सरसों में लौटी तेजी, जाने क्या रहेगा आज मार्केट | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट
सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट | जानें क्या रहेगा आज मार्केट
किसान साथियो सप्ताह का पहला दिन तेल तिलहन के बाजारो के लिए काफी अच्छा रहा। कोई बहुत बड़ी तेजी नहीं देखने को मिली लेकिन ओवर ऑल सेंटीमेंट सुधरता हुआ दिखाई दिया। विदेशी बाजारों ने कई दिन के बाद सुस्ती तोड़ दी। इस रिपोर्ट में हम तेल तिलहन के बाजार की हलचलों के साथ-साथ आने वाले समय में बन रही संभावनाओं पर गौर करेंगे
ताजा मार्केट अपडेट
किसान साथियो मलेशियाई पाम तेल के भाव में तेजी आने के बाद सोमवार को घरेलू बाजार में सरसों एवं इसके तेल की कीमतों में तेजी का माहौल लौटा। या फिर यूँ कह सकते हैं कि गिरावट का दौर रुकता दिखाई दिया। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये की तेजी के बाद होकर 6,875 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सप्ताह का पहला दिन होने के कारण मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 2.30 लाख बोरियों की हुई।
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व्यापारियों के अनुसार नीचे दाम पर मांग निकलने से मलेशिया में पाम तेल की कीमतों में आज बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन इंडोनेशिया सरकार द्वारा पॉम तेल उत्पादों पर निर्यात लेवी को हटा लेने के साथ ही चीन में Covid 19 के कारण फिर से लॉकडाउन की आशंका के कारण मार्केट दबाव में थे लेकिन बाजारों ने इस दबाव को हजम कर लिया। तीन दिन पहले इंडोनेशिया द्वारा पाम तेल के निर्यात शुल्क को पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा के बाद सोमवार को खाद्य तेलों का बाजार टूटने की आशंका जताई गई थी, लेकिन मंडी भाव टुडे ने पहले भी बताया था कि यहां से आगे कोई बड़ा दबाव आने की संभावना कम है। इंडोनेशिया वाली खबर तुरंत ही हजम हो गई और सोमवार को सभी प्रकार के खाद्य तेलों के दाम बढ़ते हुए दिखाई दिए । साथ ही कमजोर डॉलर और तंग आपूर्ति से भी भाव में तेजी को समर्थन मिला।
तेल तिलहन को लेकर यह कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में तेल तिलहन दिशा दशा बहुत बड़ी तेजी नहीं दर्शा रही है क्योंकि चीन में कोरोना 19 के मामले बढ़ने से दोबारा लॉकडाउन का खतरा बना हुआ है और विदेशी बाजारों से भी कोई बहुत अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं। इसलिए विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों बड़ी तेजी के आसार अभी नहीं है।
ऐसे में घरेलू बाजार में भी सरसों की कीमतों में अभी ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। सरकारी निर्देश के बाद अदानी विल्मर ने आज से रिफाइंड खाद्य तेलों की कीमतों में 30 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने का निर्णय लिया है। अन्य कंपनियों पर भी कीमतों में कटौती करने का दबाव है।
विदेशी बाजार अपडेट
विदेशी बाजारों की बात करें तो बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर अक्टूबर महीने के पाम तेल वायदा अनुबंध में 299 रिगिंट की तेजी आकर भाव 3,900 रिगिंट प्रति टन हो गए। इंडोनेशियाई पाम ऑयल एसोसिएशन (GAPKI) के आंकड़ों से पता चलता है कि मई के अंत में भंडारण टैंकों में 7.23 मिलियन टन क्रूड पाम तेल था । अत इंडोनेशिया सरकार ने बढ़ते इन्वेंट्री संकट को कम करने के लिए, साथ ही निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पॉम तेल उत्पादों के निर्यात पर तीन सप्ताह के लिए निर्यात लेवी को हटाया है।
घरेलू बाजार अपडेट
घरेलु बाजारों की बात करें तो सलोनी प्लान्ट (saloni plant sarso rate) पर सरसों के भाव सरसों में हल्की तेजी दिखाई दी और भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढोत्तरी के बाद 7300 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की गई। गोयल कोटा प्लान्ट ने भी 100 रुपये बढ़ाकर 6700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की।
हाजिर मंडियों की बात करें तो राजस्थान की मंडियों में सरसों के भाव (Rajasthan Sarso Rate) में मामूली सुधार दिखाई दिया। नोहर मंडी में सरसों का भाव 6370 रुपये प्रति क्विंटल, रावतसर में सरसों का रेट 6421, संगरिया में सरसों भाव 6341, रायसिंहनगर में सरसों का रेट 6300, श्री विजयनगर में सरसों 6324 रुपये प्रति क्विंटल, पदमपुर में सरसों का रेट 6200, भरतपुर में सरसों 6341, बीकानेर में सरसों रेट 6100 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा ।
हरियाणा की मंडियों में सरसों के भाव (Haryana sarso rate) की बात करें तो ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 6241, सिवानी मंडी में सरसों का भाव 5860, आदमपुर मंडी में सरसों 6244, भट्टू मंडी में सरसों का रेट 6120 और सिरसा मंडी में सरसों का भाव 6011 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा
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तेलों के बाजार की बात करें तो जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को 3-3 रुपये तेज होकर क्रमश - 1,373 रुपये और 1,363 रुपये प्रति 10 किलो हो गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 25 रुपये कमजोर होकर 2,650 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई।
देश की प्रमुख तेल कंपनियों ने सोया और पाम तेल की कीमतों में 10 से 20 रुपए प्रति दस किलोग्राम की तेजी दिखाई। जबकि ऑलिन में 5 रुपए किलो तक की तेजी दिखाई दी | महाराष्ट्र के प्रमुख सोया के प्लांट कीर्ति ग्रुप ने भी सोयाबीन खरीदने का भाव लगभग 50 से लेकर 100 रुपए बढ़ाए । केएलसी में दिनभर तेजी रही और दूसरे सत्र की क्लोजिंग भी प्लस 308 अंकों के साथ हुई ।
बाजार जानकारों ने कहा कि शिकाँगो एक्सचेंज में लगभग 4.25 प्रतिशत की तेजी है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 11 प्रतिशत की मजबूती है | इस मजबूती का असर स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों पर दिखा । जानकारों ने कहा कि जिन ने आयातकों ने ऊंचे भाव पर अपना खाद्य तेलों का आयात कर रखा है, वे दाम टूटने के बाद नीचे भाव पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं। उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और उनके बैंकों का कर्ज डूबने की आशंका जताई जा रही है।
रोके या बेचे
किसान साथियो मौजूदा माहौल को देखते हुए सरसों के किसानों चाहें तो कम से कम एक हफ्ता शांति से अपने माल को होल्ड कर सकते हैं। तेलों की डिमांड धीरे धीरे बढ़ने लगी है। हमने पहले भी बताया था कि पाम तेल के गिरते दाम बहुत ज्यादा दिन तक सरसों के भाव को बढ़ने से नहीं रोक सकते। अब ऐसा दिखने भी लगा है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पाम के भाव 7500 रिंगिट से गिरकर 3500 तक आ गए हैं लेकिन सरसों के भाव 7500 से गिरकर कल की क्लोजिंग के हिसाब से 6875 तक ही गिरे हैं। जैसे ही विदेशी बाजारों में गिरावट थमेगी सरसों के भाव में अच्छी तेजी आने की संभावना है।