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भारत सरकार ने मलेशिया को चावल बेचने पर दी सहमती | देखे पूरी जानकारी

भारत सरकार ने मलेशिया को चावल बेचने पर दी सहमती | देखे पूरी जानकारी
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किसान साथियों भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देशोंमें से एक है । यहाँ से दुनिया के कुल निर्यात का 40% चावल निर्यात किया जाता है। अल नीनों के चलते पूरी दुनिया में चावल की कमी बनी हुई है । इस के चलते भारत सरकार ने 20 जुलाई को निर्णय लिया कि घरेलू बाजार में चावल की कीमतें कम करने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात तुरंत बंद कर की जाएगी । भारत सरकार के इस निर्णय के कारण मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम जैसे देशों में चावल की कमी हो गई है । ये देश भारत के चावल के सबसे बड़े आयातक हैं।  निर्यात प्रतिबंध के बाद से ही बहुत सारे देश भारत सरकार पर निर्यात को खोलने का दबाव बना रहे थे । इसी बीच खबर आ रही है कि भारत ने 18 अक्टूबर को एक दोस्ताना कदम के रूप में मलेशिया को 170,000 टन सफेद चावल गैर-बासमती के निर्यात को मंजूरी दे दी है । 

मलेशिया के विदेश मंत्री दातुक सेरी डॉ. जाम्ब्री अब्द कादिर ने भारत के इस कदम कि सराहना की है । उनका कहना है कि फिलहाल, मलेशियावासी चावल की कमी की समस्या पर राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि भारत मलेशिया को 170,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात करने पर सहमत हो गया है। उन्होंने कहा कि  भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंक ने फोन पर यह अच्छी खबर दी है । एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों और मलेशिया में सफेद चावल की कमी को देखते हुए भारत ने विशेष कोटा का अनुरोध करने के बाद यह विशेष आवंटन किया है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

भारत ने 18 अक्टूबर को एक दोस्ताना कदम के रूप में मलेशिया में 170,000 टन सफेद चावल गैर-बासमती के निर्यात को मंजूरी दी है । भारत सरकार का यह निर्णय भारत और मलेशिया के बीच घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है । यह निर्णय सभी मित्र देशों की सरकारों की घरेलू खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और उन्हे सपोर्ट करने की भारत की नीति के अनुरूप है। मलेशिया के विदेश मंत्री ने कहा कि हम भारत के इस कदम का स्वागत करते है । हम पर्याप्त सफेद चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक लंबे समय से समाधान की तलाश कर रहे थे अब यह समस्या हल होती दिख रही है।

उन्होंने कहा कि आयातित गैर-बासमती सफेद चावल के विशेष कोटा से स्थानीय सफेद चावल की कीमत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। मोहम्मद ने कहा यदि ऐसा होता भी है, तो इसका प्रभाव बहुत छोटा सा होगा । उन्होंने बताया कि यह विशेष कोटा गैर-बासमती चावल के पूरे आयात का एक मामूली प्रतिशत है।  मलेशिया  भारत के अलावा, पाकिस्तान, थाईलैंड और वियतनाम से भी चावल का आयात करता है। मलेशिया को चावल की औसत आयातित आपूर्ति लगभग 750,000 टन प्रति वर्ष है।  इस समय मलेशिया के स्थानीय बाजार में सफेद चावल की वर्तमान कीमत RM2.60 प्रति किलोग्राम है।

तो दोस्तो आपने देखा कि दुनिया भर में किस कदर चावल कीकमी बन गयी है। भारत भी इस बात को समझ रहा है इसी लिए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि बासमती चावल जिसका 90% हिस्सा निर्यात किया जाता उसके निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।