हरियाणा के 14 जिलों में जारी हुआ बारिश का अलर्ट | जानें कहां कहां होगी बारिश
हरियाणा के 14 जिलों में जारी हुआ बारिश का अलर्ट | जानें कहां कहां होगी बारिश
साथियों, हरियाणा में इस समय मौसम में बार-बार बदलाव देखा जा सकता है। मौसम विभाग ने आज, 5 फरवरी 2025 को राज्य के 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट उन जिलों के लिए है जो पहले से ही मौसम के उतार-चढ़ाव से जूझ रहे हैं। खासकर, भिवानी, जींद, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और मेवात जिलों में आज बारिश के आसार हैं। इसके अलावा, राज्य के कुछ हिस्सों में सुबह की घनी धुंध भी देखी गई है, जैसे पानीपत, जींद, भिवानी, पलवल, सोनीपत और सिरसा के रानियां में। इस धुंध की वजह से ठंड में और बढ़ोतरी हो सकती है और ठिठुरन का अहसास भी ज्यादा होगा। साथ ही, तेज़ हवाओं के चलने से तापमान में और गिरावट आ सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि 5 फरवरी तक हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है। इस दौरान, पूरे हरियाणा में मौसम में लगातार बदलाव होगा, जिससे ठंड बढ़ने की संभावना है। तो चलिए अब जानते हैं कि आगामी दिनों में मौसम की स्थिति कैसी रहने वाली है और इससे आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर क्या असर पड़ सकता है।
चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
14 जिलों में बारिश का अलर्ट
दोस्तों, हरियाणा में 5 फरवरी 2025 को जारी किए गए मौसम अलर्ट के अनुसार, राज्य के 14 जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इन जिलों में भिवानी, जींद, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और मेवात शामिल हैं। बारिश की यह स्थिति खासकर किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके लिए एक संकेत है कि वे अपनी फसलों की देखभाल कैसे करें। जहां एक तरफ, यह बारिश कुछ कृषि फसलों के लिए फायदेमंद हो सकती है, वहीं दूसरी तरफ कुछ फसलों के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है। इसके अलावा, बारिश के कारण सड़कों पर पानी भरने, ट्रैफिक जाम और अन्य रोज़मर्रा की समस्याओं का सामना भी हो सकता है। साथ ही, गौरतलब है कि इस समय तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है, और ठंड बढ़ने के कारण लोग घर से बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं। ऐसे में मौसम विभाग के अनुसार, तेज़ हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ सकती है। इसलिए इस मौसम के दौरान, खासकर जिन लोगों का काम बाहर है, उन्हें और भी सतर्क रहना होगा।
धुंध और शीतलहर का असर
दोस्तों, अगर कोहरे की बात करें तो आज सुबह की शुरुआत में पानीपत, जींद, भिवानी, पलवल, सोनीपत और सिरसा के रानियां क्षेत्र में घने कोहरे (fog) की स्थिति देखी गई। यह कोहरा न केवल दृश्यता को प्रभावित करता है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। ऐसे मौसम में खासकर बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना हो सकता है। इसके अलावा, मौसम विभाग के अनुसार ठंड में एक और बड़ा बदलाव हो सकता है, वह है शीतलहर का असर। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ठंडी हवाएं और कोहरा खासकर रात के समय अधिक प्रभावी हो सकते हैं। इसलिए, लोगों को गर्म कपड़े पहनने और खासकर बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखने की आवश्यकता है। इसके अलावा, ट्रैफिक के दौरान गाड़ी चलाते समय कोहरे की वजह से दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ सकती है, ऐसे में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
फरवरी महीने का मौसम और पश्चिमी विक्षोभ
दोस्तों, मौसम विभाग के मुताबिक, फरवरी महीने में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिनकी वजह से मौसम में और बदलाव आ सकता है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) एक प्रकार का मौसम परिवर्तन है जो भारत के पश्चिमी हिस्से से आता है और उत्तरी भारत में ठंड और बारिश का कारण बनता है। अनुमान है कि इस महीने में 5 से 6 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकते हैं। इनमें से केवल 2 विक्षोभ हल्की बारिश का कारण बनेंगे। इसलिए, पूरे फरवरी महीने के पहले पखवाड़े में हल्की बारिश और ठंड की स्थिति बनी रहने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से दिन और रात के तापमान में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे मौसम में और भी अधिक परिवर्तन आ सकता है। लेकिन मौसम के इस बदलाव के चलते, किसानों के लिए यह मौसम फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यदि रात का तापमान ठंडा रहता है और दिन में हल्की बारिश होती है, तो यह रबी फसलों के लिए लाभकारी हो सकता है। खासकर गेहूं की फसल को इस तरह के मौसम से फायदा हो सकता है।
चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
कृषि पर मौसम का असर
दोस्तों, फरवरी का महीना खासकर कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होता है। कृषि मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, फरवरी में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में गिरावट और हल्की बारिश रबी फसलों के लिए लाभकारी हो सकती है। रबी फसलों, जैसे गेहूं, सरसों, और चना, को ठंड और हल्की बारिश से फायदा हो सकता है। यह ठंड फसलों को बेहतर तरीके से बढ़ने में मदद करती है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि तापमान बहुत ज्यादा बढ़ता नहीं है और पश्चिमी विक्षोभ के कारण ठंड बढ़ी रहती है, तो यह फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ा सकता है।
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।