Movie prime

DAP के बाद अब यूरिया के लिए लग सकती हैं लंबी कतारें | जाने पूरी खबर

DAP के बाद अब यूरिया के लिए लग सकती हैं लंबी कतारें | जाने पूरी खबर
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

किसान साथियो मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में किसानों को डीएपी की कमी के बाद अब यूरिया की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। नवंबर महीने में बोई गई गेहूं की फसल में पहली सिंचाई के बाद यूरिया का छिड़काव करना जरूरी होता है, लेकिन किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कड़ाके की ठंड में किसानों को मार्केटिंग सोसाइटी और मार्कफेड के गोदामों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। यूरिया के दो कट्टे पाने के लिए किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि बोवनी के समय उन्हें डीएपी खाद मुश्किल से मिली थी और अब यूरिया के लिए भी उन्हें मशक्कत करनी पड़ रही है। जनवरी महीने में जिले को 8000 मीट्रिक टन यूरिया की अत्यंत आवश्यकता है। यह मांग उप संचालक कृषि कार्यालय द्वारा राज्य सरकार को पहले ही भेज दी गई है। हालांकि, यूरिया कब आएगा और किसानों तक कब पहुंचेगा, इस बारे में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। वर्तमान में गेहूं की फसल को उर्वरक की आवश्यकता है और किसान 30 से 20 दिन की फसल के लिए टॉप ड्रेसिंग करना चाहते हैं। लेकिन यूरिया की उपलब्धता कम होने के कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है। यूरिया प्राप्त करने के लिए किसानों को सुबह 6 बजे से ही मुरैना जैसे कस्बों में मार्केट फेड के गोदामों पर लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं। यह समस्या अंबाह, पोरसा और कैलारस जैसे अन्य क्षेत्रों में भी देखी जा रही है। यूरिया की कमी से किसानों को काफी परेशानी हो रही है और उनकी फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा भी बढ़ गया है।

यूरिया खाद और डीएपी खाद की उपलब्धता कैसी है
रबी की फसल के मौसम में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। खासकर सरसों की बोवनी के दौरान डीएपी खाद की कमी के कारण लगभग 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बोवनी नहीं हो पाई। गेहूं की बोवनी के लिए भी किसानों को डीएपी और यूरिया खाद समय पर नहीं मिल पा रहा है। सरकारी गोदामों पर यूरिया खाद मिलने में काफी परेशानी हो रही है और निजी दुकानों पर यह 100 रुपये प्रति कट्टा महंगा मिल रहा है। इस कारण किसानों को खाद के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

कितने हैक्टेयर में हुई है गेहूं की बोवनी
इस वर्ष किसानों ने गेहूं की खेती के लिए उत्साह दिखाया है और लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बोवनी की गई है। यह बुवाई का कार्य 15 नवंबर से शुरू होकर 25 दिसंबर तक चला। गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए किसान फसल में पहली और दूसरी सिंचाई के बाद यूरिया खाद का छिड़काव करते हैं। इस प्रकार, वर्तमान में किसानों की सबसे बड़ी आवश्यकता चार से पांच बोरी यूरिया खाद की है।

एक किसान को कितने यूरिया के कट्टे दे रहे है
मार्कफेड के गोदामों में 3000 मीट्रिक टन यूरिया का भंडार होने के बावजूद, किसानों को महज दो कट्टे यूरिया प्राप्त करने के लिए पांच से छह घंटे तक लंबी कतारों में खड़े रहना पड़ रहा है। यूरिया प्राप्त करने के लिए न केवल पुरुष किसान बल्कि महिला किसान भी सुबह से ही मुरैना पहुंचकर लाइन में लग रहे हैं। इस स्थिति से किसानों में काफी असंतोष है और उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।