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"दिल्ली में आफत बनकर बरसी बारिश | मौसम विभाग का पूर्वानुमान पूरी तरह ध्वस्त हुआ

"दिल्ली में आफत बनकर बरसी बारिश | मौसम विभाग का पूर्वानुमान पूरी तरह ध्वस्त हुआ
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दोस्तों शुक्रवार की कलसुबह जैसे ही दिल्ली के आकाश में बादलों की परतें गहराने लगीं, एक अप्रत्याशित घटनाक्रम ने मौसम वैज्ञानिकों को हतप्रभ कर दिया। जिन बादलों को हल्की वर्षा का कारक माना जा रहा था, वे देखते ही देखते घने तूफानी स्वरूप में बदल गए और राजधानी के विभिन्न हिस्सों में घनघोर बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग ने इससे पहले हल्की से मध्यम बारिश का संकेत दिया था, किंतु वास्तविकता कहीं अधिक भयानक थी। सुबह के करीब पांच बजे मौसम विज्ञानियों ने अनुमान की गंभीरता को भांपते हुए तत्काल चेतावनी स्तर को अद्यतन किया और रेड अलर्ट घोषित कर दिया।  वातावरण में अचानक पैदा हुई तीव्रता से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने लगीं, जिनके कारण दर्जनों पेड़ जड़ से उखड़ गए और यातायात व्यवस्था पूर्णतः चरमरा गई। कई क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई, और दूरसंचार सेवाओं पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। दुर्भाग्यवश, इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम पांच लोगों की मृत्यु हो गई और अनेक घायल हुए। राजधानी में कई स्थानों पर जलजमाव और सड़कों पर गिरे पेड़ों के कारण आवागमन लगभग ठप हो गया। सुबह होते-होते जब लोग अपने कार्यस्थलों की ओर बढ़ने की योजना बना रहे थे, तब तक दिल्ली की सड़कें कीचड़ और मलबे में तब्दील हो चुकी थीं। 

ऐतिहासिक बारिश ने तोड़े पुराने रिकॉर्ड

दोस्तों कल राजधानी के मुख्य वेधशाला केंद्र, सफदरजंग में महज छह घंटों के भीतर 77 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे पहले मई महीने में 2021 के दौरान केवल एक दिन में 119.3 मिमी वर्षा हुई थी, जिसे अब तक का उच्चतम स्तर माना जाता था। शुक्रवार की बारिश इस आंकड़े के करीब पहुंच गई और एक नई मिसाल कायम कर गई। इतना ही नहीं, दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 10.2 डिग्री नीचे 29.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो पिछले दो वर्षों के दौरान मई में दर्ज सबसे कम तापमान था। दोपहर में कुछ समय के लिए सूरज ने जरूर झलक दिखाई, लेकिन वातावरण में ठंडक का प्रभाव बना रहा और लू जैसी स्थितियां पूरी तरह समाप्त हो गईं।

मौसमी प्रणाली का विज्ञान भी हैरान

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एम. मोहापात्रा के अनुसार, इस अनोखी मौसमीय परिस्थिति के पीछे कई कारक जिम्मेदार थे। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठी आर्द्र हवाओं ने पश्चिमी विक्षोभ से मिलकर एक शक्तिशाली चक्रवातीय संरचना को जन्म दिया। यह पूर्वानुमान से परे जाकर एक विकराल रूप ले बैठी। विशेषज्ञों के मुताबिक, जब वातावरण में उच्च तापमान लंबे समय तक बना रहता है, तो वायुमंडलीय आर्द्रता अचानक तेजी से बढ़ती है, जिससे आंधी और तूफान जैसे तीव्र बदलाव उत्पन्न होते हैं। ऐसे संयोग विरले ही बनते हैं और इनकी सटीक भविष्यवाणी करना बेहद कठिन होता है, जिससे स्पष्ट है कि अब भी प्राकृतिक शक्तियां वैज्ञानिक उपकरणों से कहीं आगे हैं।

यातायात व्यवस्था ध्वस्त, हवाई उड़ानों पर पड़ा भारी असर

भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संचालन पूरी तरह लड़खड़ा गया। फ्लाइटराडार24 वेबसाइट के मुताबिक, 500 से अधिक उड़ानों में विलंब हुआ, जबकि तीन विमानों को उनके गंतव्य के बजाय अन्य शहरों – जयपुर और अहमदाबाद – की ओर मोड़ना पड़ा। टर्मिनल भवनों के बाहर यात्री घंटों तक बारिश में फंसे रहे, क्योंकि टैक्सी सेवाएं भी सुचारु रूप से नहीं चल पा रही थीं। यह स्थिति राजधानी के वैश्विक संपर्कों पर एक बड़ा आघात साबित हुई, जिससे आर्थिक गतिविधियों और समय की भारी हानि हुई।

आगामी सप्ताह में फिर घिरेंगे बादल

आईएमडी ने चेताया है कि आने वाले छह दिनों तक राजधानी समेत उत्तर भारत के अधिकांश भागों में मौसम की यही स्थिति बनी रह सकती है। शनिवार और रविवार को रुक-रुककर बारिश जारी रहने का अनुमान है और तेज हवाएं 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक चल सकती हैं। साथ ही आकाश में बादलों का घना जमाव रह सकता है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक शुरुआत है, और आगामी सप्ताह में एक और शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की ओर बढ़ सकता है, जिससे स्थिति पुनः गंभीर हो सकती है। ऐसे में नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, सुरक्षित स्थानों में रहें और मौसम अपडेट पर लगातार नजर रखें।

सोर्स मौसम विभाग 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।