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प्याज बिक रही 50 पैसे किलो | अपनी फसल को फेंकने पर मजबूर किसान – रिपोर्ट | Onion Rate

प्याज के भाव हुए धड़ाम – Onion Rate मोबाइल APP पर भाव देखने के लिए यहाँ क्लिक करें किसान साथियो करीबन 20 साल हो गये हैं जब भारत सरकार 50 पैसे के सिक्के की बनाना बंद कर दिया था। मौजूदा समय में 50 पैसे के सिक्के की कोई वैल्यू नहीं हैं आलम यह है कि
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प्याज बिक रही 50 पैसे किलो | अपनी फसल को फेंकने पर मजबूर किसान – रिपोर्ट | Onion Rate

प्याज के भाव हुए धड़ाम – Onion Rate

मोबाइल APP पर भाव देखने के लिए यहाँ क्लिक करें 

किसान साथियो करीबन 20 साल हो गये हैं जब भारत सरकार 50 पैसे के सिक्के की बनाना बंद कर दिया था। मौजूदा समय में 50 पैसे के सिक्के की कोई वैल्यू नहीं हैं आलम यह है कि बाजार में कभी 50 पैसे में मिलने वाली वस्तुएं (Product) या तो अब बनती ही नहीं है या फिर वे कम से कम 1 रुपये में मिल रही हैं

दोस्तों लेकिन विडम्बना यहा है कि महाराष्ट्र के बाजारों में इन दिनों 50 पैसा का भाव किसान के लिए आफत बना हुआ है। जो प्याज कुछ महीनों पहले 100 रुपये किलो मे भी नहीं मिल रहा था आज उसी प्याज को 50 पैसे प्रति किलो (Onion Rate) के हिसाब के ख़रीदने के लिए भी खरीददार नहीं मिल रहे हैं।

देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में प्याज के दामों में लगातार गिरावट जारी है। आलम यह है कि इन दिनों महाराष्ट्र (Maharashtra) की मंडियों में किसानों से 50 पैसे से 75 पैसे प्रति किलो तक प्याज की खरीद की जा रही है। भाव इतने कम हो गए हैं कि ढुलाई का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। पिछले कई सीज़न का भाव देखें तो प्याज के दाम का यह अभी तक सबसे निचला स्तर है।

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नासिक की इस मंडी में 50 पैसे प्रति किलो में हुआ प्याज का व्यापार (Onion Rate) 

महाराष्ट्र स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (MSAMB) के मुताबिक 20 मई को नासिक जिले की येवला मंडी में प्याज का न्यूनतम दाम 50 पैसे प्रति किलो पर आ गया तो वहीं राज्य की सताना मंडी में 75 पैसे प्रति किलो के भाव में व्यापार हुआ है।

गौरतलब है कि नासिक देश का सबसे प्रसिद्ध प्याज उत्पादक जिला है। प्याज की इस दुगर्ति पर महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष का कहना है कि जब-जब दाम बढ़ता है तो सरकार आयात कर लेती है इससे फिर से प्याज के दाम गिर जाते हैं। किसान संगठन ने मांग की है कि जब इतने कम भाव चल रहे हैं तो सरकार को प्याज के किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देना चाहिए।

भाड़े के पैसे भी नहीं हो रहे पूरे

प्याज की इस दुर्गति पर येवला तालुका के रहने वाले एक किसान का कहना है कि इस साल उन्होंने ने बड़ी उम्मीदों से प्याज की खेती की थींं, लेकिन हालात ऐसे हो जाएंगे सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था। किसान भाई आगे बताते हैं कि इतने कम रेट में प्याज बेचने से अच्छा की हम अपना प्याज फेंक दें। इस भाव में तो प्याज की लागत तो बहुत दूर खेत से मंडी तक लाने का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा है।

धान सरसों गेहूं नरमा ग्वार जौ आदि फसलों के रेट 21 मई 22

प्याज के दामों में लगातार जारी है गिरावट (Onion Rate) 

इस समय महाराष्ट्र ही नहीं अन्य राज्यों में भी प्याज उत्पादक संकट में हैं। सभी जगह प्याज के दामों में लगातार गिरावट जारी है। ज्यादातर प्याज उत्पादक मंडियों में प्याज का दाम 1 रुपये प्रति किलो तक चल रहा है। ऐसे माहौल में कुछ किसान अब प्याज मुफ्त में बांट रहे हैं तो वहीं कुछ किसान प्याज फेंकने को मजबूर हो रहे हैं।

सरकारी एजेन्सी भी लूट रहीं किसान को

प्याज के गिरते भाव और नफेड द्वारा कम कीमतों में प्याज की खरीदी पर महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन रास्ता रोको आंदोलन तो कर रहे हैं। लेकिन किसानों को फ़िलहाल कोई राहत मिलती नजर नही आ रही है। गौरतलब है कि गिरते भाव का सबसे बड़ा असर उपभोक्ताओं पर नहीं बल्कि किसानों पर पड़ा है क्योंकि आम आदमी को अभी भी 15 रुपये किलो से कम में प्याज नहीं मिल रहा है। मंडी भाव टुडे का मानना है कि सरकार को किसानों के हित को देखते हुए कदम उठाने चाहिए और मुआवजे का एलान करना चाहिए। नहीं तो वो दिन ज्यादा दूर नहीं होगा जब 150 रुपये किलो के भाव में प्याज फिर से आम आदमी को खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा।

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