गेहूं को स्टॉक करना चाहते हैं तो गेहूं की रिपोर्ट जरूर देख लें | गेहूं के बाजार की स्थिति और तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरकार ने पूरे साल गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने का भरसक प्रयास किया । हालांकि इसमे कोई बड़ी सफलता नहीं मिली । FCI ने ओपन मार्केट सेल पूरी की, लेकिन गेहूं के दाम ऊंचे ही बने रहे
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के तहत 3.00 मिलियन टन यानि कि 30 लाख टन गेहूं का लगभग पूरा स्टॉक ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) में बेच दिया, लेकिन इसके बावजूद बाजार में कीमतें 100-150 रुपए से ज्यादा उपर नीचे नहीं हुई । और जो भाव नीचे गया उसके 1-2 दिन में ही भाव फिर से तेज हो गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने 2023-24 में गेहूं उत्पादन का अधिक अनुमान लगाया, जिसके चलते ओपन मार्केट सेल के लिए कम आवंटन किया गया। पिछले वित्त वर्ष (FY24) में FCI ने आम चुनावों को देखते हुए 9.41 मिलियन टन गेहूं बेचा था, जिससे कीमतों को काबू में रखा जा सके।
सरकार और व्यापारियों के आंकड़ों में अंतर
• सरकार का अनुमान: 2024-25 में गेहूं उत्पादन 115.4 मिलियन टन, जबकि पिछले वर्ष यह 113.2 मिलियन टन था।
• व्यापारियों का अनुमान: 2023-24 में उत्पादन 100-106 मिलियन टन और 2024-25 में 105-110 मिलियन टन।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी आंकड़े अधिक दिखाए गए हैं, जिससे आयात शुल्क में कटौती की मांग बार-बार उठी, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
मंडियों के ताजा भाव
मंडियों के ताजा भाव को देखें तो दिल्ली मंडी में पुराना गेहूं एमपी, यूपी, राजस्थान लाइन 3050 रुपए प्रति क्विंटल, नया गेहूं एमपी, यूपी, राजस्थान लाइन 2925 रुपए प्रति क्विंटल, सिवानी मंडी में 2800 रुपए प्रति क्विंटल, पिपरिया मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं 2450/2550 रुपए प्रति क्विंटल, बेस्ट क्वालिटी गेहूं 2675 रुपए प्रति क्विंटल, बहजोई मंडी में 2725 रुपए प्रति क्विंटल, गंजबसोदा मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं 2500/2600 रुपए प्रति क्विंटल, 1544 गेहूं 2600/2800 रुपए प्रति क्विंटल, सरबती गेहूं 3200/3600 रुपए प्रति क्विंटल, हरदोई मंडी में 2850 रुपए प्रति क्विंटल, नजफगढ़ मंडी में 2800/2900 रुपए प्रति क्विंटल, नरेला मंडी में 2800/3050 रुपए प्रति क्विंटल, बुलंदशहर मंडी में 2850 रुपए प्रति क्विंटल, गंगानगर मंडी में 2840/2850 रुपए प्रति क्विंटल और बीकानेर मंडी (मिल डिलीवरी) में गेहूं (नेट) 2880 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।
नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
बाजार में गेहूं के दाम क्यों ऊंचे बने हुए हैं?
• 13 मार्च को अखिल भारतीय औसत गेहूं कीमत 2,950.1 रुपये प्रति 100 किलोग्राम थी, जो सालाना आधार पर 7.4% अधिक, लेकिन माह दर माह 1.1% कम थी।
• नए गेहूं की आवक धीरे-धीरे शुरू हो रही है, लेकिन कुल आपूर्ति कम होने के कारण कीमतें ज्यादा बनी हुई हैं।
• सरकार का कहना है कि व्यापारी स्टॉक जमा कर रहे हैं, लेकिन व्यापारियों के अनुसार, ऐसा नहीं है।
सरकार का स्टॉक नियंत्रण और बाजार पर प्रभाव
• FCI का गेहूं स्टॉक 1 मार्च तक 13.4 मिलियन टन था, जो पिछले साल की तुलना में 38% अधिक और बफर स्टॉक (13.8 मिलियन टन) के लगभग बराबर था।
• सरकार ने पिछले 9 महीनों में स्टॉक सीमा तीन बार कड़ी की, जिससे थोक व्यापारी 31 मार्च तक 250 टन से अधिक स्टॉक नहीं रख सकते, जबकि जून में यह सीमा 3,000 टन थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को बाजार में अधिक गेहूं जारी करना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय FCI ने अधिक स्टॉक जमा कर लिया, जिससे आपूर्ति बाधित हुई।
मिलर्स की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया
• मिलर्स ने 500,000 टन अतिरिक्त गेहूं जारी करने की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी।
• FCI का अनुमान है कि 31 मार्च तक उसका गेहूं स्टॉक 10.0-11.8 मिलियन टन रहेगा, जो पिछले साल के 7.5 मिलियन टन से अधिक है।
क्या कहते हैं FCI के गेहूं बिक्री के आंकड़े
• OMSS नीलामी में गेहूं का उच्चतम औसत बिक्री मूल्य 3,031.6 रुपये प्रति 100 किलोग्राम रहा।
• 2024-25 में गेहूं का औसत बिक्री मूल्य 2,799.8 रुपये प्रति 100 किलोग्राम रहा, जबकि पिछले साल यह 2,297 रुपये था।
• FCI ने पिछले वित्त वर्ष में 260 अरब रुपये की आय गेहूं बिक्री से की थी।
2025-26 के लिए गेहूं बाजार की संभावनाएं
• विशेषज्ञों का कहना है कि अगले साल गेहूं की स्थिति बेहतर रहेगी, क्योंकि उत्पादन अधिक और ओपनिंग स्टॉक मजबूत रहेगा।
• हालांकि, बाजार में असली सवाल यह है कि सरकार 31 मिलियन टन खरीद का लक्ष्य पूरा कर पाएगी या नहीं।
• व्यापारियों का कहना है कि निजी व्यापारियों की खरीद बढ़ेगी, लेकिन सरकारी खरीद 26.6 मिलियन टन के आसपास बनी रह सकती है।
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मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद प्रोत्साहन
• मध्य प्रदेश सरकार ने 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित किया।
• राजस्थान सरकार ने 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित किया।
• उत्तर प्रदेश में सरकार ने कोई बोनस नहीं दिया, लेकिन मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीद पर विशेष रुचि दिखाई। राज्य में 17 मार्च से 15 जून तक गेहूं खरीद होगी।
हालांकि, बाजार में ऊंची कीमतों के चलते किसान निजी व्यापारियों को ही अधिक गेहूं बेच सकते हैं, जिससे सरकारी खरीद लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो सकता है।
फिलहाल क्या है स्थिति
1. FCI ने 3 मिलियन टन गेहूं की बिक्री पूरी कर ली, लेकिन बाजार में ऊंची कीमतों को कम नहीं कर सका।
2. सरकारी और व्यापारिक आंकड़ों में बड़ा अंतर है, जिससे बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
3. सरकार ने स्टॉक सीमा कड़ी कर दी, जिससे व्यापारी बड़े पैमाने पर गेहूं नहीं रख पा रहे हैं।
4. FCI का गेहूं स्टॉक पिछले साल की तुलना में अधिक है, लेकिन सरकार अतिरिक्त रिलीज करने को तैयार नहीं दिख रही।
5. राज्य सरकारें गेहूं खरीद बढ़ाने के लिए बोनस दे रही हैं, लेकिन ऊंची कीमतों के चलते किसान निजी व्यापारियों को ही प्राथमिकता दे सकते हैं।
अप्रैल 2025 तक बाजार की स्थिति बदल सकती है, लेकिन फिलहाल सरकारी खरीद लक्ष्य पूरा करना चुनौती बना हुआ है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।