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अगस्त महीने में करें इन सब्जियों की खेती | होगा लाखों का फायदा

अगस्त महीने में करें इन सब्जियों की खेती | होगा लाखों का फायदा
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किसान साथियों अगस्त का महीना कई सब्जियों के लिए उपयुक्त माना जाता  है, खासकर भारत के कई हिस्सों में मानसून के कारण। इस मौसम में पर्याप्त नमी और बारिश होती है, जो कई फसलों के लिए अनुकूल होती है | सब्जियों की खेती न केवल किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत हो सकती है बल्कि स्थानीय बाजार में भी ताजी और स्वस्थ सब्जियों की उपलब्धता बढ़ा सकती है। आइए हम इस रिपोर्ट के माध्यम से  , अगस्त में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख सब्जियों के बारे में विस्तार से और साथ ही कुछ अतिरिक्त सुझाव के बारे में विस्तार से जानते हैं:

प्रमुख सब्जियाँ और उनके बारे में विस्तृत जानकारी

खीरा: खीरे की खेती के लिए अगस्त का महीना बेहतरीन होता है।  

  • उन्नत किस्में: सिनीज कंपनी की मालिनी, वीएनआर की कृश, ईस्ट वेस्ट कंपनी की सायरा F1 जैसी उन्नत किस्में खीरे की खेती के लिए बेहतर विकल्प हैं।
  • बीज दर: प्रति एकड़ लगभग 150-200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • खेती की विधि: खीरे की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जानी चाहिए।  खीरे को मल्चिंग करके खरपतवार से बचाया जा सकता है और ड्रिप इरिगेशन से पानी की बचत की जा सकती है।

मूली: मूली एक शीतकालीन फसल है, अगस्त में मूली की बुवाई करने से उत्पादन में वृद्धि हो सकती है, और गुणवत्ता भी अच्छी रहेगी। सही बीज का चयन और सही बुवाई विधि से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। ऊंचे स्थानों पर मेड़ बनाकर मूली की खेती करने से जल निकासी अच्छी होती है। देसी गोबर की खाद का उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।

  • उन्नत किस्में: सिजेंटा की आइवरी वाइट, पूषा चेत, महिको की 22 नंबर जैसी उन्नत किस्में मूली की खेती के लिए उपयुक्त हैं।

टमाटर: किसान साथियों अगस्त में टमाटर की बुवाई करने से अच्छे रेट मिल सकते हैं, टमाटर कि खेती कभी कभी किसानो को मालामाल बना देती है । बस सही समय और सही तकनीकी कीआवशकता होती है  बीमारियों से बचाव के लिए उचित प्रबंधन आवश्यक है।

  • उन्नत किस्में: सिजेंटा की साह, अर्का रक्षक, यूएस एग्री सीट्स की 104 जैसी उन्नत किस्में टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त हैं।
  • बीज दर: प्रति एकड़ लगभग 60-80 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • खेती की विधि: मल्चिंग और ड्रिप इरिगेशन का उपयोग टमाटर की खेती में किया जा सकता है।

प्याज: प्याज एक ऐसी सब्जी है जिसका उपयोग लगभग हर व्यंजन में किया जाता है। बरसाती प्याज की खेती के लिए अगस्त का महीना उपयुक्त होता है। अगस्त के पहले सप्ताह में प्याज की नर्सरी को ट्रांसप्लांट करना या छोटी गोल्टियों को बुआई के लिए तैयार करना अच्छा रहेगा। प्याज की फसल सामान्यत: अच्छा मुनाफा दे सकती है, खासकर यदि बाजार भाव ऊँचे हों।

  • उन्नत किस्में: पंचगंगा, एलोरा, चाइना किंग जैसी उन्नत किस्में बरसाती प्याज की खेती के लिए उपयुक्त हैं।
  • बीज दर: प्रति एकड़ लगभग 3-4 किलो बीज की आवश्यकता होती है।

मिर्च:  किसान साथियों मिर्च का उपयोग हर मसालों  को बनाने में किया जाता है। मिर्च में कैप्साइसिन होता है जो शरीर में दर्द को कम करने में मदद करता है। इसलिए इसका प्रयोग बहुत होता है 

  • उन्नत किस्में: वीएनआर की सुनिधि, एडवांटा गोल्डन सीट्स की AK47, महिको की नवतेज जैसी उन्नत किस्में मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त हैं।
  • बीज दर: प्रति एकड़ लगभग 80 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • मिर्च की फसल के लिए महिमा वैरायटी एक अच्छी विकल्प है।
  • मिर्च के खट्टे पूर्व से पश्चिम की दिशा में नहीं, बल्कि उत्तर से दक्षिण दिशा में काटें।

बैंगन: अगस्त में बैंगन की बुवाई करने से सर्दियों में अच्छा मुनाफा हो सकता है। नर्सरी की तैयारी और उचित देखभाल से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बैंगन में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। बैंगन को फल भेदक और तना छेदक जैसे कीटों से बचाने के लिए नियमित रूप से स्प्रे करना आवश्यक है।

  • उन्नत किस्में: वीएनआर की उत्कल, महिको की माही रूबी, कलश जनक जैसी उन्नत किस्में बैंगन की खेती के लिए उपयुक्त हैं।

गाजर: अगेती गाजर की बुवाई अगस्त में करने से दीपावली के समय उच्च दाम मिल सकते हैं। सही बीज और बुवाई विधि का चुनाव करने से अच्छी फसल मिल सकती है।

फूलगोभी: अगर जुलाई में फूलगोभी की बुवाई की थी, तो अगस्त में बुवाई करने से उत्पादन में सुधार हो सकता है, खासकर सर्दी बढ़ने के साथ पौधे का विकास बेहतर होगा 

  • जुलाई और अगस्त में आप विभिन्न वैरायटी जैसे 15-22, डॉक्टर की कविता, और नोबेल 70 नंबर लगा सकते हैं।
  • खेत में पानी का भराव नहीं होना चाहिए।और घास की दवाइयों का सही उपयोग ध्यान में रखें।
  • खेत ऊंचा होना चाहिए, ताकि बारिश का पानी रुक न सके और पानी भरने की समस्या न हो।

हरा धनिया: हरा धनिया की बुवाई अगस्त में करने से अच्छा मुनाफा हो सकता है। बीज की मात्रा और इरिगेशन सिस्टम का ध्यान रखना जरूरी है।

पालक: पालक की बुवाई अगस्त में करें, क्योंकि यह 20 दिन में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाता है पालक की बुवाई कम खर्च में अच्छा मुनाफा दे सकती है। हल्की सिंचाई और फंजी साइड की नियमित उपयोग से फसल अच्छी रहेगी।और बाजार में इसके अच्छे दाम मिलेगे । अगर आपको इससे प्रति किलो 20-25 रुपए मिलते हैं, तो यह फसल अच्छा मुनाफा दे सकती है।

अन्य सब्जियाँ और अतिरिक्त सुझाव

  • बरबट्टी, कद्दू, लौकी, भिंडी, गिलकी, गेंदा, फूल गोभी: ये सभी सब्जियां भी अगस्त में उगाई जा सकती हैं।
  • मंडप विधि: बरबट्टी, लौकी और गिलकी जैसी फलीदार सब्जियों के लिए मंडप विधि का उपयोग किया जा सकता है। इससे पौधों को अधिक जगह मिलती है और फल अच्छी तरह से विकसित होते हैं।
  • बीज उपचार: बीजों को उपचारित करने से बीमारियों से बचा जा सकता है और अंकुरण में सुधार होता है।
  • खाद और उर्वरक: मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए समय-समय पर खाद और उर्वरक का उपयोग करना चाहिए।
  • सिंचाई: नियमित रूप से सिंचाई करना आवश्यक है, खासकर सूखे मौसम में।
  • कीट नियंत्रण: कीटों से फसल को बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है।

अतिरिक्त सुझाव:

  • घर की खाद: घर पर बनी खाद का उपयोग करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
  • वर्षा जल संचयन: वर्षा जल को संचय करके सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • आपदा प्रबंधन: प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा आदि से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
  • स्थानीय जलवायु: विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु अलग-अलग होती है, इसलिए स्थानीय जलवायु के अनुसार फसलों का चयन करना चाहिए।
  • मिट्टी का परीक्षण: मिट्टी का परीक्षण करके पता किया जा सकता है कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्वों की कमी है।
  • फसल चक्र: फसल चक्र का पालन करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और बीमारियों का खतरा कम होता है।

अगस्त महीने में उगाई जाने वाली सब्जियों की यह जानकारी आपको अपनी खेती में मदद कर सकती है। अगस्त का महीना कई सब्जियों के लिए उपयुक्त भी होता है। उपरोक्त जानकारी का उपयोग करके आप अपनी खेती को अधिक लाभदायक बना सकते हैं। यदि आप किसी विशेष सब्जी के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप कृषि विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते हैं।

नोट: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी फसल की खेती करने से पहले स्थानीय कृषि वैज्ञानिक से सलाह लेना आवश्यक है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।