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प्याज की खेती से लाखों का मुनाफा लेना है तो बस ये रिपोर्ट देख लो

प्याज की खेती से लाखों का मुनाफा लेना है तो बस ये रिपोर्ट देख लो
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किसान साथियों , दोस्तो खेती को अगर उन्नत तरीके से किया जाए तो यह आपको धनवान बन सकता है । लेकिन इसी खेती के काम में ढिलाई वाला रवैय्या अपनाते हैं और खाद पानी का प्रबंधन सही से नहीं करते तो फिर आपकी लागत भी नहीं निकलने वाली। प्याज की खेती एक ऐसी खेती है जो किसानों को एक ही एकड़ से लाखों का फायदा दे सकती है। आज की रिपोर्ट में हम प्याज की खेती के कुछ उन्नत तरीकों को जानेंगे जिनकी मदद से आप एक एकड़ प्याज की फसल से 200 क्विंटल से भी ज्यादा उत्पादन सकते हैं। और लाखों रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं।

किसान साथियों प्याज की खेती से अधिक मुनाफा लेने के लिए आपको दो चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा सबसे पहले तो आपको बढ़िया उत्पादन लेना है और फिर आपको अपने प्याज को ऐसे समय पर बेचना है जब बाजार में प्याज की कीमत उच्चतम स्तर उपर चल रही हो।  दोस्तों आपका और हमारा मंडी भावों पर कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन उत्पादकता पर पूरा नियंत्रण किया जा सकता है। सबसे पहले हमे इस बात पर बल देना चाहिए की आपको प्रति एकड़ ज्यादा से ज्यादा उत्पादन मिले। प्याज की खेती से बढ़िया उत्पादन लेने के लिए यह जरूरी है कि खाद प्रबंधन की योजना सही तरीके से बनाई जाए ताकि फसल को उचित पोषण मिल सके। प्याज़ की खेती में मुख्य रूप से पांच तरह के उर्वरक का उपयोग किया जाता है, जिससे प्याज के कंद की साइज और उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है।आज की रिपोर्ट में हमने प्याज की उन्नत खेती और खाद प्रबंधन के हर पहलू को कवर किया है।

खेत की तैयारी और प्रारंभिक खाद प्रबंधन
प्याज की नर्सरी 11 जुलाई को डाली गई थी और 45 से 46 दिनों के बाद, 28 अगस्त के पास, ट्रांसप्लांटिंग के लिए तैयार हुई। प्याज के पौधों के बीच 4 से 5 इंच की दूरी रखी जाती है। ट्रांसप्लांटिंग के बाद, पहला खाद प्रबंधन 17 से 18 सितंबर को किया गया, जब फसल 20 से 21 दिन के लगभग हो गई थी ।दोस्तों हमने खेत की तैयारी के दौरान ही, गर्मी के मौसम में 4-5 ट्रॉली गोबर खाद डाली गई थी, लेकिन इसके अलावा कोई और खाद नहीं डाली गई।

खाद प्रबंधन कैसे करे
पहला फर्टिलाइजर शेड्यूल तब किया गया जब फसल 20 दिन की थी। इस समय, एक बेग डीएपी (Diammonium Phosphate), 20 किलो यूरिया, 15 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश, 10 किलो सल्फर, 300 ग्राम केटा जिन, और 25 किलो प्लांटो दानेदार का उपयोग किया गया। यह खाद प्रबंधन सामान्य से थोड़ा अलग था क्योंकि प्लांटो दानेदार का उपयोग किया गया था, जो मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ाता है, सफेद जड़ों की वृद्धि करता है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

प्लांटो दानेदार पूरी तरह से जैविक उर्वरक है, जो प्याज की फसल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल मिट्टी के जैविक कार्बन को बढ़ाता है, बल्कि पौधे की सफेद जड़ों की संख्या में वृद्धि करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, और मिट्टी के पीएच संतुलन को बनाए रखता है। इसके उपयोग से प्याज के कंद की साइज और चमक में सुधार होता है, जिससे बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं।

दूसरे फर्टिलाइजर शेड्यूल और स्प्रे
जब फसल 54 से 55 दिन की हो गई, यानी 20 से 21 अक्टूबर को, दूसरा फर्टिलाइजर शेड्यूल किया गया। इस समय प्याज के कंद की साइज और चमक बढ़ाने के लिए स्प्रे का उपयोग किया गया। प्लांटो का पी स्ट्रीम (25 मिली) और प्लांटो माइक्रो प्लस (50 मिली) का 15 लीटर पानी में मिश्रण करके स्प्रे किया गया। पी स्ट्रीम प्याज के कंद की साइज और चमक को बढ़ाता है, और मौसम के प्रतिकूल प्रभाव को कम करता है। प्लांटो माइक्रो प्लस से जिंक, फेरस, कॉपर, मैग्नीशियम, बोरॉन और आयरन जैसे सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जो फसल के विकास के लिए जरूरी हैं।

फंगीसाइड और कीटनाशक प्रबंधन
स्प्रे के साथ-साथ फंगीसाइड और कीटनाशक भी उपयोग किए गए ताकि फसल को रोगों और कीटों से बचाया जा सके। एक या दो दिन बाद फिर से खाद डाली जाएगी, और फसल जब 90 दिन की हो जाएगी तब हार्वेस्टिंग की जाएगी। अंतिम खाद प्रबंधन शेड्यूल की जानकारी हार्वेस्टिंग के बाद दी जाएगी।

प्याज की खेती में सरकारी प्रोत्साहन
जैसा की किसान भाइयों आप जानते है प्याज की मांग हमेशा बनी रहती है, और इसी को देखते हुए किसान इस फसल से बड़ी कमाई कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को प्याज की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई तरह की सुविधाएं और सब्सिडी प्रदान कर रही है। सरकार की इन योजनाओं के तहत छोटे और बड़े किसान दोनों इस लाभ को उठाकर प्याज की खेती को अपनाने में रुचि दिखा सकते हैं। सही समय पर प्याज की खेती करने से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, जैसा कि हाल के दिनों में प्याज की कीमतों में आई तेजी से स्पष्ट होता है।

अनुदान और लाभ
चयनित किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 12,000 रुपए का अनुदान बीज के रूप में दिया जाएगा। प्याज की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्याज की खेती नवंबर माह से शुरू होगी, और इस बार 325 हेक्टेयर में इसे किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि प्रति हेक्टेयर 225 कुंतल तक की पैदावार प्राप्त की जाए।

योजना का पंजीकरण
प्याज की खेती को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य में इजाफा किया गया है, ताकि स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक किसान इसका लाभ ले सकें। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को योजना के अंतर्गत विभागीय हॉर्टिकल्चर वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। चयन प्रक्रिया 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर की जाएगी, जिससे समय पर पंजीकरण कराने वाले किसानों को प्राथमिकता मिलेगी।

अंतिम शब्द
अगर आप प्याज की फसल से अधिक उत्पादन चाहते हैं, तो सही खाद प्रबंधन आवश्यक है। प्रति एकड़ खाद की मात्रा और समय का सही प्रबंधन उत्पादन में महत्वपूर्ण अंतर ला सकता है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।