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सरसों में बदलने लगा है माहौल | जानिए क्या है खबर | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

sarson report

सरसों में क्या बन रही स्थिति , सरसों किसान एक बार जरूर पढ़ें 

किसान साथियों ईन दिनों विदेशी बाजार सरसों के भाव को नीचे और घरेलु डिमांड सरसों भाव को ऊपर खींचने का काम कर रही है। अब जिस तरफ का माहौल मजबूत होगा, सरसों उसी तरफ जायेगाी। इसके लिए आप सभी को थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है और लगातार आपको "टुडे मंडी भाव" के साथ बने रहने की जरुरत है क्यूंकि आपको हम समय समय पर स्थिति से अवगत करवा रहे है। हमारी कोशिश है कि आपका किसी भी तरह से नुकसान ना हो। 

साथियो पिछले एक हफ्ते से सरसों का बाजार ठहर सा गया है। हालांकि समय समय पर ऐसी खबरे आती रहती है जिससे बाजार में बहुत बड़ी हलचल पैदा हो जाती है।  ऐसी ही खबर हम आपको यहाँ बताएँगे। 

सस्ता हुआ खाने का तेल 

किसान भाइयों, पिछले कुछ महीनों में खाने के तेलों में भारी गिरावट आने के कारण दिल्ली, तेल-तिलहन बाजार में सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि अब निचले भावों पर मांग निकलने से सरसों, पामोलीन तेल, सोयाबीन, और अन्य तिलहन में कुछ सुधार दर्ज हुआ है।

आयातित तेल बन रहे मुसीबत

 

जी हां दोस्तों, लगभग दो से ढाई महीने पहले सरकार द्वारा दो साल के लिए प्रत्येक वर्ष बीस-बीस लाख टन सोयाबिन और सूरजमुखी तेल का शुल्क मुक्त आयात करने की छूट दिए जाने के बाद अब जाकर इन तीनों की सप्लाई चेन टूटने का खतरा मंडराने लगा है। भारत में स्थिति यह है कि इन खाद्य तेलों की आयात की मासिक मांग लगभग दो से ढाई लाख टन की है। और सरकार की साल में बीस लाख टन के शुल्क मुक्त आयात की छूट के हिसाब से महीने में केवल लगभग एक लाख पैंसठ हज़ार टन छूट वाला तेल ही आयात किया जा सकेगा। क्योंकि अधिक तेल पर शुल्क देना पड़ेगा।

व्यापारी भी मुश्किल में 

अब आप ही सोचिए कि देश में महीने के भीतर दो से ढाई लाख टन की मांग के मुकाबले आयात अगर एक लाख पैंसठ हज़ार टन प्रति माह का होगा तो मांग और सप्लाई का एक बड़ा अंतर देखने को मिल सकता है। बाकी आयात के लिए सात रुपए किलो के हिसाब से शुल्क अदा करना होगा। ऐसे में कोई आयातक नए सौदे नहीं खरीद रहा है। जिससे आयात गिर सकता है। इससे देश को राजस्व की हानि तो हो ही रही है और दूसरी तरफ खुदरा बाज़ार में अधिकतम खुदरा मूल्य की वजह से उपभोक्ता को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि शुल्क मुक्त होने के बावजूद खुदरा बाज़ार में उपभोक्ताओं को सोया रिफाइंड पर पच्चीस से तीस रुपए लीटर और सूरजमुखी तेल पर पचास से साठ रुपए लीटर अधिक कीमत अदा करनी पड़ रही है। 

क्या करना चाहिए सरकार को और क्या डर है किसानो को 

 

सरकार को खाद्य तेल की सप्लाई चेन को बनाए रखने के लिए सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात की सीमा को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए या फिर पहले की तरह पांच प्रतिशत का आयात शुल्क लगा देना चाहिए। बाज़ार के जानकार मान रहे हैं कि इससे सप्लाई और डिमांड में कुछ सामंजस्य बिठाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि मांग और सप्लाई का अंतर होने की वजह से शुल्क मुक्त खाद्य तेल के हिसाब से बाज़ार भाव तय हो जाने के बाद सात रुपए प्रति लीटर शुल्क अदा वाला यानि के जिस पर शुल्क अदा किया गया है वह आयातित तेल बिना शुल्क वाले तेल से महंगा हो जाएगा जिससे इसका बिकना मुश्किल हो जाएगा। और इससे तेल मिलो का कामकाज और स्थानीय किसान भी प्रभावित होंगे। सस्ते आयात तेल के आगे किसानों को अपनी उपज के कम दाम मिलने का खतरा उत्पन्न होगा। साथियो सरकार को आज नहीं तो कल इस स्थिति का सामना करना ही है। सरसों के भाव की बात करें तो मंडियों में ओवर ऑल स्थिरता से लेकर हल्की तेजी का ही माहौल देखने को मिल रहा है

क्या रहे हाज़िर मंडियों के भाव 

शनिवार के बाजार की बात करें तो शनिवार को गोयल कोटा प्लान्ट पर 100 रुपये का उछाल देखने को मिला है खरीद भाव 100 रुपये बढ़कर 6400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सलोनी प्लान्ट पर भाव 6950 पर बने हुए हैं। मलेशिया में दो दिन से बाजार बंद है सोमवार को ही विदेशी बाजारो की सही तसवीर और दिशा दशा मिल पाएगी। 

हाजिर मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो राजस्थान में :-
नोहर मंडी में सरसों का भाव ₹5750 प्रति क्विंटल
रावतसर में नॉन कंडीशन सरसों 5360,
रावला में सरसों का भाव 5990 ,
रायसिंहनगर मंडी में सरसों का टॉप भाव 5775,
सादुलशहर मंडी में सरसों का भाव 5735,
अनूपगढ़ में सरसों का प्राइस 5850,
पीलीबंगा में सरसों का रेट 5751,
संगरिया मंडी में सरसों का रेट 5843,
श्रीगंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5971,
श्रीकरणपुर मंडी में सरसों का रेट 5784,
बीकानेर मंडी में सरसों का भाव 5700, 
बूंदी मंडी में सरसों का भाव 5811 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। 

हरियाणा की मंडियों की बात करें तो :-
ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 5963, 
सिरसा मंडी में सरसों का रेट 5795, 
आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5917 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। 

सरसों में आगे क्या

 

किसान साथियो इस साल की परिस्थिति पिछले साल से अलग है पिछले साल ईन दिनों सरसों का स्टॉक बहुत कम था लेकिन इस बार किसानों के पास सरसों का स्टॉक है। इसके अलावा सरकार हर सप्ताह कीमतों की समीक्षा कर रही है। जिस कारण तेल मिलें जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही है। ऐसे में घरेलू बाजार में सरसों की मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन हाल फिलहाल बड़ी तेजी के आसार कम है। इसलिए हमारा मानना है कि सितम्बर के महीने में सरसों निकालने की बजाय दिवाली के त्यौहार तक इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।