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खुशखबरी ! पंजाब में चावल शैलर मिलों की हड़ताल हुई खत्म | मंगलवार से शुरू होगी धान की सरकारी खरीद

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दोस्तो सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो किसानो का हितैषी होने का दंभ सभी भरते हैं। लेकिन यह भी कड़वा सच है कि अक्सर किसानों, कृषि सबंधित व्यापरिक संगठनों और सरकार के बीच में संघर्ष चलता रहता है। समय समय पर किसान और अन्य संगठन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल और आंदोलन करते रहते हैं। और हर आंदोलन के बाद किसी ना किसी स्तर पर सहमति बन जाती है।

शनिवार को पंजाब में भी मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और शेलर मिलरों के साथ अहम बैठकें की । बैठक के दौरान राज्य के बड़े हितों को प्राथमिकता देते हुए लगभग सभी संवेदनशील मुद्दों पर आम सहमति बन गई। सरकार ने शेलर मालिकों के साथ बैठक में उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया। शेलर मालिकों की राज्य से संबंधित मांगों को मंजूर करने के साथ-साथ केंद्र से संबंधित मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। इसके बाद शेलर मालिकों ने मंगलवार से धान की खरीद शुरू करने का ऐलान किया है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर धान में नमी अधिक हुई तो वे अपने शेलरों में धान नहीं लगवाएंगे। राज्य की खरीद एजेंसियों के सदस्य गोदामों से अनाज की निर्बाध आवाजाही की निगरानी करेंगे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

धान की खरीद मंगलवार से शुरू
मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया गया कि पंजाब सरकार हर दाने की खरीद सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। चावल मिल मालिकों की हड़ताल अभी समाप्त हो चुकी है। धान की सरकारी खरीद के संबंध में दिशा निर्देश जरी कर दिये गए हैं। यह खरीद राज्य की खरीद एजेंसियों और FCI के अधिकारियों के तालमेल से की जाएगी।

धान में नमी कम करने के लिए दिए निर्देश
दोस्तों, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धान में अत्यधिक नमी होने के कारण पिछले साल सेलर मालिकों को काफी नुकसान झेलना पाड़ा था और वह इस साल अधिक नमी के धान को ना खरीदने की मांग रख रहे थे। इस सम्बन्ध में सीएम ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि धान की फसल की नमी को ध्यान में रखते हुए इसकी कटाई शाम छह बजे से सुबह 10 बजे तक नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने मंडी बोर्ड को एफसीआइ की तर्ज पर नमी मापने वाले मीटर खरीदने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि धान की खरीद के दौरान 17% तक की नमी सुनिश्चित की जाएगी।

जिन मिलों के पास 5,000 टन से अधिक धान भंडारण की क्षमता है, उन्हें पांच प्रतिशत अधिग्रहण लागत के बराबर बैंक गारंटी देने की आवश्यकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब से मिलर्स से बैंक गारंटी लेने के बजाय, मिल की भूमि विभाग के पक्ष में ‘लीन’ (अधिग्रहण का अधिकार) करवाई जाएगी। मिलर्स की एक और मांग को स्वीकार करते हुए उन्होंने मौजूदा मिलों के आवंटन के लिए भौतिक सत्यापन से छूट देने की भी मंजूरी दी है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

केंद्र सरकार के सामने रखेंगे मांग
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र के समक्ष राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य के 0.50 प्रतिशत से एक प्रतिशत तक धान की सूखाई की बहाली, मिल से बाहर पहुंचाए चावल के लिए परिवहन खर्च की प्रतिपूर्ति और पिछले परिवहन के खर्चों की वसूली न करने जैसे मुद्दे भी उठाए जाएंगे।

किसान संगठनों से भी बनी सहमति
मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया गया कि किसान संघर्षों के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का मुद्दा मुख्य रूप से विचार किया गया। पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को भरोसा दिलाया कि ऐसे 856 किसानों में से लगभग 99 प्रतिशत परिवारों को पहले ही सरकारी नौकरी और सहायता प्रदान की जा चुकी है। बाकी बचे मामलों पर कार्यवाही चल रही है और उन्हें जल्द ही पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।इसके अलावा सरकार ने किसान नेताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी पहले की कई मांगों को तो पहले ही सरकार लागू कर जा चुकी हैं और बाकी बची जायज़ मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।