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दिल्ली-यूपी से लेकर अंडमान तक मौसम का बदला मिजाज | जाने मौसम विभाग ने क्या दी अपडेट

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दोस्तों गर्मी के चरम पर पहुंच चुके मई माह के दूसरे हिस्से में पूर्वी उत्तर प्रदेश की आबोहवा ने अप्रत्याशित रूप से करवट ले ली है। गोरखपुर सहित आसपास के इलाकों में वातावरण में नमी के साथ ठंडी बयारों ने ऐसी दस्तक दी है कि चुभती धूप की तीव्रता लगभग नगण्य हो गई है। चक्रवातीय परिस्थितियों के उभरने और पश्चिमी विक्षोभ की निरंतरता के चलते पूरे क्षेत्र में मानो फरवरी जैसी ठंडक फिर से महसूस होने लगी है। हिमालय की तलहटी से उठती हवाएं जब अरब सागर की नमी से लैस पछुआ धाराओं से मिल रही हैं, तब पूर्वांचल में एक ऐसी मौसमी स्थिति बनी है जो बिल्कुल मानसून के आगमन की याद दिला रही है। सोमवार को दिन भर बादलों और सूर्य के बीच छिपन-छिपाई का दृश्य बना रहा, जहां सूरज की तपन बादलों की चादर के पीछे बेबस नजर आई।

मौसम विज्ञानियों का क्या है अनुमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 20 मई से लेकर 25 मई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गरज और बिजली के साथ रुक-रुक कर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। विभाग ने चेताया है कि 23 मई तक प्रदेश भर में कहीं-कहीं तेज हवा, बिजली गिरने और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से झोंकों के चलने की भी संभावना है। पूर्वी हिस्सों में सोमवार को तापमान सामान्य से 7.3 डिग्री सेल्सियस नीचे लुढ़क कर 30.6 डिग्री तक पहुंच गया, जिससे इस क्षेत्र के निवासियों को चिलचिलाती धूप से कुछ राहत मिली है। इसके उलट, न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया, जो मौसम के असामान्य संतुलन की ओर इशारा करता है।

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सोमवार को गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर जैसे तराई अंचलों में बादल छाए रहे और कई स्थानों पर फुहारें भी पड़ीं, जिससे धरातल की गर्मी में कमी आई। नेपाल की ओर से चल रही ठंडी हवाओं ने तापमान को नीचे खींच लिया, जिससे हवा में ताजगी घुल गई और वातावरण में ठहराव आया। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और अरब सागर से उठती नमीयुक्त हवाओं का हिमालयी प्रभाव से टकराव, प्रदेश में ट्रफ लाइन की स्थिति बनाता दिखा। यही मौसमी उलटफेर मानसूनी माहौल जैसा अनुभव करा रहा है, जिससे सामान्यतः मई में महसूस होने वाली तपिश अब दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही।

हीट स्पॉट में बदल गया पूरा इलाका

पूर्वांचल की राहत के विपरीत, दक्षिणी उत्तर प्रदेश पूरी तरह से गर्मी के प्रकोप की गिरफ्त में है। कानपुर, झांसी, बांदा जैसे जिलों में यलो अलर्ट के बावजूद लू और उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा है। इन जिलों में बारिश या आंधी की कोई विशेष गतिविधि नहीं देखने को मिली, जिससे वातावरण में उमस का स्तर काफी बढ़ गया है। सोमवार को तापमान भले ही थोड़ा कम हुआ हो, लेकिन नमी के अधिक प्रतिशत के कारण हीट इंडेक्स का स्तर काफी ऊपर पहुंच गया, जिसने गर्मी की तीव्रता को और बढ़ा दिया। यहां तापमान और नमी का घातक संयोजन ऐसा है जो लोगों को निर्जलीकरण, चक्कर और थकावट जैसे लक्षणों की ओर धकेल रहा है।

गर्म हवाओं और प्रदूषण ने दक्षिणी अंचलों में बरसात को बना दिया दुर्लभ दृश्य

वातावरण विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिणी जिलों में अत्यधिक प्रदूषण और मानवजनित गर्मी ने बादलों की गतिविधियों को बाधित किया है। स्थानीय स्तर पर बनने वाली गर्म हवाएं जब ऊपर उठती हैं, तो वे नमी को विस्थापित कर देती हैं, जिससे बादलों का निर्माण नहीं हो पाता। इसके परिणामस्वरूप न तो बड़ी आंधियां उत्पन्न हो रही हैं और न ही भारी वर्षा के आसार बनते हैं। पिछले कुछ सप्ताहों में ओलावृष्टि या तेज हवाओं की घटनाएं भी केवल ग्रामीण या सीमांत क्षेत्रों तक सीमित रहीं, जबकि मुख्य शहरी इलाकों में मौसम शुष्क और दमघोंटू बना रहा।

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हीट इंडेक्स की भयावहता, नमी ने बना दिया 'रेड जोन' का माहौल

सोमवार को जब तापमान गिरकर 39.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा और न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री रहा, तब भी लोगों को पसीने से तरबतर कर देने वाली गर्मी ने परेशान किया। दरअसल, वातावरण में अधिकतम नमी 73 प्रतिशत और न्यूनतम 43 प्रतिशत रही, जिससे आईएमडी के चार्ट अनुसार हीट इंडेक्स 62 तक पहुंच गया—जो कि सीधे ‘रेड जोन’ में आता है। इस स्तर पर गर्मी का अहसास सामान्य तापमान से कहीं अधिक तीव्र होता है। यानी तापमान कम होने के बावजूद भारी नमी के कारण शरीर पर गर्मी का असर दोगुना होता है, जिससे थकान, पसीना और बेचैनी चरम पर पहुंच जाती है।

मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी

डॉ. एसएन सुनील पांडेय, जो राज्य मौसम केंद्र से जुड़े हैं, उन्होंने बताया कि 20 से 25 मई तक प्रदेश में यलो अलर्ट सक्रिय रहेगा। खासतौर पर कानपुर व उसके आसपास के क्षेत्र में 22 से 25 मई के बीच तेज आंधी और हल्की बारिश के अवसर हैं, लेकिन इसके बावजूद उमस में कोई खास कमी नहीं आएगी। वायुमंडल में नमी का स्तर लगातार ऊंचा बना रहने से गर्मी का अहसास भी उच्चतम बना रहेगा। ऐसे में नागरिकों को सलाह दी गई है कि वह धूप में बाहर निकलने से बचें, अधिक से अधिक पानी पिएं और आवश्यक सावधानियों का पालन करें, क्योंकि मौसम की इस अस्थिरता के चलते स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।


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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।