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5950 रुपए के MSP में सरसों बेचने से पहले ये रिपोर्ट जरूर देख लेना | नुकसान से बचाने वाली रिपोर्ट

5950 रुपए के MSP में सरसों बेचने से पहले ये रिपोर्ट जरूर देख लेना | नुकसान से बचाने वाली रिपोर्ट
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किसान साथियों , इस वर्ष हरियाणा सरकार ने किसानों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए सरसों की सरकारी खरीद प्रक्रिया को निर्धारित समय से पहले शुरू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर दिलवाने और किसी भी असुविधा से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है। इस रिपोर्ट में सरसों की खरीद प्रक्रिया, न्यूनतम समर्थन मूल्य, पंजीकरण प्रक्रिया और सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की विस्तृत जानकारी दी गई है।

क्या है सरसों की खरीद प्रक्रिया में बड़ा बदलाव

हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए इस वर्ष सरसों की सरकारी खरीद प्रक्रिया को तय समय से पहले शुरू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बार सरसों की फसल जल्दी मंडियों में पहुंचने की संभावना को देखते हुए खरीद प्रक्रिया 28 मार्च की बजाय 15 मार्च से ही प्रारंभ कर दी जाए। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाना और उन्हें समय पर उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाना है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले पर जोर देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार हमेशा किसानों के हितों को प्राथमिकता देती है और उनकी भलाई के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है।

खरीद प्रक्रिया क्या है

दोस्तों, सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरसों की खरीद के लिए 108 मंडियों का चयन किया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों, मंडी बोर्ड और खरीद एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और पूरी खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चले। सरकार ने इस वर्ष सरसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यह किसानों के लिए एक बड़ा लाभ साबित होगा।

कितना रहा इस बार रकबा

हरियाणा में आमतौर पर 17 से 20 लाख एकड़ क्षेत्र में सरसों की खेती होती है, लेकिन इस बार रबी सीजन 2024-25 के दौरान सरसों की बुआई बढ़कर 21.08 लाख एकड़ तक पहुंच गई है। इससे अनुमान लगाया गया है कि राज्य में लगभग 15.59 लाख मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन होगा। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि हरियाणा में सरसों की खेती किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल बनी हुई है।

कैसे उठाये सरकारी खरीद का लाभ

सरसों की सरकारी खरीद का लाभ उठाने के लिए किसानों को "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि हर किसान अपनी उपज आसानी से बेच सके और समय पर भुगतान प्राप्त कर सके।

सरसों की खरीद प्रक्रिया हैफेड (HAFED) और हरियाणा राज्य भंडारण निगम के माध्यम से की जाएगी। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा राज्य विपणन बोर्ड, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित किया जाए और किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

किसान संगठनों की मांग पर लिया गया निर्णय

कुछ दिन पहले किसान संगठनों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरसों की खरीद प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। किसान संगठनों की इस मांग पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई सरसों की खरीद की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो और उन्हें समय पर भुगतान मिले। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को फसल बेचने के बाद तुरंत उनके बैंक खातों में पैसा जमा हो, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की वित्तीय कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।