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रामबाण से कम नहीं है सरसों में ग्रोथ बढ़ाने का यह फार्मूला | मिलेगा 42 लैब का तेल और 15 क्विंटल उत्पादन

रामबाण से कम नहीं है सरसों में ग्रोथ बढ़ाने का यह फार्मूला | मिलेगा 42 लैब का तेल और 15 क्विंटल उत्पादन
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नमस्कार किसान साथियों, सरसों की आगेती बुवाई वाली फसल लगभग 10 से 15 दिन की हो गई है, लेकिन ज्यादातर किसान भाइयों को समझ नहीं आता कि इस समय अपनी फसल की देखभाल कैसे करें, जिससे हमारी फसल की ग्रोथ में बढ़ोतरी हो। इस समय किसान अक्सर दो गलतियां करते हैं, जिससे फसल की उम्मीद के अनुसार ग्रोथ नहीं हो पाती। आज हम बात करेंगे सरसों की खेती में होने वाली उन दो सबसे बड़ी गलतियों के बारे में, जिन्हें अक्सर किसान भाई अनदेखा कर देते हैं। ये गलतियां छोटी लग सकती हैं, लेकिन समय पर ध्यान न देने से आपकी पूरी फसल बर्बाद हो सकती है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि कैसे इन गलतियों से बचकर हम अपनी फसल के उत्पादन और गुणवत्ता को अधिक से अधिक बढ़ा सकते हैं। वे कौन-कौन से कारक हैं जिनका ध्यान रखकर हम अपनी सरसों की फसल को बेहतर बना सकते हैं, आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

किसानों द्वारा की जाने वाली गलतियां
किसान भाई अपनी फसल को बेहतर और अधिक उत्पादन वाली बनाने के लिए अक्सर बिना जानकारी के जल्दबाजी करते हैं। सरसों की फसल उगते समय किसान दो मुख्य गलतियां करते हैं। पहली गलती यह होती है कि 7-10 दिनों में फसल ग्रोथ शुरू हो जाती है, और 11-12 दिनों में यह पूर्ण रूप से उभर कर आ जाती है। इस दौरान किसान पाउडर डस्टिंग में लापरवाही करते हैं। दूसरी गलती तब होती है जब बिना जांचे-परखे कच्ची सरसों में पानी डाल दिया जाता है। इन गलतियों से पौधे कमजोर हो जाते हैं और कीटों का शिकार हो जाते हैं, जिसके कारण फसल की गुणवत्ता और उत्पादन काफी अधिक प्रभावित हो सकता है।

पाउडर डस्टिंग की सही विधि और समय
किसान भाइयों, पाउडर डस्टिंग की सही विधि और समय बेहद महत्वपूर्ण है। सरसों की फसल में 7 से 10 दिन के अंदर अगर आप पाउडर का छिड़काव करते हैं, तो यह आपकी फसल की ग्रोथ के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है। पाउडर के सही छिड़काव से पौधों को भरपूर मात्रा में पोषण मिलता है, जो उनके तने को मजबूत करने और फैलने में सहायक होता है। अगर आप पाउडर का छिड़काव समय पर करते हैं, तो यह आपकी फसल को रोगों से बचाने में भी काफी मददगार साबित हो सकता है। पाउडर का छिड़काव तभी करें जब हवा न चल रही हो। अगर छिड़काव करते समय हवा चल रही है, तो पाउडर का छिड़काव रोक दें। अक्सर किसान भाई पाउडर का छिड़काव गलत तरीके से करते हैं या फिर गलत समय पर करते हैं, जिससे फसल को नुकसान होता है। आप पाउडर का छिड़काव सही विधि के अनुसार करें ताकि पाउडर फसल पर सही से बैठ सके और पाउडर की बर्बादी न हो। आप अपने पौधों की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए मेलाथियान (4% वाला) पाउडर का उपयोग कर सकते हैं। आप इसकी मात्रा प्रति एकड़ 7 से 10 किलो ले सकते हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सिंचाई का पौधों की ग्रोथ पर असर
किसान भाई अक्सर सरसों में पहली सिंचाई के समय जल्दबाजी कर देते हैं, जो उनकी सबसे बड़ी गलती है और इसका असर फसल के उत्पादन पर सबसे अधिक पड़ता है। कच्ची सरसों में पानी देना एक सामान्य गलती है, क्योंकि इस समय पौधे पानी से पीले पड़ने लगते हैं। जब तक पौधों में कल्ला (प्रमुख शाखा) नहीं निकलता, तब तक पानी नहीं देना चाहिए। पहली कल्ला निकलने के बाद ही पानी देना उचित होता है। आप अपनी सरसों की फसल में कम से कम 25 से 30 दिन के बाद पहली सिंचाई करें। यदि आपको लगता है कि आपकी फसल को सिंचाई की आवश्यकता है और नमी के कारण आपके पौधों का रंग काला होने लगा या पौधों के पत्ते मुड़ जाने लगे हैं, तो इस अवस्था में आप फसल में सिंचाई कर सकते हैं। क्योंकि खेत में नमी की मात्रा घटने से पौधों की बढ़वार पर असर पड़ सकता है, जिसके कारण आपकी फसल का उत्पादन भी कम हो सकता है। आप पहली सिंचाई के तुरंत बाद पाउडर का छिड़काव एक बार फिर करें, इससे आपकी फसल की नमी और ग्रोथ में काफी अधिक मात्रा में बढ़ोतरी होगी। इस समय पाउडर का छिड़काव आपकी फसल में एक अतिरिक्त सिंचाई का काम करेगा।

कीट नियंत्रण की सही विधि और महत्वपूर्ण पोषक तत्व
सरसों की फसल में कीटों का नियंत्रण बहुत जरूरी होता है। इसके लिए मेलाथियान या फेनवलेरेट जैसे पाउडरों का प्रयोग 10 दिनों में करना चाहिए। पाउडर सही तरीके से धुएं की तरह खेत में छिड़कना चाहिए ताकि कीट नष्ट हो सकें। पौधों को समय से पोषक तत्व मिलते रहें, यह सुनिश्चित करना चाहिए ताकि उनकी ग्रोथ बढ़ती रहे।

राख का उपयोग: फायदेमंद या हानिकारक?
किसान भाइयों, अभी भी सरसों में कई किसान राख मिलाकर पाउडर डस्टिंग करते हैं, यह सोचकर कि इसमें कैल्शियम होता है, जो पौधों के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि, आज के समय में पाउडरों की गुणवत्ता और मात्रा बदल गई है। राख मिलाने से कीटनाशकों का प्रभाव कम हो जाता है और कीड़े नहीं मरते। इसलिए, राख का उपयोग आज के आधुनिक खेती में नुकसानदायक माना जाता है। अगर आप जैविक खेती करते हैं, तो कुछ अन्य तत्वों के साथ आप अपनी सरसों की फसल में राख का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन रासायनिक खेती में राख आपकी फसल के लिए हानिकारक हो सकती है।

खाद का इस्तेमाल
किसान साथियों, सरसों की फसल में खाद का सही समय पर और सही मात्रा में उपयोग करना भी आवश्यक है। जैसे-जैसे फसल बढ़ती है, उसे जरूरी पोषक तत्व देना महत्वपूर्ण होता है। फसल के पहले पानी के साथ सही खाद मिलाएं ताकि पौधों को पूरा पोषण मिले और फसल का उत्पादन बढ़ सके। सरसों की फसल में बुवाई से पहले आप प्रति एकड़ 5 से 7 टन गोबर की गली सड़ी हुई खाद डालें। गोबर की खाद आपकी मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे आपके पौधों की जड़ों का विकास अच्छी तरह से होता है। अगर आपके पास गोबर की खाद उपलब्ध नहीं है, तो आप बुवाई से पहले प्रति एकड़ एक बैग डीएपी और 10 किलोग्राम पोटाश खेत में जरूर डालें। पोटाश आपके पौधों की जड़ों को मजबूत करने के साथ-साथ फूल और फल बनाने में मददगार साबित होता है। आपको पहली सिंचाई के साथ उर्वरक और यूरिया के साथ अन्य पोषक तत्व भी अपनी फसल में अवश्य डालने चाहिए। यह समय पौधों की हाइट को बढ़ाने और विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस समय दिए गए पोषक तत्व आपके पौधों की शाखाओं की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं। इन पोषक तत्वों के साथ आपको दूसरी सिंचाई के समय अपनी फसल में 10 से 15 किलो सल्फर प्रति एकड़ के हिसाब से जरूर डालना चाहिए। यह आपकी फसल की गुणवत्ता और बीजों में तेल की मात्रा को बढ़ाने में मददगार होता है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

निष्कर्ष:
सरसों की खेती में छोटी-छोटी गलतियां बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं। पाउडर डस्टिंग का सही समय, सही सिंचाई और पोषण से फसल को बेहतर बनाया जा सकता है। राख का उपयोग सावधानीपूर्वक करें और पौधों की देखभाल में कभी भी लापरवाही न करें। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो आपकी फसल सफल होगी और उत्पादन भी अधिक मिलेगा। यदि आप सही विधि द्वारा सरसों की बुवाई करते हैं और समय पर सिंचाई और खाद का प्रबंध करते हैं, तो आपकी फसल में पौधों की ऊंचाई, ग्रोथ और शाखाओं में फलियों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी, जो आपकी फसल के उत्पादन और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सबसे आवश्यक है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोत और इंटरनेट के माध्यम से इकट्ठा की गई है। आप कृषि संबंधित किसी भी जानकारी के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें एवं निर्णय अपने विवेक और समझ से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।