क्या 2025 में आपकी सरसों 7000 के उपर बिक सकती है | जाने सरसों की सटीक रिपोर्ट में
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों सरसों का बाजार इस समय एक सीमित रेंज में कारोबार कर रहा है। सरसों की आवक कमजोर बनी हुई है। किसान अपनी सरसों को रोकते हुए नजर आ रहे हैं। मंडी मार्केट मीडिया ने अपनी पिछली रिपोर्ट में इसी तरह की परिस्थिति रहने की बात कही थी। साथियो हमारे बहुत सारे किसान और व्यापारी हैं जिन्हें सरसों के बाजार की दिशा दशा की जानकारी की जरूरत है। मंडी मार्केट मीडिया ने पिछले पांच वर्षों में भारत के सरसों बाजार में उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव देखने को लेकर कुछ आंकड़े इकठ्ठा किए हैं जो आपको बाजार की दिशा दशा समझने में मदद कर सकते हैं। इन उतार चढ़ावों के क्या कारण रहे और मौजूदा हालात क्या हैं आप इस रिपोर्ट के माध्यम से समझ सकते हैं और सही समय पर सही निर्णय ले सकते हैं अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9729757540 पर संपर्क करें।
2021-2022: साथियो 2021-22 का साल सरसों किसानों के लिए सुनहरा साल था। इस अवधि में सरसों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी ऊपर थे। नवंबर 2022 तक भाव ₹ 7,500 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे, प्लांटों के खऱीद भाव 8000 की रेंज से उपर चल रहे थे। इस तेजी का बड़ा कारण घरेलू मांग में तेजी और आपूर्ति की कमी थी। की जानकारी के लिए बता दें कि यह समय था जब मलेशिया में पाम तेल का भाव 7500 रिंगिट प्रति टन के पार पहुंच गया था। इसी तरह से अमेरीका के CBOT पर भी सोया के भाव 75¢ के उपर चले गए थे। आयात महंगा था, उत्पादन कम था इसलिए सरसों के भाव 7500 के पार हो गए थे।
2022-2023: इस साल में सरसों के ऊंचे भाव को देखते हुए किसानों ने सरसों का रकबा बढ़ा दिया । मौसम भी अनुकूल रहा और सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड 128 लाख टन तक पहुंच गया। कुल बुवाई क्षेत्र बढकर 98 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले पांच साल के औसत से 64% अधिक था। इस बंपर फसल के चलते मंडियों में कीमतें MSP ₹ 5,450 प्रति क्विंटल से नीचे आ गईं, जिससे सरकार को मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत खरीद शुरू करनी पड़ी थी।
2023-2024: इस साल में भी ऊंचे भाव की उम्मीद में सरसों का रकबा और उत्पादन का बढ़ता रुख जारी रहा और सरसों की फसल लगभग 140 लाख टन आंकी गई। विदेशी बाजारों में भी जबरदस्त गिरावट हुई और मलेशिया में पाम तेल के भाव 4000 रिंगिट के नीचे फिसल गए और अमेरीका में CBOT पर सोया तेल के भाव 50 सेंट के नीचे आ गए। भारत में सरकार के खरीद प्रयासों के बावजूद, प्रमुख मंडियों जैसे भरतपुर (राजस्थान) में औसत भाव ₹ 5,013 रहे, जो MSP ₹ 5,650 से काफी नीचे थे। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें। मंडियों में सरसों की जबरदस्त पिटाई हुई और हाजिर मंडियों के नॉन कन्डीशन सरसों भाव 4500 से 4800 की रेंज में रह गए।
साल 2024-2025 में क्या हुआ
मार्च 2024 तक सरसों के उत्पादन को लेकर बहुत गलत सलत आंकड़े पेश किए गए। अलग-अलग एजेंटीयों ने अलग-अलग सरसों के उत्पादन आंकड़े दिए। उत्पादन को बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताया गया था लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं था। मई 2024 आते-आते सरसों की कमजोर आवक को देखने के बाद यह साफ हो गया कि उत्पादन में पोल है। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें। विदेशी बाजारों का भी सपोर्ट मिला और सरसों के भाव जो की जयपुर में 5350 के भाव में पिट रहे थे 15 दिन में ही 1000 रुपये उछल कर 6300 के स्तर पर पहुँच गए। दिवाली का त्योहार आते आते जयपुर सरसों 7125 तक बिक गयी। ऊंचे भाव को देखकर नाफेड ने सरसों की ज़बरदस्त बिकवाली की। नया सीज़न मार्च 2025 का महीना आते आते भाव फिर से 6025 तक के भाव जयपुर में दिखे लेकिन इससे नीचे नहीं गए।
खाद्य तेल आयात का असर
2022-2023 के तेल वर्ष में भारत का खाद्य तेल आयात 17% बढ़कर रिकॉर्ड 164.7 लाख टन हो गया, जिसमें पाम, सोया और सूरजमुखी तेल शामिल थे। सस्ते आयातित तेलों की इस भरमार ने घरेलू सरसों तेल की मांग को घटाया, जिससे किसानों और मिल मालिकों को नुकसान झेलना पड़ा।
सरकारी हस्तक्षेप:
गिरती कीमतों को देखते हुए NAFED और NCCF जैसी एजेंसियों ने अप्रैल 2024 तक हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में लगभग 5.6 लाख टन सरसों की खरीद की। हालांकि ये हस्तक्षेप कीमतों को MSP से ऊपर स्थिर करने में पर्याप्त नहीं रहे, जिसका मुख्य कारण अत्यधिक उत्पादन और तेल आयात का दबाव रहा।
क्या सरसों में 7000 के उपर के भाव मिलेंगे?
साथियों जैसा कि हमने बताया इस साल भी सरसों के उत्पादन को बढ़ा चढ़ा कर बताया गया है लेकिन सरसों की कमजोर आवक उत्पादन में पोल रहने का खुलासा कर रही है। यही कारण है कि सरसों का सीजन होने के बावजूद इस समय जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव 6350 और भरतपुर में भाव 5900 के स्तर के आसपास चल रहे हैं। सरसों के भाव सरसों खली के निर्यात भाव से भी प्रभावित होते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की पिछले साल सरसों खल का निर्यात और भाव दोनों कमजोर हुए हैं। यह भी एक वज़ह है कि जयपुर में 6400 के उपर के भाव पर रजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 2 सालों से सरसों के व्यापारियों और मिलर्स को नुकसान हो रहा था इसलिए ऊंचे भाव में यह लोग सरसों खरीद करने से डर रहे हैं। लेकिन बड़े प्लांटों की खरीद बनी हुई है और पिछले साल का स्टॉक मौजूद नहीं है । मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि आने वाले समय में सरसों की आवक और घटेगी। अगर विदेशी बाजारों में कोई भारी गिरावट नहीं होती है तो मई महीने के बाद सरसों के भाव ऊपर की तरफ चलने लग सकते हैं। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें। लेकिन आपको अंतराष्ट्रीय घटनाक्रम पर नजर रखने की जरूरत है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही टेरिफ वार बाजार को किसी तरफ भी लेकर जा सकती है। वैसे फंडामेंटल को देखें तो सरसों का बाजार कमजोर नहीं लगता और अगर और गिरावट होती है तो इसे खऱीद का अवसर समझना चाहिए। छोटी मोटी गिरावट से डरने की जरूरत नहीं दिखती। मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि पिछले साल जैसे 7000 तक के भाव दिवाली आने तक आराम से दिख जाएंगे। व्यापार अपने विवेक से करें
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।