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नहीं सो पाने के कारण प्रभावित हो रहा सोयाबीन का उत्पादन | जाने क्या है पूरी खबर इस पोस्ट में

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किसान साथियो मध्य प्रदेश, जो कि सोयाबीन उत्पादन के लिए जाना जाता है, में इन दिनों सोयाबीन किसानों की हालत काफी खराब है। सोयाबीन की कीमतों में लगातार गिरावट, येलो मोजैक वायरस जैसी बीमारियां और अब एक्सप्रेस-वे की रोशनी की समस्या ने किसानों को परेशान कर रखा है। रतलाम जिले के नीमन और उपलई गांवों में किसानों का आरोप है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर लगे हाई मास्ट की तेज रोशनी के कारण उनकी सोयाबीन की फसल खराब हो रही है। किसानों का कहना है कि इस तेज रोशनी के कारण सोयाबीन के पौधे फल नहीं दे पा रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है। लगातार बढ़ती मुश्किलों के कारण किसान काफी हताश हैं और उन्हें राहत देने के लिए सरकार से प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

असामान्य तरीके से लंबी हो रही है सोयाबीन की फसल
जावरा के निकट से गुजरने वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे नीमन और उपलई गांवों के बीच से होकर जाता है। इस मार्ग पर निर्मित होटल, अस्पताल और प्रवेश-निर्गम बिंदुओं के कारण यहां बड़ी संख्या में उच्च शक्ति वाले लैंप और फ्लड लाइट्स लगाए गए हैं। इन तीव्र प्रकाश स्रोतों के कारण, लगभग 200 मीटर के दायरे में स्थित लगभग सौ से डेढ़ सौ बीघा क्षेत्र में उगाई गई सोयाबीन की फसल असामान्य रूप से लंबी हो गई है। हालांकि, पौधे बड़े और घने होने के बावजूद फूल और फलियां नहीं लगा रहे हैं। इस अफलन की समस्या से किसान पिछले तीन वर्षों से जूझ रहे हैं और अब उन्होंने इस मुद्दे पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। यह घटना किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है क्योंकि उनकी मेहनत और लगन पर पानी फिर रहा है। तीव्र प्रकाश के कारण सोयाबीन के पौधों में होने वाले इस अजीब बदलाव के पीछे का वैज्ञानिक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। किसानों को इस समस्या का समाधान मिलने और सरकार से उचित मुआवजे की मांग करने के लिए आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

सोयाबीन की फसलें लाइट के उजाले से नहीं सो पा रही
मालवा क्षेत्र के एक गांव में 8 लेन वाले हाईवे की तेज रोशनी ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। किसानों का कहना है कि हाईवे की रोशनी के कारण उनकी सोयाबीन, मक्का, गेहूं और सब्जियों की फसलों में अफलन की समस्या उत्पन्न हो गई है। पेड़ की छाया में दबे हुए फसल के पौधों पर फलियां लग रही हैं, जबकि खुले में रोशनी पड़ने वाले हिस्से में फसल बर्बाद हो रही है। किसानों ने इस समस्या को लेकर एसडीएम, कलेक्टर, विधायक और यहां तक कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखकर अपनी समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने मौके पर जाकर फसलों का निरीक्षण किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 24 घंटे लगातार तेज रोशनी मिलने से पौधों में असामान्य वृद्धि हुई है, जिसके कारण फसलों में फलियां नहीं आ रही हैं। यह मामला किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है क्योंकि उनकी मेहनत और उम्मीदें दोनों ही बर्बाद हो गई हैं। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि इस समस्या का शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि उनकी फसलें बचाई जा सकें। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

फसल पर विशेष रोशनी का प्रयोग जापान में होता है
जापान जैसे देशों में कृषि क्षेत्र में तकनीक का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। वहां किसान पॉली हाउस में विशेष प्रकार की रोशनी का इस्तेमाल करके सब्जियों और अन्य फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करते हैं। यह रोशनी पौधों को लगातार सक्रिय रखती है और उनकी वृद्धि को बढ़ावा देती है। लेकिन, भारत में एक विरोधाभासी स्थिति देखने को मिल रही है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगे हाई मास्ट लैंप की तेज रोशनी सोयाबीन की फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। यह रोशनी पौधों के विकास चक्र को बाधित कर रही है और फसल को नष्ट कर रही है। किसानों का मानना है कि यह रोशनी पौधों को उसी तरह प्रभावित कर रही है जैसे जापान में पौधों को कृत्रिम रोशनी के माध्यम से बढ़ाया जाता है, लेकिन यहां यह एक नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। किसानों ने मांग की है कि एक्सप्रेसवे पर लगी इन लाइटों को बंद किया जाए ताकि उनकी फसलें सुरक्षित रह सकें। साथ ही, वे सरकार से अपनी खराब हुई फसल का मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं। यह एक जटिल मुद्दा है, जिसमें तकनीक के फायदों और नुकसान दोनों को ध्यान में रखना होगा।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।