हरियाणा के इन शहरों से गुजरेगी हाई स्पीड ट्रेन | करोड़ों में बिकेगी जमीन
दोस्तों, देश में परिवहन सुविधाओं में तेजी से बदलाव हो रहा है, और इसमें रेलवे नेटवर्क का योगदान भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। और इस योगदान को आगे बढ़ते हुए अब रेलवे ने दिल्ली और अमृतसर के बीच हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया है। दिल्ली और अमृतसर के बीच हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर का प्रस्ताव देश की रेलवे यात्रा को एक नई दिशा दे सकता है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य न केवल यात्रा के समय को कम करना है, बल्कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को भी मजबूत करना है। दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर का सर्वे हाल ही में शुरू हुआ है, और इस परियोजना को लेकर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह रेल कॉरिडोर 465 किलोमीटर लंबा होगा और सरकार की रणनीति के तहत इसमें बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है, जो 350 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी। इस परियोजना से दिल्ली से अमृतसर का सफर सिर्फ दो घंटे में तय किया जा सकेगा, जो अभी लगभग 6 से 7 घंटे का समय लेता है। यह ट्रेन चंडीगढ़ समेत 13 प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी और इस नई सुविधा से लाखों यात्रियों को फायदा होगा। यह परियोजना न केवल बुलेट ट्रेन के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भारत के रेलवे नेटवर्क को आधुनिक और उन्नत बनाने में भी सहायक साबित होगी। हम आपको बता दें कि भारत सरकार ने 2019 में देश में 6 नए हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर की योजना बनाई थी, जिसमें दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन कॉरिडोर प्रमुख है। इस रेलवे कॉरिडोर का उद्देश्य सिर्फ दिल्ली से अमृतसर की यात्रा को आसान बनाना नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी को आपस में जोड़कर और बेहतर बनाने के लिए भी इसका निर्माण किया जा रहा है। इस रेलवे कॉरिडोर को पूरा करने के लिए सरकार ने किस प्रकार से और क्या-क्या योजनाएं तैयार की हैं और यह रेलवे ट्रैक कौन-कौन से जिलों से होते हुए गुजरेगा और इससे आम लोगों को कितना फायदा होगा, इन सब बातों को विस्तार से जानने के लिए चलिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।
भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू
साथियों, दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के लिए रेलवे विभाग ने हाल ही में सर्वे का कार्य शुरू किया है। यह सर्वे प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी और डिज़ाइन को लेकर किया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह रेलवे लाइन कहां से निकाली जाएगी और इसे स्थापित करने के लिए कौन सी भूमि की जरूरत होगी। उत्तरी रेलवे और पंजाब के अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PUDA) के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। इस सर्वे का एक अहम हिस्सा यह है कि इसमें कुल 321 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। पंजाब और हरियाणा के इन गांवों में किसानों की भूमि होगी, जो इस हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट के लिए ली जाएगी। इस विषय पर सरकार का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा। यह मुआवजा उनके भूमि के कलेक्टर रेट से पांच गुना अधिक होगा, जिससे उन्हें अपना दूसरा रोजगार करने के लिए एक उचित मूल्य मिलेगा। नोट :- बोली होते ही मंडियों के लाइव रेट व्हाट्सप्प पर पाने के लिए आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | अगर आप को चाहिए तो 9518288171 पर व्हाट्सअप मैसेज करे | भाव सुबह 7 बजे से आने शुरू हो जायेंगे और इस सर्विस में और भी फसलों के भाव देखने को मिलेंगे | जिन्हे लेनी है वही मैसेज करे
मुआवजे की व्यवस्था
दोस्तों, इस बड़े प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण का कार्य बहुत संवेदनशील है, क्योंकि इसमें किसानों की ज़मीन ली जाएगी। हालांकि, सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुआवजे की व्यवस्था की है। इस मामले में पंजाब सरकार किसानों को उनके ज़मीन के लिए पांच गुना अधिक मुआवजा देने का वादा कर चुकी है। यह मुआवजा किसानों को उनकी ज़मीन की कलेक्टर रेट के हिसाब से मिलेगा, और यह राशि उन्हें जल्द से जल्द जारी की जाएगी। इसके अलावा, यह मुआवजा किसानों के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में उन्हें अपनी ज़मीन छोड़नी होती है। लेकिन अगर उन्हें उचित मुआवजा मिल जाएगा तो वह उन पैसों से अपनी आय का कोई अन्य स्रोत पैदा कर सकते हैं। इसके लिए सरकार के अधिकारियों द्वारा किसानों के साथ बैठकें की जा रही हैं, ताकि उन्हें पूरी प्रक्रिया और मुआवजे की जानकारी दी जा सके। इसके अलावा, सभी संबंधित अधिकारी इस प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।
स्टेशन की जानकारी
साथियों, दिल्ली से अमृतसर के बीच बनाए जा रहे इस हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में कुल 13 रेलवे स्टेशन होंगे, जो दिल्ली से लेकर अमृतसर तक के रास्ते में स्थित होंगे। इनमें दिल्ली, आसौधा, रोहतक, जींद, कैथल, संगरूर, मालेरकटोला, लुधियाना, जालंधर, और अमृतसर शामिल होंगे। इन स्टेशनों पर बुलेट ट्रेन रुकने के दौरान यात्री आसानी से सफर कर सकेंगे। दिल्ली-अमृतसर रेल कॉरिडोर न केवल रेलवे यात्रा को तेज करेगा, बल्कि यह इलाके में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। इस रेल नेटवर्क से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बीच व्यापार और पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही, यह एक बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा, जो स्थानीय समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगा। और इस कॉरिडोर के बनने से तीनों राज्यों के आपसी मैत्रीपूर्ण संबंध और अधिक मजबूत होंगे।
भूमि अधिग्रहण के प्रभावित जिले
दोस्तों, इस हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पंजाब के विभिन्न जिलों में की जाएगी। इस परियोजना के अंतर्गत पंजाब के 186 गांवों की ज़मीन ली जाएगी, जिसमें मोहाली के 39, जालंधर के 49, लुधियाना के 37, अमृतसर के 22, फतेहगढ़ साहिब के 25, कपूरथला के 12 और तरनतारन तथा रूपनगर जिले के एक-एक गांव शामिल हैं। यह भूमि अधिग्रहण परियोजना के तहत आने वाले गांवों के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, और इस प्रक्रिया को लेकर सरकार और रेलवे अधिकारी स्थानीय समुदाय से संपर्क बनाए हुए हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, अधिकारियों द्वारा किसानों को उनकी भूमि के मूल्य के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी, ताकि वे पूरी तरह से समझ सकें कि उन्हें क्या मुआवजा मिलेगा और यह प्रक्रिया कैसे पूरी होगी।
👉 चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।