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बासमती पर कल होगी मीटिंग | जानिए किन मुद्दों पर होगी चर्चा | धान रोके या बेचे जाने इस रिपोर्ट में

बासमती पर कल होगी मीटिंग | जानिए किन मुद्दों पर होगी चर्चा | धान रोके या बेचे जाने इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो निर्यातकों की हड़ताल को समाप्त होके चार-पांच दिन का समय हो चुका है। बासमती की खरीद बढ़िया तरीके से चल रही है। भले ही चावल निर्यातकों ने न्यूनतम निर्यात सीमा 950 डालर प्रति टन किए जाने का स्वागत किया हो, लेकिन कहीं न कहीं कसक बरकरार है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बाजार को उम्मीद थी कि MEP घटाने के बाद बासमती के भाव में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल आएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बासमती में बमुश्किल 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी देखने को मिली है। कल 27 अक्टूबर को निर्यातकों और सरकार के बीच एक और मीटिंग होने की जानकारी मिल रही है। इस मीटिंग से क्या कुछ निकाल कर सामने आ सकता है आज की रिपोर्ट में हम इसी मुद्दे का विश्लेषण करने वाले हैं। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

मीटिंग में किन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत
साथियो पिछले सालों के निर्यात भाव पर नजर डालें तो निर्यात का औसत 850 से 900 डालर प्रति टन ही रहा है। अब सरकार ने कंडीशन लगायी है कि 950 डालर प्रति टन से अधिक कीमत वाला उच्च गुणवत्ता वाला ही चावल निर्यात हो सकेगा। ऐसे में शंका पैदा हो रही है कि 1847 1692 और 1509 जैसी वैरायटी के चावल इस रेंज में आ पाएंगे या नहीं।  चूँकि निर्यातक लगातार न्यूनतम निर्यात मूल्य को 850 डॉलर करने की मांग कर रहे हैं। अब इस पर अंतिम निर्णय 27 तारीख की बैठक के बाद ही लिया जाएगा। इस बैठक के बाद बासमती के निर्यात मूल्य पर आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होने की भी संभावना है।

बासमती में और कितनी तेजी बाकी
बासमती निर्यात सीमा तय होने के बाद से हरियाणा सरकार द्वारा 1509, 1718 व 1121 आदि बारीक धान की किस्मों के धान पर हरियाणा में प्रवेश पर रोक लगाए जाने की खबरें मिल रही हैं। यही वज़ह है कि 1509 की धान के भाव 2800, 2900 से बढ़कर अब 3300 से 3750 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। क्योंकि एक तरफ जहां निर्यातकों ने खरीद शुरू कर दी है वहीँ दूसरी ओर हरियाणा में पड़ोस के राज्यों से बाहरी 1509 की आवक कम होने से धान की कमी पड़ने लगी है। माहौल तो अच्छा है लेकिन जहां तक 1509, 1692 और 1847 के धान की बात है इसमें बहुत बड़ी तेजी की उम्मीद कम है। हालांकि 1121 और 1718 में भाव के और भाव बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि 1718 और 1121 को स्थानीय चावल कारोबारी और राइस मिलर्स भी खरीद रहे हैं। हरियाणा की मतलोडा मंडी में बासमती 1121 के भाव 4705 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच चुके हैं। इसी तरह से कलायत मंडी में 1121 धान का टॉप भाव 4725 रुपये प्रति क्विंटल तक लग चुका है। हड़ताल खुलने के बाद बासमती 1121 के ये सबसे ऊंचे भाव हैं।

चावल के भाव पर क्या है अपडेट
दोस्तो is समय 1121 का  A+ ग्रेड का स्टीम क्वालिटी का चावल 9800 से 10500 की रेंज में बना हुआ है। बात सेला की करें तो 8300 रुपये प्रति क्विंटल का टॉप भाव बोला जा रहा है। अच्छी बात यह है कि धान की सप्लाई बढ़ने के बावजूद इसमें कोई गिरावट नहीं दिखी है जो कि इसके भाव की मजबूती को दर्शाती है। अन्य किस्मों के चावल के भाव को देखें तो उत्तर भारत के राज्यों में पूसा 1,509 किस्म के सेला चावल का भाव 6,500 से 6,700 रुपये और इसके A+ ग्रेड का स्टीम चावल का 7,500 से 7,900 रुपये प्रति क्विटल पर चल रहा है । बुधवार को इसमें 100 रुपये की तेजी दर्ज की गई है। 1401 स्टीम के भाव 9250 के आसपास बने हुए हैं।

बासमती को रोके या बेचे
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 27 अक्टूबर को एपीडा एवं राइस मिलर्स एसोसिएशन के बीच निर्यात मूल्य के संबंध में बैठक होने वाली है। निर्यातक न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को 850 डॉलर करने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने इसे 950 डॉलर कर दिया है। जिसके कारण बासमती की कुछ किस्मों के निर्यात में दिक्कत आ सकती है। अब उम्मीद है कि 27 अक्तूबर को इस 850 डॉलर पर लाने के बारे में चर्चा हो सकती है। किसान साथियो धान के भाव को लेकर असमंजस की स्थिति अभी कुछ दिन तक और बनी रह सकती है। सरकार ने अभी तक MEP घटाने को लेकर अभी तक ब्लैक एंड व्हाइट में कोई आदेश जारी नहीं किया है। जब तक इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आता है तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है। हालांकि 1121 और 1718 जैसी ऊंची वैरायटी में फ़िलहाल कोई रिस्क नहीं लग रहा है। लेकिन जिन किसान साथियो को रिस्क नहीं लेना है वे 1509, 1692 और 1847 जैसी किस्मों को अच्छे भाव मिलते ही निकाल सकते है।  गौरतलब है कि सरकार महंगाई को रोकने के लिए वचनबद्ध है, इसलिए ज्यादा निर्यात मूल्य भी नहीं घटाएगी। ऐसे में मंडी भाव टुडे का मानना है कि इस मीटिंग से ज्यादा उम्मीद ना लगाते हुए थोड़ा थोड़ा करके माल निकालते रहना चाहिए। मंडी भाव टुडे पर हम MEP के मामले को नजदीक से ट्रैक कर रहे हैं। इससे संबंधित ताजा अपडेट के लिए आप हमसे यूट्यूब और फेसबुक पर जुड़ सकते हैं। साथियो व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।