आने वाले दिनों में क्या रहेगा मौसम का हाल | कहां बढ़ेगी गर्मी कहां होगी बारिश यहां जाने
अप्रैल के अंतिम दिन पर बदलते मौसम का रुख
अप्रैल का अंतिम दिन आमतौर पर देश के अधिकांश हिस्सों में तेज गर्मी और चुभती धूप के लिए जाना जाता है, मगर इस बार मौसम की चाल कुछ बदली-बदली नजर आ रही है। राजधानी दिल्ली सहित उत्तरी क्षेत्र के कई शहरों में आसमान पर बादलों की चादर बिछी हुई है, जिससे सामान्य से कम धूप देखने को मिल रही है। मौसम विभाग की मानें तो इस समय मानसून से पहले की गतिविधियां यानी प्री-मानसून घटनाएं देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय होती दिख रही हैं। विशेष रूप से उत्तर भारत में तापमान में गिरावट के साथ-साथ हवा की गति में भी इजाफा देखा जा रहा है। राजधानी दिल्ली में आज तापमान औसतन 40.1 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की संभावना है, हालांकि 24 से 27 अप्रैल के बीच इस शहर में तापमान का स्तर 42 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया था, जो इस माह का सबसे अधिकतम स्तर रहा।
पूर्वी भारत में कालबैशाखी का असर
पूर्वी भारत के क्षेत्रों में इस समय मौसम की तस्वीर पूरी तरह से बदली हुई नजर आ रही है, जहां बंगाल की खाड़ी से उठने वाली नमी वाली हवाएं ‘कालबैशाखी’ नामक मौसमी प्रभाव के तहत प्रबल होती दिख रही हैं। यह स्थानीय शब्द पूर्वी भारत में प्री-मानसून तूफानों को इंगित करता है, जिनमें तेज गरज, बिजली कड़कने की ध्वनि और मूसलधार वर्षा प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में इन तूफानों के कारण सड़कों पर जलभराव और जनजीवन प्रभावित होता देखा जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों ने इस इलाके में अगले कुछ दिनों तक इसी तरह की गतिविधियों के जारी रहने की चेतावनी दी है, जिससे इन राज्यों के नागरिकों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
मई की ठंडी शुरुआत से राजधानी को राहत
जहां अप्रैल के आखिरी सप्ताह में दिल्लीवासियों ने झुलसाती गर्मी का सामना किया, वहीं मौसम विभाग के अनुसार मई का प्रारंभ अपेक्षाकृत राहतभरा रह सकता है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से दिल्ली और उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में जैसे हरियाणा, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठंडी हवाएं चल सकती हैं, जो तापमान में गिरावट लाने में सहायक सिद्ध होंगी। आने वाले दो-तीन दिनों में राजधानी में अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस के दायरे में रह सकता है, जिससे गर्मी की तीव्रता में थोड़ी नरमी दर्ज की जा सकती है।
पश्चिमी भारत में गर्म हवाओं का प्रकोप जारी
गुजरात का सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र इस समय चरम तापीय संकट का सामना कर रहे हैं, जहां लू की स्थिति और बढ़ने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने इस इलाके में हीटवेव को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है, जो दर्शाता है कि अगले कुछ दिनों तक यहां पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इस भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित हो सकता है, खासकर किसान, दिहाड़ी मजदूर और खुले में कार्य करने वाले लोग। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में भी दिन के समय तेज गर्म हवा चलने की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में धूप की तीव्रता और तापमान दोनों ही स्तर पर खतरनाक स्थितियां उत्पन्न कर सकते हैं।
मध्य और पूर्वी राज्यों में तेज तूफान की चेतावनी
पूर्वी मध्य भारत के हिस्सों जैसे कि छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, ओडिशा और गंगा क्षेत्र के पश्चिम बंगाल में गंभीर मौसमी गतिविधियों के संकेत मिल रहे हैं। इन इलाकों में तेज हवा, आंधी और गरज के साथ बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है, जिनकी गति 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। साथ ही बिजली गिरने की आशंका भी बनी हुई है। ऐसी स्थितियों में जनसुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें लोगों को घर में रहने, खुले मैदानों से दूर रहने और जरूरी न होने पर यात्रा न करने की हिदायत दी गई है। इससे ना केवल तापमान में गिरावट आएगी बल्कि फसलों और बिजली की आपूर्ति पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
दक्षिण भारत में बारिश की रफ्तार पकड़ती गतिविधियां
प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में मौसम ने अपनी दिशा कुछ हद तक बदली है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल जैसे राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज गरज और बिजली चमकने की गतिविधियों की उम्मीद की जा रही है। खासकर उत्तर आंतरिक कर्नाटक में 2 और 3 मई को 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ भारी बारिश हो सकती है। इन मौसमी गतिविधियों से फसलों को राहत मिल सकती है लेकिन बिजली, परिवहन और आवागमन प्रणाली पर असर पड़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों ने समुद्री किनारों पर रहने वाले लोगों को भी विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
पूर्वोत्तर में अगले 6 दिन भारी बारिश की चेतावनी
अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा और मेघालय जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों में लगातार छह दिनों तक मौसम के बिगड़ने के संकेत मिल रहे हैं। तेज हवाएं, गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं इन इलाकों में आम होंगी। हवा की गति 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जिससे पेड़ों के गिरने, बिजली व्यवस्था में बाधा, और यातायात अवरोध जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन राज्यों में भारी बारिश से नदियों में जलस्तर के बढ़ने और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। स्थानीय प्रशासन को आपदा प्रबंधन की दिशा में अग्रिम तैयारी रखने के लिए निर्देशित किया गया है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।