क्या है दुधारू पशुओं को अनाज खिलाने का कारगर तरीका | इस तरह खिलाने अनाज हर दिन बढ़ेगा दूध
किसान साथियों आज हम बात करेंगे दुधारू पशुओं को अनाज किस प्रकार खिलाना चाहिए। दोस्तों दुधारू पशुओं की शारीरिक वृद्धि और दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए पशुओं के सही पोषण का प्रबंध करना बहुत ही जरूरी है। खास कर उन किसान भाइयों को जो पशुपालन को अपनी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत मानते हैं। ज्यादातर देखने में आता है कि किसान भाई अपने पशुओं को चाट (पशुओं के चारे के रूप में उपयोग की जाने वाली सामग्री) या उबला हुआ अनाज खिलाते हैं। किसानों को यह लगता है कि इससे उनके पशु अधिक दूध देंगे और उनकी सेहत भी बेहतर होगी। लेकिन जानकारों की माने तो पशुओं को चार्ट खिलाने का यह तरीका बिल्कुल गलत है और इस प्रकार उबला हुआ अनाज दुधारू पशुओं के लिए फायदे की जगह नुकसानदायक हो सकता है। पशुपालकों को यह पता होना चाहिए कि संतुलित आहार दूधारू पशुओं की शारीरिक वृद्धि के साथ-साथ दूध उत्पादन के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। कई किसान भाइयों की यह सोच है कि वह अनाज को अच्छी तरह उबाल कर पशुओं को खिलाएंगे तो पशुओं के दूध में वृद्धि होगी, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं होता। उबला हुआ अनाज और लगातार एक ही अनाज खिलाने से दुधारू पशुओं के दूध का उत्पादन कम हो जाता है। पशु पोषण विशेषज्ञ डॉक्टर सज्जन सिहाग, जो हिसार विश्वविद्यालय में पशु पोषाहार विभाग के प्रमुख हैं ,उनका कहना है कि किसान भाई अपने पशुओं को उबला हुआ अनाज खिलाकर अपना भारी नुकसान कर रहे हैं। उनके अनुसार अनाज का मिश्रण बनाकर उसको पानी में भिगोकर कच्चा ही पशुओं को खिलाना चाहिए। आज की इस रिपोर्ट में हम इस बात पर चर्चा करेंगे की दुधारू पशुओं को अनाज का मिश्रण किस प्रकार तैयार करके खिलाना चाहिए, जिससे पशुओं की शारीरिक वृद्धि के साथ-साथ दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो सके। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आई पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।
मिश्रण के फायदे
किसान साथियों डॉ. सिहाग बताते हैं कि अनाज को सही तरीके से उपयोग करने के लिए उसे भिगोना या उचित मात्रा में खनिज मिश्रण और नमक के साथ मिलाना चाहिए। यह आहार न केवल पोषक तत्वों से भरपूर होता है बल्कि इससे पशु स्वस्थ भी रहते हैं। उबले हुए अनाज के बजाय, मिश्रण तैयार करने का एक अधिक प्रभावी तरीका यह है कि किसानों को संतुलित आहार मिश्रण बनाना चाहिए, जो उनके पशुओं के लिए पोषण और उत्पादन दोनों ही दृष्टिकोण से फायदेमंद हो।
अनाज को भिगोने से लाभ
दोस्तों पशु पालक किसानों को उबले अनाज के बजाय रात को अनाज भिगोने की सलाह दी जाती है। और उसे सुबह के आहार में पशुओं को आवश्यकता के अनुसार खिलाएं। यह प्रक्रिया पशुओं के लिए अधिक उपयुक्त मानी जाती है, क्योंकि भिगोए गए अनाज में पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं होते और इससे पशुओं की पाचन क्रिया भी बेहतर होती है। इस प्रकार, सुबह पशुओं को यह मिश्रण खिलाने से उनके शरीर में शक्ति बढ़ती है और दूध उत्पादन में भी वृद्धि होती है। इसके विपरीत उबले हुए अनाज के सारे पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान तो होता ही है साथ में पशुओं के शरीर में भी उसका कोई लाभ नहीं मिलता।
मिश्रण बनाने की विधि
किसान भाइयों दुधारू पशुओं के लिए पशु आहार का सही मिश्रण तैयार करने के लिए कुछ जरूरी पशु आहारों को मिलाया जाता है। इसमें अनाज, चोकर,खल, खनिज मिश्रण, और नमक को उचित अनुपात में मिलाया जाता है। यह मिश्रण पशुओं के शरीर में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है, जिससे न केवल उनकी सेहत अच्छी रहती है बल्कि उनकी दूध उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है। एक क्विंटल मिश्रण को तैयार करने के लिए आप 40 किलो अनाज, 35 किलो खल, 22 किलो चोकर, 2 किलो खनिज मिश्रण और 1 किलो साधारण नमक को दलिए के आकार में पीसकर, इनको एक साथ मिला लें और आवश्यकता अनुसार पशुओं को खिलाने के समय से सात आठ घंटे पहले पानी में भिगो दें, या आप सुबह और शाम दोनो समय के लिए इसको रात को पानी में भिगो के रख दें और जरूरत पड़ने पर पशुओं को खिलाएं। किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वह अपने पशुओं को उबले हुए अनाज या चाट की बजाय इस मिश्रण को तैयार करके , इसे सही तरीके से भिगोकर और संतुलित मात्रा में मिलाकर अपने पशुओं को खिलाएं। इससे न केवल पशुओं की सेहत में सुधार होगा, बल्कि इससे उनका दूध उत्पादन भी अधिक होगा।
आर्थिक लाभ और पर्यावरण सुरक्षा
किसान भाइयों यह मिश्रण खिलाने से न केवल पशुओं की उत्पादकता में सुधार होता है, बल्कि इससे किसानों के आर्थिक और पर्यावरणीय संसाधनों की भी बचत होती है। इस विधि से पशुपालकों को चारे के लिए अनावश्यक खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। साथ ही, गोबर को ईंधन के रूप में उपयोग करने की बजाय, इसे खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे खेतों की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ती है। और अनाज को उबालने के लिए जलाई गई आग से पर्यावरण प्रदूषण की भी सुरक्षा होती है। आप इस मिश्रण का उपयोग एक बार अवश्य करें। हमें उम्मीद है कि आपको इसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिलेंगे। यह मिश्रण दुधारू पशुओं के हित में काफी लाभदायक बताया गया है।
नोट:- रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी हमारे अपने निजी विचारों पर आधारित है और कुछ जानकारी इंटरनेट और सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। आप पशुओं से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए पशु विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें, और निर्णय अपने विवेक और समझ से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।