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ढाई से तीन लाख रुपये है इस आम की कीमत | जाने क्या है इसमे खास

ढाई से तीन लाख रुपये है इस आम की कीमत | जाने क्या है इसमे खास कर
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गर्मियों में सबसे ज्यादा खाए जाने वाला फल है आम, आम के मौसम का हर भारतीय को इंतजार रहता है आम हर किसी का पसंदीदा होता है इसीलिए आम को फलों का राजा कहा जाता है और भारत में इसकी सैकड़ों किस्में पाई जाती हैं। लोग विभिन्न किस्मों का आनंद लेते हैं, लेकिन कुछ किस्में ऐसी होती हैं जो बहुत महंगी होती हैं और हर कोई उन्हें खरीद नहीं सकता।

ऐसी ही एक महंगी किस्म का नाम है "मियाज़ाकी आम।" इस आम की उत्पत्ति जापान में हुई है और इसे वहां से भारत लाया गया है। इस समय जहा आम की कीमत 3200 से 25000 रुपये प्रति क्विण्टल आम बिक रहा है वही मियाज़ाकी आम की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.50 लाख से 3 लाख रुपये तक हो सकती है। यह आम अन्य आमों की तुलना में बहुत अधिक मूल्यवान है, जिसकी वजह से इसकी खेती करने वाले किसानों को विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। कई किसानों को इसकी सुरक्षा के लिए चौकीदार भी रखने पड़ते हैं।

राजकोट के एक किसान ने इस महंगी किस्म की खेती कर के इसे चर्चा में ला दिया है। मियाज़ाकी आम की खेती अब भारत में भी की जा रही है और इसकी उच्च कीमत के कारण यह आम बहुत खास माना जाता है। इस आम की विशेषता और उसकी कीमत ने इसे फलों की दुनिया में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है।

मियाज़ाकी आम के महंगा क्यों

1. ये मियाज़ाकी आम की खेती जापान में विशेष रूप से की जाती है, और यह आम दुनिया के कुछ ही हिस्सों में उपलब्ध है। इसकी दुर्लभता और विशिष्टता इसे महंगा बनाती है।

2.  मियाज़ाकी आम की गुणवत्ता और स्वाद इसे अन्य आमों से अलग बनाती है। इसकी मिठास, रस, और बनावट उत्कृष्ट मानी जाती है, जो इसे एक प्रीमियम उत्पाद बनाती है।

3. इस आम की खेती के लिए विशेष तकनीकों और देखभाल की आवश्यकता होती है। इसे उगाने में अधिक समय, मेहनत और संसाधन लगते हैं, जिससे इसकी लागत बढ़ जाती है।

4.  मियाज़ाकी आम की अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च मांग है। जापान से इसे ऑर्डर करने वाले कई लोग हैं, जो इसे और भी महंगा बनाता है। भारतीय बाजार में भी इसकी मांग बढ़ रही है, जिससे इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है।

राजकोट के किसान जयसुख रादडिया ने इस विशिष्ट किस्म को उगाया है और उनका कहना है कि भारत में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। इस साल मियाज़ाकी आम की मांग में वृद्धि देखी गई है और लोग इसे ऑर्डर कर रहे हैं। जयसुख अगले साल से अपने आम की फसल को बेचना शुरू करेंगे, जिससे इस आम की उपलब्धता भारतीय बाजार में भी होगी। लेकिन उच्च कीमत के कारण यह आम सभी के लिए सुलभ नहीं होगा।

मियाज़ाकी आम की महत्ता और उसकी खेती के लाभों के बारे में बात करने पर पता चलता है कि यह आम न केवल अपने अद्वितीय स्वाद और उच्च मूल्य के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी महत्वपूर्ण हैं। इस आम में विटामिन सी, ए और कैंसर रोधी तत्व मौजूद होते हैं, जो इसे पोषण की दृष्टि से बहुत मूल्यवान बनाते हैं। और इन्हें स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। इसका रंग पर्पल होता है और वजन 300 से 400 ग्राम के बीच होता है, जो इसे अन्य आमों से अलग बनाता है।

राजकोट के किसान जयसुख रादडिया ने मियाज़ाकी आम की खेती करके विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने न केवल मियाज़ाकी आम उगाया है बल्कि 80 विभिन्न प्रकार के आमों का भी उत्पादन किया है। इनमें से एक अन्य दुर्लभ किस्म "किंग ऑफ चकापत" भी है, जिसका वजन एक किलो से लेकर 1200 ग्राम तक होता है। यह किस्म भी जापान में खोजी गई है।
जयसुख रादडिया की खेती और उनकी दुर्लभ किस्में उन्हें पूरे गुजरात में प्रसिद्धि दिला चुकी हैं। उनकी मेहनत और नवाचार ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दी है।जयसुख रादडिया की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि कृषि में नवाचार और विशेष देखभाल से न केवल उच्च गुणवत्ता के उत्पाद उत्पन्न किए जा सकते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई जा सकती है। उनकी खेती की सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।