में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहेगी।
महाराष्ट्र से प्याज की आवक और बाजार
महाराष्ट्र से आने वाले दिनों में प्याज की आवक में बदलाव देखने को मिल सकता है। फिलहाल पुराने माल की आवक महाराष्ट्र से कम हो रही है, लेकिन एनसीसीएफ और नेफेड की प्याज की आमदनी जारी रहेगी। इसके अलावा, अफगानिस्तान से आने वाले प्याज की खबरें भी आ रही हैं। अफगानी प्याज का भाव 45 रुपये प्रति किलो से अधिक है, और अगर वहां से लोडिंग बढ़ती है, तो मंडी में प्याज की आवक बढ़ सकती है।
दक्षिण भारत से भी प्याज की आवक बढ़ने की संभावना है, आज मंडी में पांच गाड़ियां आई हैं, जिनमें से एक कोल्हापुर से और चार गाड़ियां कर्नाटक के बेंगलुरु और हुबली क्षेत्र से आई हैं।
सोलापुर की बात करें, तो वहां 80 हजार से अधिक कट्टा प्याज मौजूद है, और आगे चलकर 400 से अधिक गाड़ियां बेंगलुरु से आने की संभावना है। कुल मिलाकर दक्षिण भारत से 550 से 600 गाड़ियों की आवक हो सकती है, और आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ सकती है। अगर क्वालिटी अच्छी होती है, तो इसका असर मंडी में प्याज की आवक पर भी पड़ेगा।