1 मई से चावल निर्यात पर नई टैरिफ व्यवस्था लागू होगी | GI व बासमती को मिलेगा लाभ
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, केंद्र सरकार 1 मई 2025 से चावल निर्यात के लिए नई टैरिफ संरचना लागू करने जा रही है। इसका उद्देश्य चावल की किस्मों को उनके प्रोसेसिंग तरीके और वैरायटी के आधार पर वर्गीकृत करना है, जिससे भारत की प्रीमियम और क्षेत्रीय किस्मों को वैश्विक बाजार में बेहतर पहचान मिले। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9729757540 पर संपर्क करें।
नए टैरिफ के अंतर्गत होगी तीन प्रमुख श्रेणियां
वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने संसद में लिखित उत्तर में जानकारी दी कि नई व्यवस्था के तहत चावल को मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जाएगा:
1. प्रोसेसिंग आधारित: पैराबॉयल्ड और अन्य
2. वैरायटी आधारित: बासमती, गैर-बासमती
3. GI टैग प्राप्त किस्में: यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री द्वारा मान्यता प्राप्त चावल
20 से अधिक GI चावल किस्मों को होगा सीधा लाभ
जितिन प्रसाद के अनुसार, GI टैग प्राप्त 20 से अधिक चावल किस्में, जो भारत के 10 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उगाई जाती हैं, इस नई संरचना से लाभान्वित होंगी। ये किस्में GI अधिनियम 1999 के तहत पंजीकृत हैं, जो उनके क्षेत्रीय और गुणवत्ता मानकों की रक्षा करता है।
निर्यात डेटा और उत्पाद पहचान में मिलेगी स्पष्टता
केंद्र सरकार का मानना है कि यह नई व्यवस्था:
भारत की बासमती और GI टैग चावल की वैश्विक ब्रांडिंग को मजबूती देगी
निर्यात डेटा को अधिक पारदर्शी बनाएगी अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9729757540 पर संपर्क करें।
उत्पादों की विशिष्ट पहचान (Product Differentiation) को बढ़ावा देगी
प्रीमियम चावल उत्पादकों को बेहतर मूल्य दिलाने में मददगार होगी
कस्टम टैरिफ अधिनियम में संशोधन से लागू हुआ बदलाव
यह संशोधित ढांचा कस्टम टैरिफ अधिनियम, 1975 में संशोधन के माध्यम से लाया गया है और वित्त अधिनियम 2025 के द्वारा प्रभावी हुआ है, जिसे संसद ने 29 मार्च को पारित किया।
निर्यातकों के लिए चेतावनी: दस्तावेज जल्द अपडेट करें
सरकार ने सभी चावल निर्यातकों को सलाह दी है कि वे 1 मई से पहले अपने निर्यात दस्तावेजों और टैरिफ कोड्स को अपडेट करें, ताकि नए नियमों के तहत किसी तरह की बाधा न आए।
यह नई व्यवस्था भारत को वैश्विक चावल निर्यात मानचित्र पर और मजबूत करेगी, खासकर बासमती और GI टैग किस्मों के क्षेत्र में, जिनकी मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बनी हुई है।
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।