कुदरत का चमत्कार | इस गांव में बिना पानी के पैदा हो रहा गेहूं | जाने कहाँ
किसान साथियो जैसा की आप सबको पता है कि गेहूं की फसल अनाजों में भारत की सबसे महत्तवपूर्ण फसल है। उत्तर भारत और मध्य भारत में यह लोगों के भोजन का मुख्य हिस्सा भी है। अब यह बताने की जरुरत नहीं है कि गेहू की बुबाई के लिए पानी का होना बहुत जरूरी है। गेहू की फसल पानी के बिना पैदा नहीं की जा सकती। लेकिन कमाल की बात यह है कि राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित कुम्हेर उपखंड के गांव जहांगीरपुर में करीब 250 हेक्टेयर भूमि में पानी के बिना गेंहू की फसल पैदा जा रही है. स्थानीय लोगों ने बताया की उनके गांव के आसपास की जमीन चिकनी व मीठी है और इसकी खासियत यह है कि यह भूमि बारिश के पानी को भाप के रूप में उड़ने नहीं देती और इस बचत के पानी को गेहू के लिए इस्तेमाल करती है. यही मुख्य कारण है की इस गांव की भूमि पर बिना पानी के गेंहू की फसल आसानी से उगाई जाती है. बता दे कि इस खबर के वायरल होने के बाद कई बार कृषि वैज्ञानिक इस भूमि का परीक्षण कर चुके हैं। साथियो आप सभी को पता ही होगा की गेहूं की फसल को उगाने के लिए करीब 4 से 5 बार पानी की आवश्यकता पड़ती है। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
250 हेक्टेयर भूमि में बिना पानी के हो रही है पैदावार
गांव जहांगीरपुर के एक निवासी प्रीतम सिंह सैनी ने बताया कि उनकी उम्र 55 साल से अधिक है। उन्होंने बताया की उनके जन्म से पहले ही गांव में बिना पानी के गेंहू की खेती की जा रही है। साथियो करीब 250 हेक्टेयर की भूमी पर बिना पानी के गेहू की फसल हुई है। आमतौर पर इस तरह की ख़बर के बारे में जब लोग सुनते है तो विश्वास ही नहीं करते है. लेकिन साथियो यही विश्वास न करने वाले लोग जब इस गाँव में जाकर अपनी आंखों से इस फसल को देखते हैं तो देखते ही रह जाते है। कृषि विशेषज्ञों का भी यही कहना है की गेहू की फसल को बिना पानी के पैदा नहीं की जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यहां की मिट्टी में ही कुछ अलग बात है जो की बिना पानी के गांव की फसल पैदा कर देती है। बिना पानी की यह फसल एक हैक्टेयर में 100 मन के आस पास पैदावार देती है। एक और ख़ास बात यह है कि बिना पानी वाले इस गेहूं की बाजार में कीमत भी अधिक है। क्या MSP के उपर बिकेगा गेहूं | देखें गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट
भूमि मीठी और चिकनी मिट्टी है
किसान साथियो गांव वासियो ने बताया है कि इस तरह की खबर सुनकर कई बार कृषि वैज्ञानिक इस भूमि का परीक्षण कर चुके है। उनके द्वारा किये गए परीक्षण में यही पाया गया है कि यह भूमि चिकनी और मीठी है। साथ में यह भी कहा कि इस भूमि की खासियत यह है कि बारिश के पानी को ये भूमि सोख लेती है और यह पानी लंबे समय तक नमी के रूप में कार्य करता है. इसलिए कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां बिना पानी के गेंहू की फसल हो जाती है. जानकारों का मानना है कि इस तरह का गेहूं स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसीलिए इसकी बाजार में कीमत भी अधिक है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति खाने में इस गेहूं का उपयोग करता है तो कई बीमारियों से निजात पायी जा सकती है। पाम में तेजी, सरसों में मंदा | जानिए वज़ह | रोके या बेचे | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट