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विदेशों में घट रहा है गेहूं का उत्पादन | क्या घरेलू बाजार पर आएगा इसका असर | रिपोर्ट

विदेशों में घट रहा है गेहूं का उत्पादन | क्या घरेलू बाजार पर आएगा इसका असर | रिपोर्ट
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अमरीकी कृषि विभाग के विदेश कृषि सेवा के प्रतिनिधि कार्यालय (यूएसडीए पोस्ट) ने तुर्की में गेहूं के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 20 लाख टन की कमी का अनुमान लगाया है। हालांकि, पिछले बचे हुए स्टॉक के कारण तुर्की को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई विशेष कठिनाई नहीं होगी। यूएसडीए पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में गेहूं का बोया जाने वाला क्षेत्र 2023-24 सीजन के 72 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 सीजन में 72.50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। लेकिन कई क्षेत्रों में मौसम शुष्क और गर्म रहने के कारण, फसल की औसत उपज दर में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, वहां गेहूं का कुल उत्पादन 210 लाख टन से घटकर 190 लाख टन तक सीमित रहने का अनुमान है।  नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

तुर्की में 2024-25 के मौजूदा विपणन सत्र में गेहूं की कुल उपलब्धता 298.03 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें 53.0 लाख टन का पिछला बकाया स्टॉक, 190 लाख टन का उत्पादन और 55 लाख टन का संभावित आयात शामिल है। इस कुल उपलब्धता में से 70 लाख टन का निर्यात और 200 लाख टन का घरेलू उपयोग होने का अनुमान है, जिससे विपणन सत्र के अंत में 28.03 लाख टन का अधिशेष स्टॉक बचेगा। यूएसडीए पोस्ट के अनुसार, तुर्की में गेहूं की अगस्त उपज दर 2.62 टन प्रति हेक्टेयर रहने की संभावना है, जिससे 72.50 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में कुल उत्पादन 190 लाख टन तक पहुंच जाएगा।

तुर्की में रूस और यूक्रेन जैसे देशों से बड़ी मात्रा में गेहूं का आयात होता है, जिसका मुख्य उद्देश्य पुनर्निर्यात है। यहां मिलर्स प्रोसेसर्स गेहूं मंगाते हैं, उसे प्रोसेस करके आटा और मैदा जैसे मूल्य वर्धित उत्पाद बनाते हैं, और फिर उन्हें एशिया और अफ्रीका के पास के देशों में निर्यात कर देते हैं। 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में तुर्की में गेहूं का आयात तेजी से बढ़कर 125 लाख टन के उच्च स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में यह घटकर 89.40 लाख टन रह गया। वर्तमान 2024-25 के सीजन में आयात और भी कम होकर 55 लाख टन तक सीमित रहने का अनुमान है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।