मात्र 1 रुपये के खर्च में हो रही है जमीन की रजिस्ट्री | जाने क्या है प्रक्रिया और योग्यता
दोस्तों हरियाणा के फरीदाबाद नगर निगम ने गांवों में रहने वाले लोगों को लाल डोरे की जमीन पर मालिकाना हक देने की प्रक्रिया को गति दे दी है। यह योजना प्रदेश सरकार की स्वामित्व योजना के तहत लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को उनके मकानों और दुकानों का कानूनी मालिकाना दस्तावेज प्रदान करना है। वर्तमान में, इन लोगों के पास संपत्ति पर केवल कब्जे का अधिकार है, लेकिन स्वामित्व संबंधी कोई दस्तावेज नहीं है। नगर निगम अब एक व्यापक सर्वेक्षण कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पात्र व्यक्तियों को उनका कानूनी अधिकार मिल सके।
सर्वे के दौरान, नंबरदार की रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीणों की संपत्ति का सत्यापन किया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति की संपत्ति को मान्य पाया जाता है, तो नगर निगम उनके मकान की रजिस्ट्री सिर्फ एक रुपये में करवाएगा। यह प्रक्रिया ग्रामीणों के लिए एक बड़ा लाभ है, क्योंकि पहले उन्हें अपनी संपत्ति का स्वामित्व प्राप्त करने के लिए लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था। अब इस योजना के तहत, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि स्वामित्व दस्तावेज आसानी से और न्यूनतम लागत में प्राप्त किए जा सकें।
मालिकाना सर्टिफिकेट और कानूनी सुरक्षा
दोस्तों स्वामित्व योजना के अंतर्गत नगर निगम द्वारा मालिकाना सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा, जिससे संपत्ति धारकों को कानूनी मान्यता प्राप्त होगी। यह सर्टिफिकेट उन लोगों को दिया जाएगा, जो कम से कम 10 वर्षों से अपनी संपत्ति पर कब्जे में हैं। प्रमाण के रूप में, लोगों को कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे, जैसे कि बिजली बिल, ड्राइविंग लाइसेंस, घरेलू गैस कनेक्शन, या कोई अन्य सरकारी दस्तावेज जो उनके स्थायी निवास का प्रमाण देता हो। यह प्रमाण पत्र ग्रामीणों को संपत्ति से जुड़े कई लाभ देगा। उदाहरण के लिए, इस सर्टिफिकेट के माध्यम से लोग अपनी जमीन पर बैंक से लोन प्राप्त कर सकेंगे, जिसे पहले कानूनी स्वामित्व दस्तावेज न होने के कारण संभव नहीं था। इसके अलावा, मालिकाना हक मिलने से लोग अपनी संपत्ति की खरीद-बिक्री भी कानूनी रूप से कर सकेंगे। इससे संपत्ति बाजार में पारदर्शिता आएगी और लोगों की जमीन संबंधी समस्याएं भी हल हो जाएंगी।
ग्रामीणों की चिंताएं ?
हालांकि, इस योजना के तहत स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलने से जहां एक ओर ग्रामीणों को कानूनी हक मिलेगा, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इससे जुड़ी संभावित चुनौतियों को लेकर चिंतित भी हैं। कई ग्रामीणों का मानना है कि मालिकाना दस्तावेज मिलने के बाद उन्हें गृहकर (हाउस टैक्स) का भुगतान तो करना होगा | इस मुद्दे पर नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने इस योजना को ग्रामीणों के हित में लागू किया है और इसमें उनकी सहूलियत का पूरा ध्यान रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार, 99.99 गज तक के खाली प्लॉट पर कोई गृहकर नहीं लिया जाएगा। हालांकि, यदि किसी व्यक्ति की संपत्ति 100 गज या उससे अधिक की है, तो उस पर गृहकर लागू होगा। यह कर संपत्ति के कुल क्षेत्रफल के आधार पर निर्धारित किया जाएगा, जिससे सभी पर समान रूप से लागू हो|
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।