डीएपी और यूरिया से भी अधिक पावरफुल खाद, करें घर पर ही तैयार।
किसान साथियों, इस समय किसानों के बीच फसल में डाले जाने वाले उर्वरकों को लेकर आपस में होड़ लगी हुई है। किसान भाई अपनी फसल की गुणवत्ता और पैदावार को बढ़ाने के लिए मार्केट से महंगे से महंगे उर्वरकों का चयन कर रहे हैं। हर किसान चाहता है कि उसकी फसल अपने क्षेत्र में सबसे अधिक पैदावार वाली हो। इसके लिए वह अनेक प्रकार के प्रयोग भी करता है, लेकिन बावजूद इसके उसे उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं मिल पाता। किसान भाइयों, अगर आप भी उर्वरकों के चयन को लेकर असमंजस में हैं तो हम आपको आज एक ऐसी खाद के बारे में बताएंगे जिसे आप मात्र 21 दिनों के अंदर घर पर ही तैयार कर सकते हैं और इस पर खर्च भी न के बराबर होगा। आज की रिपोर्ट में उस जैविक खाद को तैयार करने की सामग्री, विधि, लाभ और क्षमता के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तो आइए इस जैविक खाद के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से।
खाद तैयार करने के लिए सामग्री:
किसान साथियों, जैविक खाद तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले 125-130 लीटर की टंकी लेनी होगी। उस टंकी में आप 90 लीटर पानी डालें। इस खाद को तैयार करने के लिए आपको इसमें 10 किलो देसी गाय का ताजा गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, 5 किलो सहजन की पत्तियां, 5 किलो नीम की पत्तियां, 1 किलो हल्दी पाउडर और 2 किलो काला गुड़, जो जितना पुराना हो उतना बढ़िया रहेगा, डालना होगा। 100 लीटर खाद तैयार करने के लिए इन सभी सामग्रियों को इकट्ठा कर लें। यह सामग्री सामान्यत: आपके घरों में उपलब्ध हो जाती है, इसके लिए आपको बाजार में जाने की आवश्यकता नहीं है। अगर आपको देसी गाय का गोबर या गोमूत्र नहीं मिलता है, तो आप जर्सी गाय का गोबर या गोमूत्र भी प्रयोग कर सकते हैं या फिर आप भैंस या बैल का गोबर भी प्रयोग कर सकते हैं।
विधि:
दोस्तों, इस खाद को तैयार करने के लिए आप सबसे पहले टंकी में 90 लीटर पानी डालें। फिर उस पानी में गाय का गोबर और गोमूत्र मिला दें। सहजन और नीम की पत्तियों को किसी कपड़े में बांधकर अच्छे से कूट लें और फिर उसे टंकी में डाल दें। उसके बाद हल्दी पाउडर या कच्ची हल्दी की चटनी बनाकर उसे भी टंकी में डाल दें। साथ ही गुड़ को भी टंकी में डाल दें। ध्यान रखें कि आपका गुड़ जितना पुराना होगा, आपकी खाद उतनी ही बेहतर तैयार होगी। गुड़ केमिकल फ्री होना चाहिए। अगर आपको देसी गाय का गोबर या गोमूत्र नहीं मिलता है, तो आप भैंस या बैल का गोबर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी सामग्रियों को डालकर एक मिश्रण तैयार कर लें, फिर किसी डंडे से अच्छी तरह हिलाकर मिला दें और टंकी को अच्छी तरह से बंद कर दें। टंकी को छांव में अवश्य रखें। इसके बाद आप हर चार-पांच दिन बाद टंकी का ढक्कन खोलें और एक लकड़ी के डंडे से मिश्रण को हिलाएं। यह प्रक्रिया आपको 21 दिनों तक करनी है। 21 दिनों के बाद आपकी खाद तैयार हो जाएगी। इस दौरान मिश्रण के ऊपर फंगस या फेन की परत बन जाएगी, जिससे आपको अनुमान हो जाएगा कि आपकी खाद बनकर तैयार हो गई है। जब आपकी खाद तैयार हो जाए, तो इसे दो-तीन बार किसी कपड़े की सहायता से छान लें ताकि गोबर और पत्तियां अच्छी तरह से निकल जाएं। इसके बाद आप इस जैविक खाद का प्रयोग स्प्रे या ड्रिप के माध्यम से कर सकते हैं।
उपयोग:
किसान भाइयों, इस प्रकार तैयार की गई खाद आपके खेत की मिट्टी और फसल के लिए काफी लाभदायक है। जब आपको इसका प्रयोग अपने खेतों में करना हो, तो आप 20 लीटर वाली स्प्रे की टंकी में 2 लीटर खाद को 17-18 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर अपनी फसल पर इसका छिड़काव कर सकते हैं। आप इसका छिड़काव पत्तियों और जमीन पर अच्छी तरह से करें।
लाभ:
किसान साथियों, अगर आप इस खाद को तैयार कर लेते हैं, तो यह आपकी फसल के लिए काफी लाभदायक होगी। इस खाद के छिड़काव से आपकी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होगी। यह जैविक खाद आपकी मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाती है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करती है। इसका प्रयोग करने से मिट्टी का पीएच स्तर भी संतुलित रहता है, जिसके कारण बंजर भूमि भी अच्छी पैदावार देने लगती है। यह जैविक खाद फसलों में वृद्धि के साथ-साथ प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देती है। अगर आपके पौधे अधिक प्रकाश संश्लेषण करेंगे, तो आपकी फसल का उत्पादन बढ़ेगा और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर बनेगी।
निष्कर्ष:
जैविक खाद का उपयोग न केवल आपकी फसल के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह आपके खेत की मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। 21 दिन की इस विधि से बनी खाद पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसे 6 महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे अपनाकर आप एक स्वस्थ और उपजाऊ खेती की दिशा में एक बड़ा कदम उठा सकते हैं। जैविक खाद के प्रयोग से आप पर्यावरण प्रदूषण को भी कम कर सकते हैं, जो हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए लाभकारी होगा।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।