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पंजाब का चावल इस राज्य ने किया रिजेक्ट | जाने क्या है वज़ह

पंजाब का चावल इस राज्य ने किया रिजेक्ट | जाने क्या है वज़ह
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किसान साथियो पंजाब से भेजे गए चावल के नमूनों को कर्नाटक ने खारिज कर दिया है। कर्नाटक सरकार ने पंजाब से आए चावल को खराब गुणवत्ता का बताते हुए खाद्य के लिए अनुपयुक्त घोषित किया है। यह चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किया जाना था। यह घटना पंजाब के लिए एक बड़ा झटका है और राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय है। यह दूसरी बार है जब पंजाब से भेजे गए चावल को किसी अन्य राज्य ने खारिज किया है। इससे पहले, अरुणाचल प्रदेश ने भी पंजाब से आए चावल के नमूनों को खराब गुणवत्ता का बताते हुए अस्वीकार कर दिया था।

चावल के नमूने हुए खारिज
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा हुबली (कर्नाटक) में उचित मूल्य की दुकानों और गोदामों से फोर्टिफाइड चावल के 26 नमूने एकत्र किए गए हैं। इन नमूनों में से चार को गुणवत्ता मानकों से बाहर यानी 'बियोंड रिजेक्शन लिमिट' घोषित किया गया है। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि जिन स्टॉक से ये अस्वीकृत नमूने लिए गए हैं, उन्हें तुरंत बदला जाए। हुबली को नाभा से 7,304 बैग (3,568.837 क्विंटल) और भोगपुर, जालंधर से 2,995 बैग (1,484.929 क्विंटल) चावल भेजे गए थे। इसके अलावा, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पटियाला और जालंधर डिवीजनों के अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित किया गया है और निर्देश दिया गया है कि जिन चावल के ढेरों में गुणवत्ता की समस्या पाई गई है, उन्हें तुरंत बदला जाए।

मिल मालिकों और किसानों के बीच नाराजगी
पंजाब में उगाए गए चावल को खारिज किए जाने के फैसले से राज्य के किसानों और राइस मिल मालिकों में गहरा रोष है। किसानों का मानना है कि उनके उत्पाद को जानबूझकर खारिज किया जा रहा है, जिसके पीछे कोई साजिश है। कीर्ति किसान यूनियन के उपाध्यक्ष राजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि उन्हें डर है कि पंजाबी चावल के नमूनों को जानबूझकर गुणवत्ता के आधार पर खारिज किया जा रहा है, ताकि पंजाबी किसानों को चावल की खेती करने से रोका जा सके। उनका मानना है कि केंद्र सरकार के भंडारों में पहले से ही पर्याप्त चावल होने के कारण पंजाब से आए चावल के खिलाफ एक जानबूझकर अभियान चलाया जा रहा है।

मिल मालिकों में बिक्री न होने का डर
किसानों और चावल मिल मालिकों ने आरोप लगाया है कि धान की खरीद में हो रही देरी के कारण उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि सरकार केंद्र सरकार चावल खरीद में कॉरपोरेट घरानों को बढ़ावा देना चाहती है और इसीलिए धान की खरीद में देरी हो रही है। चावल मिल मालिकों ने यह भी आशंका जताई है कि चावल के नमूनों को खारिज किए जाने के कारण एफसीआई पंजाब से चावल की आवाजाही रोक सकती है। हालांकि, एफसीआई पंजाब क्षेत्र के क्षेत्रीय महाप्रबंधक ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पंजाब में सभी स्टॉक की गुणवत्ता जांच करने के कोई निर्देश नहीं हैं और चावल की आवाजाही जारी रहेगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।