गेहूं के दाने को मोटा और चमकदार बनाना चाहते हो तो ये एक काम कर लेना
गेहूं के दाने को मोटा और चमकदार बनाना चाहते हो तो ये एक काम कर लेना
किसान भाइयों, गेहूं एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसे हर साल अधिकतर किसान उगाते हैं। हालांकि, गेहूं की फसल से जुड़ी कुछ समस्याएं जैसे बाली बनने की अवस्था में दाना पतला होना, दाने का सिकुड़ना, बालियों का छोटे रहना, और अच्छी बढ़वार न होना जैसी परेशानियां आती रहती हैं। अगर आप भी ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आज का यह रिपोर्ट आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। दोस्तों, गेहूं की फसल को अच्छे से उगाने के लिए जरूरी है कि हम उसकी सही देखभाल करें, उसकी सिंचाई और खाद की सही मात्रा का ध्यान रखें, और समय-समय पर उसे अच्छे से पोषक तत्व दें। अगर आप इस रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको गेहूं की फसल से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी, ताकि आप भी अच्छी उपज प्राप्त कर सकें। अब बिना देर किए, चलिए हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि गेहूं की फसल में दाने की मोटाई और बालियों की लंबाई बढ़ाने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं।
गेहूं के दाने की मोटाई
किसान साथियों, गेहूं के दाने की मोटाई बढ़ाने के लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है खेत में सिंचाई का सही तरीका अपनाना। क्योंकि हमने देखा है कि कई बार किसानों को यह समस्या आती है कि गेहूं के दाने पतले और बारीक होते हैं। इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि सिंचाई की उचित मात्रा नहीं दी जाती है। यदि सिंचाई समय पर और सही तरीके से की जाती है, तो गेहूं का दाना मोटा और मजबूत होता है। इसके अलावा, खाद की सही मात्रा भी दाने की मोटाई पर असर डालती है। यदि आपने सही मात्रा में यूरिया, पोटाश और फास्फोरस का इस्तेमाल किया है, तो दाना मजबूत और मोटा होता है। इसके लिए यूरिया की सही मात्रा और सही समय का चुनाव करना बहुत जरूरी है। गेहूं की फसल में यदि आप 50 से 60 दिन की अवस्था में यूरिया का प्रयोग करते हैं, तो अवश्य ही यह आपकी फसल के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होती है। इसके अलावा, आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बुवाई के बाद पौधों की अच्छी देखभाल करनी चाहिए। अच्छे से खरपतवार की सफाई, समय पर सिंचाई और जरूरी पोषक तत्वों का इस्तेमाल दाने की मोटाई बढ़ाने में मदद करता है।
बालियों का आकार और लंबाई
किसान साथियों, गेहूं की बालियों की लंबाई भी उसकी उपज पर बहुत असर डालती है। अगर बालियां छोटी-छोटी रहेंगी, तो गेहूं की उपज में कमी आएगी। इसके लिए सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि खेत में पर्याप्त नमी बनी रहे। गेहूं की बालियों का आकार और लंबाई बढ़ाने के लिए समय-समय पर सिंचाई करनी चाहिए, ताकि पौधों को आवश्यक नमी मिल सके और वे पूरी तरह से विकसित हो सकें। खाद और पोषक तत्वों की सही मात्रा का प्रयोग करना भी बालियों के आकार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होता है। जैसे कि ऊपर बताया गया, 120 किलो यूरिया, पोटाश और फास्फोरस का मिश्रण गेहूं के पौधों में बालियों की लंबाई और दाने की मोटाई बढ़ाने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, बालियों की लंबाई बढ़ाने के लिए एक और उपाय है। किसान साथियों को गेहूं की बालियां बढ़ाने के लिए, गेहूं को जरूरी पोषक तत्व देने चाहिए। इसके लिए, गेहूं में फ़ॉस्फ़ोरस, पोटैशियम, और बोरोन का स्प्रे किया जा सकता है। इससे गेहूं की बालियां लंबी होती हैं और दानों की संख्या और क्वालिटी भी अच्छी होती है।
दाने का सिकुड़ना
किसान साथियों, कई बार किसान भाइयों को यह समस्या आती है कि कुछ कारणो से गेहूं का दाना सिकुड़ने लगता है। इसका मुख्य कारण है, सिंचाई की कमी। अगर पानी की कमी होती है, तो गेहूं के दाने सिकुड़ने लगते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि समय पर और सही मात्रा में पानी डाला जाए, खासकर जब गेहूं की बालियां निकलने वाली हों। इसके अलावा, कभी-कभी खराब मिट्टी और पोषक तत्वों की कमी के कारण भी दाने का सिकुड़ना शुरू हो सकता है। इसके लिए किसान भाई पानी में घुलनशील उर्वरक 0:0:50 1 किग्रा + सूक्ष्म पोषक तत्व 250 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें। यह मिश्रण न केवल बालियों की लंबाई को बढ़ाता है बल्कि दाने को भी अच्छे से भरने में मदद करता है।
सिंचाई की भूमिका
किसान भाइयों, गेहूं की फसल को अच्छे से उगाने के लिए उर्वरकों के साथ-साथ सबसे जरूरी है सही तरीके से खेत की देखभाल करना। इसमें प्रमुख काम है सिंचाई और खरपतवार की सफाई। यदि आपने बुवाई से लेकर कटाई तक हर कदम पर इन बातों का ध्यान दिया, तो आपकी गेहूं की फसल निश्चित रूप से बेहतर होगी। क्योंकि अगर सिंचाई की बात करें तो, गेहूं की फसल को पर्याप्त नमी चाहिए होती है, अगर आपकी फसल में पर्याप्त नमी नहीं होगी तो कोई भी उर्वरक भी आपकी फसल पर सही प्रकार से अपना असर नहीं छोड़ पाएगा, लेकिन सिंचाई करते समय ध्यान रखें कि सिंचाई में अत्यधिक पानी से बचना चाहिए। पानी की आवश्यकता मौसम और मिट्टी की स्थिति के हिसाब से बदलती रहती है। यदि खेत में ज्यादा पानी डाला जाए तो फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और अगर पानी कम डाला जाए तो दाने पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते। इसलिए सिंचाई की सही मात्रा का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप सिंचाई की ड्रिप विधि या फवारा विधि का उपयोग कर सकते हैं। इस विधि से सिंचाई करने से आपके खेत में सही मात्रा में पानी का उपयोग होने के साथ-साथ आपके पानी की बचत भी होगी और साथ ही सिंचाई में लगने वाला आपका समय भी काफी बच जाएगा।
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नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।