गेहूं में मोटे और चमकदार दाने चाहिए तो यूरिया के यह जादुई चीज डाल दे | 70 मण से ज्यादा मिलेगा उत्पादन
किसान साथियों भारत में गेहूं की खेती केवल एक फसल उत्पादन प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह किसानों की मेहनत और परिश्रम का जीता-जागता उदाहरण है। समय के साथ कृषि में नई तकनीकों और उत्पादों का उपयोग करते हुए किसान अपनी पैदावार को बेहतर बना सकते हैं। आज हम आपको गेहूं की फसल के 65 से 75 दिनों के बीच के एक महत्वपूर्ण चरण, जिसे "फ्लैग लीफ प्रोडक्शन स्टेज" कहते हैं, के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इस अवस्था में किए गए छोटे-छोटे उपाय आपकी फसल के उत्पादन में बड़ी वृद्धि ला सकते हैं। और इस में कोनसा स्प्रे करे जिससे बलिया भी लम्बी बने और दाना भी मोटा बने तो आइये जानते है
फ्लैग लीफ प्रोडक्शन स्टेज का क्या महत्व है
साथियों 65 दिन की अवस्था में गेहूं की फसल अपनी "फ्लैग लीफ" स्टेज में होती है। फ्लैग लीफ वह मुख्य पत्ता है जो पौधे की ऊर्जा और भोजन उत्पादन का केंद्र है। यह पत्ता सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करके प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से पौधे के लिए भोजन तैयार करता है। यदि यह पत्ता स्वस्थ और हरा-भरा रहता है, तो फसल का उत्पादन और दानों की गुणवत्ता दोनों बेहतर होते हैं। यह कहा जा सकता है कि फ्लैग लीफ की स्थिति सीधे फसल के अंतिम उत्पादन को प्रभावित करती है। यदि इस अवस्था में पत्ते में कोई समस्या आ जाए, जैसे बीमारी, पोषक तत्वों की कमी या फंगस, तो फसल का उत्पादन निश्चित रूप से घट जाएगा।
गेहूं की लम्बी बलिया और मोटे दाने के लिए क्या करे
विशेषेज्ञों का कहना है की वे अपनी फसल की 65 से 75 दिनों की अवस्था में उन्हें एक स्प्रे करना चाहिए। यह समय फसल के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस समय पर पौधे में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यदि इस समय पर सही फफूंदनाशक और पोषक तत्वों का उपयोग किया जाए, तो फसल न केवल बीमारियों से बच सकती है, बल्कि उसकी गुणवत्ता और उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, यदि गेहूं की फसल का मैच्योरिटी पीरियड 4-5 दिन तक बढ़ाया जाए, तो प्रति दिन 50 किलो तक उत्पादन बढ़ सकता है। यह उत्पादन बढ़ाने का एक सिद्ध तरीका है, जिसे हर किसान को अपनाना चाहिए। अब बात आती है किस का स्प्रे करे फसल में तो 65 से 75 दिन की अवस्था में फ्लैग लीफ को बीमारियों से बचाने के लिए सिंजेंटा कंपनी का "इंपैक्ट एक्स्ट्रा" फफूंदनाशक एक आदर्श विकल्प है। यह दुनिया भर के किसानों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे प्रभावी और भरोसेमंद उत्पाद है। इसमें Azoxystrobin 18.2% और Cyproconazole 7.3% तकनीक का उपयोग किया गया है। यह तकनीक केवल सिंजेंटा कंपनी के पास है और यह फसल को बीमारियों से बचाने के साथ-साथ उसके विकास को भी बढ़ावा देती है। अगर बात करे इसका डोज कैसे बनता है तो इसे 100 लीटर पानी में 100 एमएल (1 लीटर पानी में 1 एमएल) की मात्रा में मिलाकर फसल पर छिड़काव किया जा सकता है। जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है
इंपैक्ट एक्स्ट्रा के क्या फायदे है
इंपैक्ट एक्स्ट्रा का उपयोग फसल को येलो रस्ट और पाउडरी मिल्ड्यू जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाता है। यह फ्लैग लीफ को हरा-भरा और मजबूत बनाए रखता है। फ्लैग लीफ का आकार बड़ा और चौड़ा होता है, जिससे यह अधिक भोजन तैयार कर पाती है। इसका सीधा असर बालियों पर पड़ता है। बालियों में दानों की संख्या और वजन बढ़ता है, और दानों में चमक आ जाती है। इसके अलावा, यह फसल के मैच्योरिटी पीरियड को 4-5 दिन तक बढ़ा देता है, जिससे गर्म हवाओं के दौरान फसल सुरक्षित रहती है।
अन्य पोषक तत्वों का भी रखे ध्यान
स्प्रे के साथ-साथ फसल को सही पोषण देना भी जरूरी है। इस समय पर एनपीके 0:52:34 (फास्फोरस और पोटाश) का उपयोग फसल को मजबूती प्रदान करता है। अगर फसल में किसी प्रकार की पोषक तत्वों की कमी है, जैसे पीलापन या ग्रोथ में कमी, तो माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का उपयोग करना चाहिए। यह फसल को पूरी तरह से स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
क्या इस तरिके को पहले उपयोग किया गया है
एक किसान ने अपने खेत में इंपैक्ट एक्स्ट्रा का उपयोग किया और पाया कि उनका उत्पादन अन्य खेतों की तुलना में 2.5-3 क्विंटल तक अधिक रहा। यह नतीजा इस बात का प्रमाण है कि इंपैक्ट एक्स्ट्रा और सही पोषण का उपयोग फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाने में कितना कारगर हो सकता है। अगर आपकी गेहूं की फसल 65 से 75 दिन की अवस्था में है, तो बिना किसी देरी के इंपैक्ट एक्स्ट्रा का स्प्रे करें। इसके साथ ही एनपीके और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का सही मात्रा में उपयोग करें। यह फसल को न केवल बीमारियों से बचाएगा, बल्कि उत्पादन में गारंटीड वृद्धि करेगा। आपकी फसल न केवल स्वस्थ दिखेगी, बल्कि बालियों में अधिक और चमकदार दाने भी होंगे।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।