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इन राज्यों को मिलेगा गेहूं की MSP के उपर बोनस का टॉप अप | जाने डिटेल्स

इन राज्यों को मिलेगा गेहूं की MSP के उपर बोनस का टॉप अप | जाने डिटेल्स
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किसान साथियों , रबी सीजन 2025-26 के लिए गेहूं की सरकारी खरीदी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है, और इस बार किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर बोनस की घोषणा कर दी है, जिससे किसानों को गेहूं की बिक्री पर ज्यादा दाम मिल सकेगा। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल बाजार में गेहूं की कीमतें समर्थन मूल्य से अधिक चल रही हैं, जिससे किसान निजी व्यापारियों को बेचने में अधिक रुचि दिखा रहे थे। ऐसे में, सरकार द्वारा बोनस देने की घोषणा से सरकारी खरीद को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी फायदा होगा।

पिछले साल भी मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया था, जिससे उन्हें कुल 2400 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला था। इस साल सरकार ने इस बोनस को बढ़ाकर 175 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिससे किसानों को कुल 2600 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य मिलेगा। इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है और वे बड़ी संख्या में सरकारी पंजीयन करवा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह बोनस किस तरह किसानों को लाभ देगा और इससे बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार के समर्थन मूल्य का गणित

केंद्र सरकार हर साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का न्यूनतम भाव मिल सके। इस साल केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2425 रुपये तय किया है। यह पिछले साल के मुकाबले एक अच्छी बढ़ोतरी है, लेकिन फिर भी यह बाजार में चल रही कीमतों से कम है। इसी को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया है। इस तरह, किसानों को कुल मिलाकर 2600 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे। यह बोनस राजस्थान सरकार द्वारा घोषित 125 रुपये के बोनस से अधिक है, जिससे मध्य प्रदेश के किसानों को ज्यादा फायदा मिलेगा।

सरकारी खरीद को मिलेगा बढ़ावा?

पिछले साल की तुलना में इस बार सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद को बढ़ाने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। 2023-24 में मध्य प्रदेश सरकार ने 48.40 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की थी, लेकिन यह तय लक्ष्य से कम थी। इस बार सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक किसान सरकारी मंडियों में अपना गेहूं बेचें, जिससे सरकारी भंडार भर सके

अब किसान साथियों के लिए यह एक बड़ा सवाल ये रहता है कि वे निजी व्यापारियों को गेहूं बेचें या सरकारी केंद्रों पर। पिछले कुछ महीनों से खुले बाजार में गेहूं की कीमत 3300 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है, जो समर्थन मूल्य से कहीं ज्यादा है। इस स्थिति में सरकार को सरकारी खरीद में किसानों को आकर्षित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाना जरूरी था। बोनस की यह घोषणा उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।सरकार को उम्मीद है कि इस बोनस के चलते किसानों की भागीदारी बढ़ेगी और वे सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने में रुचि दिखाएंगे। इससे न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि सरकारी अनाज भंडार भी मजबूत होंगे, जिससे आगे चलकर गेहूं की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलेगी

बोनस की घोषणा से किसानों को क्या लाभ?

दोस्तों इस बार की बोनस नीति से किसानों को कई फायदे मिलेंगे। सरकारी मंडियों में गेहूं बेचने पर किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिलेगा, जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी घोषणा की है कि अगले साल गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये से अधिक किया जाएगा, जो किसानों के लिए एक और अच्छी खबर है। आमतौर पर निजी व्यापारी सरकार से अधिक कीमत देते हैं, लेकिन अब सरकार भी मुकाबले में आ गई है और बोनस देकर किसानों को सरकारी मंडियों की ओर आकर्षित कर रही है। सरकारी केंद्रों पर फसल बेचने से किसानों को भुगतान की गारंटी मिलती है और किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचाव होता है।

किसान संगठनों की क्या मांग है?

हालांकि बोनस की घोषणा किसानों के लिए राहत की खबर है, लेकिन कुछ किसान संगठन इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। भारतीय किसान संघ और अन्य संगठन 3000 रुपये प्रति क्विंटल की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाजार में गेहूं पहले से ही 2600-3000 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा है, इसलिए सरकार को समर्थन मूल्य और अधिक बढ़ाना चाहिए। राज्य सरकार पर किसान संगठनों का दबाव बना हुआ है कि वह आगामी वर्षों में MSP को 3000 रुपये के करीब लाए। ऐसे में, देखने वाली बात होगी कि क्या आने वाले समय में सरकार बोनस को और बढ़ाएगी
 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।