बढ़ती गर्मी से घट ना जाए गेहूं का उत्पादन | जाने कृषि वैज्ञानिकों की क्या है सलाह
किसान साथियों, इस साल हमारे किसान भाइयों ने रबी सीजन के दौरान गेहूं की खेती में जबरदस्त रुचि दिखाई है, जिससे गेहू की खेती का कुल क्षेत्रफल बढ़कर 320 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। यह न केवल पिछले साल की तुलना में अधिक है, बल्कि पिछले पांच वर्षों के औसत से भी ज्यादा है। इस बढ़ती खेती को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 1150 लाख टन गेहूं उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
दोस्तों, शुरुआती दिनों में मौसम गेहूं की फसल के लिए अनुकूल बना रहा, लेकिन फरवरी के अंतिम सप्ताह में अचानक तापमान में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है। कई राज्यों में दिन और रात के तापमान में असामान्य वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे गेहूं की फसल पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस साल फरवरी में मार्च जैसी गर्मी महसूस की जा रही है, और औसत तापमान सामान्य से 2 डिग्री अधिक बना हुआ है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गर्मी यूं ही जारी रही तो फसल पर बुरा असर पड़ेगा और पैदावार घट सकती है।
गर्मी के कारण गेहूं का उत्पादन हो सकता है कम
दोस्तों विशेषज्ञ बताते हैं कि फरवरी का समय गेहूं की बढ़वार और दाना बनने की अवस्था होती है। इस दौरान आदर्श तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए, लेकिन इस साल यह 29 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे गेहूं के दाने पतले होने का खतरा बढ़ गया है। यदि तापमान 30 डिग्री से ऊपर चला जाता है, तो स्थिति और भी खराब हो सकती है, जिससे फसल की गुणवत्ता गिर जाएगी और दाने हल्के हो सकते हैं।
तेज गर्मी के कारण गेहूं की फसल जल्दी पक सकती है, जिससे कटाई समय से पहले करनी पड़ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि गर्मी इसी तरह बढ़ती रही तो देश में गेहूं के कुल उत्पादन में 15% तक की गिरावट हो सकती है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह नुकसान 20 से 25% तक भी पहुंच सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
दोस्तों, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की फसल को बढ़ते तापमान से बचाने के लिए पोटाशियम नाइट्रेट के छिड़काव की सलाह दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि दिन-रात के औसत तापमान 20 डिग्री से अधिक रहता है, तो गेहूं की पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। एचएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की गई। इसके अनुसार, तापमान बढ़ने पर किसान 100 लीटर पानी में 2 किलोग्राम पोटाशियम नाइट्रेट मिलाकर छिड़काव करें। इससे फसल को गर्मी सहने की ताकत मिलेगी और दाने की गुणवत्ता बनी रहेगी।
तापमान बढ़ने पर किसानों क्या करे
साथियों बीते दिनों से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ और कम बारिश के कारण हवा में नमी की कमी हो गई है, जिससे दिन का तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री अधिक बना हुआ है। ऐसे में किसानों को अपनी गेहूं की फसल बचाने के लिए कुछ जरूरी उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। सबसे पहले, खेत में नमी बनाए रखने के लिए समय पर सिंचाई करें, ताकि बढ़ते तापमान के कारण फसल पर बुरा प्रभाव न पड़े। इसके अलावा, यदि तापमान अधिक हो रहा है, तो 100 लीटर पानी में 2 किलोग्राम पोटाशियम नाइट्रेट मिलाकर छिड़काव करें, जिससे पौधों की गर्मी सहन करने की क्षमता बढ़ेगी।
पहला स्प्रे करने के 10 दिन बाद दूसरा स्प्रे करें, ताकि दानों की गुणवत्ता बनी रहे और फसल स्वस्थ रहे। यदि गेहूं के पौधों में समय से पहले बाली निकल रही है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि फसल को गर्मी का असर झेलना पड़ रहा है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर उचित उपाय अपनाएं। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इन उपायों को अपनाकर किसान बढ़ते तापमान के बावजूद अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और पैदावार में होने वाले संभावित नुकसान को कम कर सकते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।