दूसरी सिंचाई के समय गेहूं में बस एक यह चीज डाल देना | बढ़वार और फूटाव देखकर चौंक जाओगे
किसान साथियों जब भी गेहूं में उत्पादन बढ़ाने की बात आती है, तो अधिकांश किसान यही सोचते हैं कि उन्होंने बेसल डोज में अच्छी गुणवत्ता वाला खाद डाल दिया है। पहली सिंचाई के समय भी उन्होंने संतुलित मात्रा में खाद का प्रयोग किया है, और उनकी फसल की बढ़वार और फूटान भी अच्छी है। ऐसे में उन्हें लगता है कि अब अच्छा उत्पादन मिलना तय है। लेकिन किसान भाइयों, यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है।
क्योंकि पहले पानी के साथ दिया गया खाद मुख्य रूप से पौधे की बढ़वार और फूटान के लिए था। हालांकि, केवल बढ़वार और फूटान से उत्पादन नहीं बढ़ता। उत्पादन बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि पौधे की बालियों का आकार और मोटाई भी पर्याप्त हो। मोटी और बड़ी बालियों में ही अधिक मात्रा में दाने विकसित होते हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है। दुर्भाग्यवश, अधिकांश किसान इस महत्वपूर्ण तथ्य की अनदेखी कर देते हैं कि बाली निकलने से पहले फसल में विशेष खाद और उर्वरकों का प्रयोग आवश्यक है। यही कारण है कि जो किसान इस अतिरिक्त पोषण पर ध्यान देते हैं, वे अपनी फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करते हैं।
पहली सिंचाई के दौरान दिए गए खाद मुख्य रूप से पौधों की वृद्धि और फूटान के लिए होते हैं। हालांकि, केवल फूटान और वृद्धि से उत्पादन नहीं बढ़ता। उत्पादन में वृद्धि के लिए पौधों की बालियों का आकार बड़ा और मोटा होना भी आवश्यक है। अधिकतर किसान इस तथ्य को नजरअंदाज कर देते हैं कि बाली निकलने से पहले फसल को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है।
यदि किसान भाई अपनी फसल में बालियों की लंबाई और मोटाई बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें फसल के 40 से 50 दिन बाद दूसरी सिंचाई के समय विशेष खाद और उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। इस चरण में नाइट्रोजन का प्रयोग सबसे महत्वपूर्ण होता है। नाइट्रोजन का सबसे अच्छा स्रोत यूरिया है, जिसमें 46% नाइट्रोजन होता है। किसान भाइयों को प्रति एकड़ 30 किलो यूरिया का उपयोग करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, सीवीड्स(see weeds) फर्टिलाइजर का प्रयोग भी लाभकारी होता है। यह फर्टिलाइजर ह्यूमिक एसिड के समान कार्य करता है और पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। किसान भाइयों को प्रति एकड़ 5 किलो सीवीड्स फर्टिलाइजर का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही, मैग्नीशियम या मैंगनीज को एडिटी फॉर्म में 1 से 1.5 किलो प्रति एकड़ उपयोग किया जा सकता है। यदि एडिटी फॉर्म उपलब्ध न हो, तो 5 किलो तक प्रयोग किया जा सकता है। इन तीनों प्रकार के खादों को मिलाकर फसल में डालने के बाद सिंचाई करनी चाहिए। इससे बालियों की लंबाई और मोटाई में वृद्धि होगी तथा गेहूं के उत्पादन में सुधार होगा।
गेहूं की फसल में उत्पादन बढ़ाने
सीवीड फर्टिलाइजर का महत्व
'सीवीड फर्टिलाइजर' क्यों आवश्यक है और इसका क्या कार्य है? जब गेहूं में बाली का विकास होता है, तब पौधों की जड़ें कमजोर हो सकती हैं। ऐसे समय में सीवीड फर्टिलाइजर जड़ों को मजबूत बनाए रखता है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराता है। यह क्लोरोफिल की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देता है, जिससे पौधों की पत्तियां अधिक मात्रा में भोजन बना पाती हैं और बालियों का विकास बेहतर होता है।
प्रकाश संश्लेषण का महत्व
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया केवल पौधों के तने से नहीं बल्कि उनकी पत्तियों के माध्यम से होती है। पत्तियां, चाहे ऊपर की हों या नीचे की, प्रकाश संश्लेषण करती हैं और पौधों के लिए भोजन तैयार करती हैं। यह भोजन पौधों की बालियों तक पहुंचता है और उनके विकास में सहायक होता है।
समय और विधि
किसान भाई अपनी फसल की वृद्धि के अनुसार 40 से 50 दिन के बीच दूसरी सिंचाई के दौरान आवश्यक उर्वरकों का प्रयोग कर सकते हैं। यदि उस समय ऐसा न कर पाएं, तो 70 से 80 दिन के बीच, तीसरी सिंचाई के समय इस प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है। यह प्रक्रिया मिट्टी के प्रकार पर भी निर्भर करती है। रेतीली, दोमट या काली मिट्टी के अनुसार पानी और खाद प्रबंधन किया जा सकता है।
ब्लैक सोइल के लिए
ब्लैक सॉइल में तीन सिंचाई भी पर्याप्त होती हैं। ऐसी मिट्टी में उर्वरकों का उपयोग विशेष रूप से दूसरी सिंचाई में करना चाहिए। यदि दूसरी सिंचाई में न कर पाएं, तो 70 से 80 दिन के बीच जब बालियां बनने लगें, तब इस प्रक्रिया को अपनाना चाहिए।
स्प्रे के माध्यम से पोषण
किसान भाई जो स्प्रे के माध्यम से पोषण देना चाहते हैं, वे भी बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। ब्लैक सॉइल में स्प्रे अधिक प्रभावी होता है। स्प्रे के माध्यम से पोषक तत्व सीधे पत्तियों द्वारा अवशोषित किए जाते हैं, जिससे बालियों का विकास तेजी से होता है।
गेहूं की फसल में बालियों की लंबाई और पैदावार बढ़ाने के उपाय
किसान भाइयों, जब आपकी गेहूं की फसल में बालियां निकलने लगें या आपको महसूस हो कि फसल 'पोटे' में आ गई है (अर्थात् पत्तियों के भीतर बालियां बनने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है), तब फसल को पोषक तत्वों की सही मात्रा में आवश्यकता होती है। इस समय कुछ विशेष तकनीकों और उत्पादों का उपयोग कर आप अपनी फसल की पैदावार और गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। सिक्स एलिमेंट न्यूट्रिएंट्स में पौधों के लिए आवश्यक छह मुख्य पोषक तत्व होते हैं जैसे फेरस (Iron), जिंक, मैगनीज, कैल्शियम, बोरॉन और अन्य सहायक तत्व। ये पोषक तत्व पौधों में क्लोरोफिल उत्पादन बढ़ाते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में सुधार होता है। इसका सीधा प्रभाव बालियों के विकास पर पड़ता है।
डोज और स्प्रे प्रक्रिया के लिए 2 मिलीलीटर सिक्स एलिमेंट न्यूट्रिएंट्स को प्रति लीटर पानी में मिलाकर जब बालियां बनने लगें, तब स्प्रे करें। स्प्रे के लिए स्वच्छ टंकी का उपयोग करें। यदि टंकी किराए पर ली है, तो पहले उसे 2-3 लीटर गर्म पानी या यूरिया के घोल से अच्छी तरह साफ करें।
नैनो यूरिया नाइट्रोजन की आपूर्ति के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। यह पौधों की ग्रोथ को बढ़ाने में सहायक होता है और बालियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2-3 मिलीलीटर नैनो यूरिया को प्रति लीटर पानी में मिलाकर सिक्स एलिमेंट न्यूट्रिएंट्स के साथ स्प्रे करें। यदि उपलब्ध हो, तो सी वीड्स फर्टिलाइजर या ह्यूमिक एसिड का उपयोग करें। इसे यूरिया के साथ मिलाकर दूसरे या तीसरे पानी में फसल को दें। इससे पौधों की जड़ों और बालियों को बेहतर पोषण मिलेगा।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
👉 चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।