सरसों में पहली सिंचाई के समय क्या करना है क्या नहीं करना | 90% किसान नहीं जानते | रिपोर्ट में जाने पूरी जानकारी
सरसों एक नकदी फसल है। बढ़िया उत्पादन होने और ठीक ठाक भाव मिलने पर यह किसानों के मोटा मुनाफा दिलवा सकती है। लेकिन दोस्तो सरसों को को एक रिस्की फसल भी माना जाता है। कई बार ऐसा होता कि सब कुछ सही करने के बाद किसान पहली सिंचाई के समय ऐसी गलतियां कर देते हैं। जो आगे चलकर आपकी फसल को पूरी तरह से खत्म कर देती हैं। इसलिए आज की पोस्ट में हम सरसों में पहली सिंचाई के समय बरती जाने वाली सावधानियां के बारे में तो बताएंगे ही इसके साथ-साथ आपको उन खास खादों के बारे में बताएंगे जो आपको पहली सिंचाई के समय डालनी चाहिए तो दोस्तों अगर आप सरसों के किसान है तो आपको यह पोस्ट अंत तक पढ़ लेनी चाहिए
सरसों में पहला पानी देना और सही खाद का उपयोग करना, यह दोनों ही फसल की पैदावार को बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी हैं। कई किसान भाई कुछ सामान्य गलतियां करते हैं, जैसे पानी और यूरिया का अनुचित उपयोग, जिससे फसल को नुकसान होता है। इन समस्याओं से बचने के लिए सही जानकारी और उपायों को अपनाना जरूरी है।
सरसों की फसल में पहला पानी 35-45 दिनों के बीच में दिया जाता है। यह समय पौधों की तेज़ बढ़त और जड़ों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। जब पौधों में डंडियां निकलनी शुरू हो जाती हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पर्याप्त नमी मिले। पानी देते समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में हल्की सिंचाई करें ताकि फसल को जरूरत के अनुसार पानी मिले और अधिक पानी के कारण जड़ें खराब न हों। नहर के पानी और ट्यूबवेल के पानी का मिश्रण फसल के लिए अधिक फायदेमंद होता है।
पहले पानी के साथ सही खाद और पोषक तत्वों का उपयोग करना फसल के स्वस्थ विकास के लिए बहुत जरूरी है। कई किसान भाई इस समय यूरिया का उपयोग करते हैं, लेकिन यह फसल के लिए नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इससे फंगस (Fungus) का खतरा बढ़ जाता है। इसकी जगह एनपीके (12:32:16) का उपयोग करना अधिक लाभदायक है। प्रति बीघा 15-20 किलो एनपीके डालकर हल्की सिंचाई करें। इसके साथ ही 3 किलो सल्फर (80%) का छिड़काव करना भी जरूरी है, जो पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और तेल की मात्रा में सुधार करता है।
सरसों की फसल में फंगस और सूखने की समस्याएं आम हैं। यदि पौधे दोपहर में मुरझाने लगें या उनकी डंडियां सूखने लगें, तो यह फंगस का संकेत हो सकता है। इसके लिए टेबुकोनाजोल (Tebuconazole) जैसे फंगीसाइड का उपयोग करना चाहिए। इसे 300-400 ग्राम प्रति बीघा के हिसाब से छिड़कें। सल्फर का छिड़काव भी फंगस को रोकने में मदद करता है। फसल के आसपास की घास और खरपतवार को हटाना और पानी के ठहराव से बचना भी रोगों से बचाव के लिए जरूरी है।
फसल का स्वस्थ विकास सुनिश्चित करने के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutrients) का उपयोग करें। प्रति बीघा 4 किलो वंडर फर्टिलाइजर का उपयोग पौधों को मजबूत और रोगमुक्त बनाता है। पानी और खाद का संतुलन बनाए रखें और यह सुनिश्चित करें कि पौधों की जड़ों तक पोषक तत्व गहराई से पहुंचें।
ध्यान दें कि पानी देने से पहले खाद का छिड़काव करें ताकि खाद जड़ों तक पहुंच सके और खरपतवार में न जाए। खाद छिड़कने का सही समय सुबह 10 बजे के बाद है, जब पत्तों पर ओस खत्म हो चुकी हो। ओस में खाद लगाने से पत्ते जल सकते हैं। जिन किसानों के पास पानी की कमी है, वे फव्वारा सिंचाई का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन पानी और खाद का प्रबंधन सही तरीके से करना जरूरी है। रेतीली मिट्टी में पानी सीमित मात्रा में दें क्योंकि अधिक पानी खाद को जड़ों से नीचे ले जा सकता है।
यूरिया हरापन और बढ़वार के लिए उपयोगी है, जबकि डीएपी पोषक तत्व प्रदान करती है। सल्फर तेल की मात्रा बढ़ाने और फसल को फंगस और पाले से बचाने में मदद करती है। अधिक खाद देने से फसल का विकास रुक सकता है और उत्पादन खराब हो सकता है।
कुल मिलाकर, किसान भाइयों को यह समझना चाहिए कि सरसों की फसल में पहला पानी और खाद प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण चरण है। यदि सही समय पर सही उपाय अपनाए जाएं, तो फसल की पैदावार में न केवल सुधार होगा, बल्कि रोगों और फंगस जैसी समस्याओं से भी बचा जा सकता है। खेती में मेहनत के साथ-साथ सही ज्ञान का होना भी जरूरी है, ताकि खेतों में हरियाली और उत्पादन दोनों में वृद्धि हो सके।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।