निर्यात प्रतिबंध के बावजूद गेहूं निर्यात का बनाया रिकार्ड | अब 2 रुपये किलो गेहूं बेचेगी सरकार
निर्यात प्रतिबंध के बावजूद गेहूं निर्यात का बनाया रिकार्ड | अब 2 रुपये किलो गेहूं बेचेगी सरकार
किसान साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि भारत सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। निर्यात पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी भारत ने गेहूं के निर्यात का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि निर्यात प्रतिबंध के बावजूद यह कैसे संभव हुआ होगा। दरअसल प्रतिबंध के बाद भारत सरकार ने कुछ ढील दी है और उन देशों को निर्यात जारी रहा है जिनकी खाद्य सुरक्षा का जिम्मा भारत सरकार ने उठा रखा था। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
भारत ने गेहूं के निर्यात में रिकॉर्ड तोड़ते हुए अप्रैल से अक्टूबर 2022 के बीच 46.56 लाख टन गेहूं विदेशों में बेचा गया है, जो 1.5 अरब डॉलर मूल्य का रहा. जबकि वर्ष 2021-22 में इसी समय के दौरान 2.12 अरब डॉलर का गेहूं बेचा गया था। अगर बासमती चावल (basmati rice export) की बात करें तो वर्ष 2022-23 के सीजन के पहले सात महीने में 24.10 लाख टन का निर्यात किया गया, जो 2.54 अरब डॉलर का था.
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केंद्रीय वाणिज्य एवं औद्योगिक मंत्री के द्वारा राज्यसभा में ये लिखित जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि भारत ने खाद्यान्न संकट की आशंका को देखते हुए मई में गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी और सिर्फ चुनिंदा स्तर पर ही जहाजों की आवाजाही की इजाजत दी गई थी। गेहूं के सीज़न के शुरुआती दौर में फॉरेन ट्रेड पॉलिसी के तहत 186 निर्यातकों को गेहूं निर्यात की मंजूरी दी गई थी। लेकिन रूस और यूक्रेन के तनाव के चलते गेहूं के भावों में लगातार तेजी के बाद 13 मई को इस पर रोक लगा दी गई थी। इस मामले में सरकार का कहना था कि देश में गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा के साथ साथ भारत पर निर्भर पड़ोसी देशों की खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया था।
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रबी सीज़न में गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार आने वाले सीजन में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन देखने को मिल सकता है। गेहूं के बढ़े हुए रकबे को देखते हुए ऐसी संभावना को बल मिल रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खाद्यान्न उत्पादन में भारत लगातार पिछले कुछ सालों से नए रिकॉर्ड बना रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा देश के अग्रणी गेहूं उत्पादक राज्यों में शामिल हैं। किसानों को सीज़न की शुरुआत से ही MSP के उपर गेहूं के भाव मिले हैं। कोरोना औऱ फिर यूक्रेन युद्ध के कारण रूस औऱ यूक्रेन में बड़े पैमाने पर गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। यही बड़ी वज़ह है जिसके चलते गेहूं के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिली है।
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चावल 3 रुपये किलो और गेहूं 2 रुपये किलो बेचेगी सरकार
महामारी के चलते आम लोगों को राहत देने के लिए शुक्रवार को सरकार ने घोषणा की है कि वह देश में करीब 81.3 करोड़ गरीबों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अगले एक साल के लिए मुफ्त राशन मुहैया कराएगी ताकि लोगों को कोविड संकट के झटके से बचाया जा सके। भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा के तहत सरकार 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। केंद्र सरकार एनएफएसए के तहत रियायती दरों पर खाद्यान्न देती है जिसमें चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलो और गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलो के रेट रखे गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान लोगों को राज्य स्तर पर औऱ केंद्र सरकार के स्तर पर दोहरा अनाज निशुल्क उपलब्ध कराया गया था।
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