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क्या आपके पास अभी तक सरसों रखी हुई है? तो ये रिपोर्ट आप जरूर देख लें

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किसान साथियों और व्यापारी भाइयों हमने अपनी कल की रिपोर्ट में सरसों के बाजार में तेजी लाने वाले और मंदी लाने वाले दोनों ही घटकों का अध्ययन किया था। इस विश्लेषण के बाद हमने यह बताया था कि भले ही विदेशी बाजारों में तेजी चल रही हो लेकिन घरेलू बाजार में सरसों का भाव फिलहाल संतुलन में दिखाई दे रहा है और यहां से आगे कोई बड़ी तेजी मंदी आने की उम्मीद नहीं है। मंगलवार के कारोबार ने इस बात की पुष्टि कर दी। सरसों के भाव सुबह मुनाफा वसूली की दबाव में नीचे की तरफ जरूर चले थे लेकिन शाम को आई ₹50 की रिकवरी यह साबित करती है कि सरसों में इस समय दोनों तरफ का जोर लग रहा है ना ही बड़ी तेजी और ना ही बड़ी मंदी आने की चांस है। अगर आप सरसों के पुराने किसान और व्यापारी हैं तो पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखते हुए हमे यह नहीं भूलना चाहिए कि दिवाली के बाद सरसों के बाजार दबाव में ही दिखे हैं। अभी तक की तस्वीर कुछ अलग नहीं है। बस हुआ यह है कि पिछले हफ्ते पाम तेल में आयी तूफानी तेजी ने बाजार में चल रही मंदी को रोक लिया है । और जिस तरह की खबरें पाम तेल के उत्पादन और स्टॉक को लेकर चल रही हैं उसी के आधार पर हम बाजार को संतुलित बता रहे हैं। अन्यथा बाजार का झुकाव नीचे की तरफ ही था।

किसान साथियों कुछ ऐसी भी बातें हैं जो सरसों के बाजार को प्रभावित कर रही है जिनकी चर्चा करना जरूरी है। दोस्तो सरसों की बुवाई का सीज़न चल रहा है और धीरे धीरे सरसों के बुवाई आंकड़े आने शुरू हो जाएंगे। ये आंकड़े आने वाले समय में सरसों भाव को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे। चर्चायें चल रही हैं कि सरसों का बुवाई रकबा इस बार घटने वाला है लेकिन फेसबुक और यूट्यूब के कमेन्ट के आधार पर ऐसा निष्कर्ष निकालना सही नहीं है। बहरहाल अगर सरसों का रकबा घटता है तो यह आगे चलकर भाव को सपोर्ट करेगा। इसके अलावा सरसों की आवक अगला बड़ा घटक है जो भाव को प्रभावित करेगा। इस समय सरसों की आवक 2 लाख बोरी के आसपास चल रही है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पिछले साल 6 नवंबर 2023 को ही सरसों की आवक 525000 बोरी की थी और जयपुर का भाव 5900 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा था। इस साल सरसों की आवक का कम रहना इस बात का पुख्ता प्रूफ है कि किसानों और स्टॉकिस्टों के पास पिछले साल के मुकाबले सरसों कम है। एक अनुमान के मुताबिक इस समय भारत में कुल 36 लाख टन सरसों का स्टॉक मौजूद है और इसमें सरकारी स्टॉक भी शामिल है।  हर महीने कि खपत के हिसाब से देखें तो भारत में लगभग 10 लाख टन सरसों की खपत होती है।  नई फसल के आने में कम से कम 4 महीने का समय बाकी है। इस हिसाब से देखें तो सरसों तेज होनी चाहिए। लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि इस समय जयपुर में सरसों का भाव 6825 रुपये चल रहा है जो कि पिछले साल 5900 का था। इससे यह पता चलता है कि सरसों का बाजार पिछले साल के मुकाबले पहले से ही काफी तेज है। इसलिए इसमें यहां से आगे बहुत बड़ी तेजी की उम्मीद करना वाजिब नहीं लगता। मंडी भाव टुडे का मानना है कि इस समय जिन किसानों और व्यापारी भाइयों के पास सरसों रखी हुई है उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए अगर आज भी सरसों के बाजार में सुधार नहीं होता है या फिर आज बाजार मंदे की तरफ जाते हैं तो तुरंत प्रभाव से अपना माल निकाल देना चाहिए। दोस्तों दी गई रिपोर्ट अनुमानों पर आधारित है अनुमान कभी भी बदल सकते हैं इसलिए व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।

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ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों अब यह जान लेते हैं कि इस समय बाजार में क्या भाव देखने को मिल रहा है। सोमवार को आई तूफानी तेजी के बाद मंगलवार को बाजारों में मुनाफा वसूली देखने को मिली । जयपुर में सरसों के भाव ₹25 कमजोर होकर 6800 प्रति क्विंटल के रह गए। भरतपुर में भी बाजार कमजोर हुआ और सरसों के भाव 6450 रुपए के रह गए । बात दिल्ली और चरखी दादरी मंडी की करें तो यहां पर भी सरसों के भाव में ₹50 तक की कमजोरी देखने को मिली और भाव क्रमश 6700 और 6675 के रहे । अन्य व्यापारिक केंद्रों के भाव को देखें तो सिवानी में सरसों का भाव 6311, निवाई में 6475, टोंक में 6455, खैरथल में 6500, ग्वालियर में 6200, मुरैना में 6250, हिसार में 5900, बरवाला में 6150 और अलवर में 6600 प्रति क्विंटल के भाव देखने को मिले। ।

प्लांटों पर सरसों 50 रुपये तक कमजोर
विदेशी बाजार में आई मुनाफा वसूली का सबसे बड़ा प्रभाव प्लांट पर ही देखने को मिला।  सलोनी प्लांट पर सरसों के रेट जो की 7650 के चल रहे थे वह कल कमजोर  होकर 7520 के रह गए थे । हालांकि शाम को इसमें फिर से ₹50 का सुधार हुआ और भाव 7570 प्रति क्विंटल के हो गए। अन्य प्लांट की बात करें तो शारदा और बीपी प्लांट पर भी सरसों के भाव ₹50 घटकर 7150 के स्तर पर आ गए। गोयल कोटा पर  रेट 6600 का हो गया है। अडानी अलवर और बूंदी प्लान्ट पर भी सरसों के भाव 50 रुपये कमजोर होकर क्रमशः 6750 और 6850 रुपये के रह गए ।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
जैतसर मंडी: 5780 रुपए प्रति क्विंटल, घड़साना मंडी: 5564 से 5978 रुपए प्रति क्विंटल, सूरतगढ़ मंडी: 5442 से 5802 रुपए प्रति क्विंटल, देवली मंडी: 5000 से 6500 रुपए, सरसों 42% 6470 से 6500 रुपए प्रति क्विंटल, नोहर मंडी: 5900 से 6350 रुपए प्रति क्विंटल, बीकानेर मंडी: 5200 से 5701 रुपए प्रति क्विंटल, गोलूवाला मंडी: 6080 रुपए प्रति क्विंटल, सिरसा मंडी: 5500 से 6000 रुपए प्रति क्विंटल, ऐलनाबाद मंडी: 5500 से 5900 रुपए प्रति क्विंटल

विदेशी बाजारों की अपडेट
मलेशिया के बाजार में कल मुनाफावसूली देखने को मिली। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, BMD पर जनवरी पाम तेल वायदा 86 रिगिट यानी की 1.76 % की गिरावट के बाद 4,805 रिगिट प्रति टन पर बंद हुआ। चीन में भी गिरावट का रुझान दिखा । चीन में डालियान एक्सचेंज का सोया तेल वायदा  0.74 % कमजोर हो गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.76 % घट गया। अमरीका में भी खाद्य तेल कमजोर हुए और मंगलवार को शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड  (CBOT) पर सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.44 % की गिरावट दर्ज की गईं।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।