जमीन की रजिस्ट्री के लिए अब नहीं घिसानी पड़ेंगी चप्पल | सरकार कर रही ये इंतजाम
दोस्तों अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो जमीन रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते-टूटते रहते थे, तो अब आपके लिए एक खुशखबरी है। हरियाणा सरकार ने अब जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को बेहद आसान और पारदर्शी बना दिया है। सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया भी पहले से कहीं ज्यादा सुगम हो जाएगी। पहले जहां लोगों को जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब एक नई व्यवस्था लागू की गई है, जिससे यह काम प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर किया जाएगा। इस नए सिस्टम के तहत आपको अब किसी प्रकार के अतिरिक्त दस्तावेज या फिर नामांतरण जैसे कागजात की आवश्यकता नहीं होगी। यह सुविधा पहले चरण में सोनीपत और करनाल जिलों में शुरू की जा चुकी है और जल्द ही पूरे राज्य में इसे लागू कर दिया जाएगा। तो, यदि आप हरियाणा के निवासी हैं और जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे थे, तो यह रिपोर्ट आपके लिए ही है। हम यहां आपको बताएंगे कि इस नई व्यवस्था से आपको क्या लाभ हो सकते हैं और यह किस तरह से प्रक्रिया को आसान बनाती है। तो चलिए सरकार द्वारा लागू की गई इस नई नीति को विस्तार से समझने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।
नई रजिस्ट्री प्रक्रिया
साथियों, हरियाणा सरकार ने अब जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर पूरी करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि अब आपको रजिस्ट्री करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इससे पहले, लोगों को रजिस्ट्री के लिए लंबी-चौड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। जैसे-जैसे दस्तावेज एक जगह से दूसरी जगह भेजे जाते थे, उसी दौरान कई बार लोगों को दफ्तरों में जाकर सबूत देने की जरूरत होती थी। लेकिन अब प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और सीधा किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपकी प्रॉपर्टी से जुड़ी जानकारी पहले से ही रिकॉर्ड में है, और आपको किसी भी तरह के अतिरिक्त दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह नया सिस्टम ना केवल रजिस्ट्री की प्रक्रिया को तेज़ बनाएगा, बल्कि इसमें पारदर्शिता भी आएगी। पहले, जब रजिस्ट्री के लिए नामांतरण, दस्तावेज़ की प्रमाणिकता आदि की जांच की जाती थी, तो कई बार गलत या अधूरी जानकारी के कारण परेशानी हो जाती थी। लेकिन अब, प्रॉपर्टी आईडी सिस्टम के तहत यह सारी जानकारी पहले से ही अपडेटेड रहती है, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।
प्रॉपर्टी आईडी क्या है
प्रॉपर्टी आईडी एक अनूठी 15-अंकीय संख्या होती है जो किसी संपत्ति को पहचानने के लिए दी जाती है, चाहे वह जमीन का टुकड़ा हो या इमारत। इसे प्रॉपर्टी आइडेंटिफिकेशन नंबर (पिन) भी कहा जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य संपत्ति के रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखना है। यह नंबर पूरी तरह से स्थिर होता है, यानी अगर संपत्ति बेची जाए या विभाजित हो, तो भी यह नंबर उसी संपत्ति के साथ बना रहता है। आम तौर पर यह संख्या राज्य के नगर निगम अधिकारियों द्वारा जारी की जाती है और यह कराधान, प्रशासनिक कामकाज और संपत्ति से संबंधित जानकारी को ट्रैक करने में मदद करती है। यह प्रॉपर्टी के प्रबंधन को सरल और पारदर्शी बनाती है।
मैपिंग प्रोजेक्ट से मिलेगी जानकारी
दोस्तों, हरियाणा सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की मैपिंग भी शुरू कर दी है, जो कि रेवेन्यू रिकॉर्ड से जुड़ी होगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी को एक डिजिटल मानचित्र पर लाकर उसे रिकॉर्ड में दर्ज करना है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो हर एक प्रॉपर्टी का डेटा रेवेन्यू रिकॉर्ड से लिंक हो जाएगा और इससे किसी भी तरह के दस्तावेज़ में कोई गड़बड़ी या असंगति नहीं रहेगी। अब, आपको यह समझने की जरूरत है कि पहले की व्यवस्था में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नियम और प्रावधान थे। इन नियमों के चलते कई बार जमीन की रजिस्ट्री में असंगतियां हो जाती थीं। इससे न केवल रजिस्ट्री में दिक्कतें आती थीं, बल्कि कई लोग गलत तरीके से रजिस्ट्री भी करवा लेते थे। अब, इस मैपिंग प्रोजेक्ट के माध्यम से हर एक प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड सही तरीके से ट्रैक किया जा सकेगा, और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा। यह प्रोजेक्ट जब पूरी तरह से लागू हो जाएगा, तो राज्य के हर नागरिक के पास एक साफ-सुथरी और प्रमाणिक जानकारी होगी। इससे रजिस्ट्री के लिए नामांतरण की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी, क्योंकि सभी रिकॉर्ड पहले से ही सही और अपडेटेड होंगे।
पारदर्शिता और सुरक्षा
साथियों, जैसा की आपको याद होगा कि पहले जमीन रजिस्ट्री के दौरान कई बार अलग-अलग विभागों से जानकारी हासिल करने में काफी समय और मेहनत लगती थी। और कहीं न कहीं, यह प्रक्रिया लोगों के लिए असमंजस पैदा कर देती थी। लेकिन अब प्रॉपर्टी आईडी और मैपिंग प्रोजेक्ट के लागू होने के बाद, रजिस्ट्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों आएंगी। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह से डिजिटल और रिकॉर्ड-बेस्ड होगी। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था अब गलत तरीके से रजिस्ट्री नहीं करवा सकेगी। इसके लिए न केवल डेटा को अपडेट किया जाएगा, बल्कि एक मजबूत सिस्टम भी तैयार किया जाएगा, जो किसी भी गलत जानकारी की पहचान कर सके।
नामांतरण की प्रक्रिया
पहले रजिस्ट्री की प्रक्रिया के दौरान अक्सर नामांतरण की आवश्यकता पड़ती थी। यह एक ऐसा कदम था, जिसमें जमीन के मालिक का नाम पुराने रिकॉर्ड से नया रिकॉर्ड में बदलना पड़ता था। यह एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होती थी, जिसमें कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन अब, जब प्रॉपर्टी आईडी और मैपिंग प्रोजेक्ट लागू होगा, तो नामांतरण की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी, और रिकॉर्ड पहले से ही अपडेटेड और सही होंगे। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि भूमि के मालिकों को हर बार नामांतरण के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा रजिस्ट्री प्रक्रिया में यह बदलाव करने के बाद रजिस्ट्री के लिए अब किसी भी प्रकार के अतिरिक्त कागज-पत्रों की जरूरत नहीं होगी।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।