Movie prime

मात्र 8 ग्राम दवा से करें धान के अड़ंगे का खात्मा | जानिए विशेषज्ञ की सलाह

मात्र 8 ग्राम दवा से करें धान के अड़ंगे का खात्मा | जानिए विशेषज्ञ की सलाह
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

किसान साथियो धान की खेती में खरपतवार एक प्रमुख समस्या हैं। ये धान के पौधों के साथ पानी, पोषक तत्व और सूर्य के प्रकाश के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे धान की वृद्धि और उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। खरपतवार धान के पौधों को कमजोर बनाते हैं, उनकी वृद्धि को रोकते हैं और उत्पादन में कमी लाते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, धान की फसल में चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती वाले कई तरह के खरपतवार उगते हैं। खरपतवार न केवल धान की मात्रा को कम करते हैं बल्कि दानों की गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं, जिससे दानों का वजन कम हो जाता है। खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों का उपयोग और मजदूरी पर होने वाले खर्च के कारण खेती की लागत बढ़ जाती है। इसलिए, धान की फसल में खरपतवारों का समय पर नियंत्रण करना आवश्यक है।

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को कैसे करे नस्ट
धान की रोपाई के समय खेत में खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है। यह दवा रोपाई के 24 से 72 घंटों के भीतर डाली जाती है ताकि खरपतवारों के उगने को रोका जा सके। हालांकि, कई बार इन दवाओं के उपयोग के बावजूद भी कुछ खरपतवार उग आते हैं। इनमें चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती वाले खरपतवार शामिल हैं। विशेष रूप से, चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार धान की फसल के लिए अधिक हानिकारक होते हैं क्योंकि वे धान के पौधों के साथ पोषक तत्वों, पानी और सूर्य के प्रकाश के लिए तेजी से प्रतिस्पर्धा करते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, इन खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त उपायों की आवश्यकता होती है।

किन बातो का रखे ख्याल
धान की फसल में उगने वाले चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों का नियंत्रण एक महत्वपूर्ण कृषि चुनौती है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, इन खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए रोपाई के लगभग 15 से 20 दिन बाद, जब खरपतवार दो से तीन पत्ती के हो जाएं, तब खरपतवारनाशक दवा का छिड़काव करना सबसे प्रभावी तरीका है। खरपतवार नियंत्रण के लिए, 1 एकड़ खेत में मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 10% और क्लोरीमुरान 10% (METSULFURON METHYL 10% + CHLORIMURON ETHYL 10%) नामक दवा को 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि छिड़काव करते समय खेत में पानी भरा न हो, लेकिन पर्याप्त नमी होनी चाहिए। दवा का छिड़काव करने के लगभग 24 घंटे बाद धान की फसल में सिंचाई कर देनी चाहिए। इस विधि का पालन करने पर लगभग एक सप्ताह के भीतर खरपतवार पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे।

निराई और गुड़ाई खरपतवार नियंत्रण का पारंपरिक तरीका
खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए रासायनिक उपचार के अलावा, पारंपरिक तरीके भी काफी प्रभावी होते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, धान की फसल में निराई-गुड़ाई एक ऐसी ही प्रभावी तकनीक है। निराई-गुड़ाई के माध्यम से न केवल खरपतवारों को हटाया जा सकता है बल्कि मिट्टी में हवा का संचार भी बेहतर होता है, जिससे पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और उनकी वृद्धि में तेजी आती है। यह प्रक्रिया न केवल खरपतवारों को नियंत्रित करती है बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि निराई-गुड़ाई को सही समय पर और सही तरीके से करना चाहिए। यदि निराई-गुड़ाई समय पर नहीं की जाती है तो खरपतवार बहुत बड़े हो जाते हैं और इन्हें हटाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, निराई-गुड़ाई करते समय ध्यान रखें कि पौधों की जड़ों को नुकसान न पहुंचे।

Note:- किसान साथियो उपर दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विश्वसनीय स्रोतों और किसानों के निजी अनुभव पर आधारित है। किसी भी जानकारी को उपयोग में लाने से पहले कृषि वैज्ञानिक की सलाह जरूर ले लें । कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार धान में किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेनी चाहिए।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।