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दिवाली के बाद कैसा रहेगा बासमती धान का बाजार | जाने इस रिपोर्ट में

दिवाली के बाद कैसा रहेगा बासमती धान का बाजार | जाने इस रिपोर्ट में
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किसान साथियों दिवाली का त्यौहार बिल्कुल समीप आ चुका है। कल 12 नवंबर को दिवाली पूरे भारत वर्ष में धूमधाम से मनाई जाएगी। धान के किसानों के लिए यह दिवाली काफी अच्छी रहने वाली है क्योंकि यही वह साल है जब दिवाली पर धान के भाव सबसे अच्छे चल रहे हैं। साथियो व्यवसाय चाहे कोई भी हो आज के ज़माने में सभी ज्यादा से ज्यादा लाभ की उम्मीद करते हैं। तो हमारे किसान भी ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद क्यू ना करें। जी तोड़ मेहनत करके उन्होंने फ़सल को तैयार तो कर दिया है अब धान का ऊंचा भाव ही किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवा सकता है। मंडी भाव टुडे की यही कोशिश है कि किसानों को सही समय पर ऐसी जानकारी दी जाए जिससे उन्हें धान का टॉप भाव मिलने में मदद हो सके। आज की रिपोर्ट में हम बासमती के बाजार का विश्लेषण करके यह जानने की कोशिश करेंगे कि दिवाली के बाद बासमती धान के भाव की क्या दिशा दशा बन सकती है। अगर आप धान रोकने के बारे में सोच रहे हैं तो यह रिपोर्ट आपको अंत तक पढ़नी चाहिए। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ताजा मार्केट अपडेट
किसान साथियो बासमती के बाजार में इस समय स्थिरता का माहौल बना हुआ है। पिछले पूरे हफ्ते में बासमती 1121 के धान के भाव 4560 से 4650 की रेंज में बने रहे। हालांकि ज्यादा आवक होने और मौसम खराब रहने के कारण पिछले दो दिन से धान के भाव में मामूली नरमी भी दिखाई दी है । पूरे हफ्ते में धान के भाव 50-100 रुपये प्रति क्विंटल तक टूटे हैं। धान 1718 के बाजार को देखें तो 4300 से लेकर 4400 के भाव की रेंज बनी हुई है। पंजाब की मंडियों में भाव में जोश बनने लगा था लेकिन खराब मौसम के इस पर ब्रेक लगा दिया। इस हफ्ते के टॉप भाव की बात करें तो सीज़न का टॉप भाव इसी बुधवार को तरनतारन मंडी में लगे हैं। यहां पर 1121 के भाव 4887 और 1718 में 4500 के आसपास के भाव लगे हैं। इसके अलावा फतेहगढ चूरियां मंडी से भी 1121 में 4800 के भाव की रिपोर्ट मिली हैं। लेकिन शुक्रवार को किसी भी मंडी में 1121 का भाव 4650 के उपर नहीं था। बात बासमती 30 की करें तो इस हफ्ते में इसके भाव 250 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक टूटे है। अच्छी बात यह रही कि 1401, 1885 और 1886 के भाव में कोई खास कमजोरी नहीं बनी है। जबकि चावल के भाव में तेजी को देखते हुए 1509 और 1847 में मजबूती दिख रही है।

दिवाली के बाद सिकुड़ेगी आवक
किसान साथियो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समय तक 60-70% तक धान की फ़सल मंडियों में आ चुकी है। 1509 और 1847 की आवक लगभग समाप्त हो चुकी है। 1885, 1886 और 1121 की आवक फ़िलहाल ज्यादा हो रही है। बाजार के जानकारों का कहना है कि दिवाली के बाद से ही आवक का दबाव कम होना शुरू हो जाएगा।

बारिश के चलते बाजार कमजोर
साथियो अगर डिमांड और सप्लाई के आंकड़ों को देखें तो भाव कम नहीं होने चाहिए लेकिन शुक्रवार को हुई बारिश ने भाव पर प्रेशर डाला है। लाखों क्विंटल धान मंडियों में भीग गया है। नमी बढ़ने के कारण भाव में टूटत आनी लाजिमी है। आने वाले एक दो दिन में अगर मौसम साफ़ नहीं हुआ तो भाव पर थोड़ा दबाव और आ सकता है। यह भी पढ़े :- क्या धान के भाव घटाने की हो रही है साजिश, जानें पूरी खबर
बासमती के निर्यात में वृद्धि, एक अच्छा संकेत
दोस्तो एपीडा के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 7.05 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और कुल निर्यात 23.08 लाख टन का हुआ है, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात केवल 21.56 लाख टन का हुआ था। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य, एमईपी 1,200 डॉलर प्रति टन तय करने के बाद सितंबर में बासमती चावल के निर्यात में अगस्त की तुलना में कमी आई थी । सितंबर महीने में भारत ने 2.98 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था, जबकि अगस्त में निर्यात 4.01 लाख टन का हुआ था। MEP के कारण निर्यात पर लगे ब्रेक के बावजूद 6 महीने में निर्यात का बढ़ना एक अच्छा संकेत है।

डिमांड के मुकाबले पर्याप्त चावल नहीं
बाजार के जानकारों का कहना है कि बासमती की अच्छी फ़सल होने के बावजूद भी डिमांड के अनुसार बासमती चावल का उत्पादन पर्याप्त नहीं रहेगा। पिछले साल का धान का स्टॉक समाप्त है इसलिए जो भी मिलिंग होनी है वह नयी फसल के धान से ही होनी है। इस समय धान की आवक जोरों पर है इसलिए खरीद दार सुस्त चल रहे हैं। अगले हफ्ते से धान की आवक कम होनी शुरू हो जाएगी जिसके बाद मिलर्स खरीद के लिए आगे आते दिखेंगे । इसके अलावा गैर बासमती के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है, जिस कारण राइस मिलों की धान में खरीद अच्छी हो रही है।

अगले हफ्ते कैसे रहेंगे बाजार
किसान साथियो बाजार की सटीक चाल का अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन माहौल को देखकर या कहा जा सकता है कि अगले हफ्ते में कोई बड़ी तेजी की उम्मीद कम है। चूंकि उत्तर भारत के  ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई है जिन किसानों का माल भीग गया है वे जल्दी ही मंडियों के तरफ दौड़ने वाले हैं। नमी के कारण भाव कमजोर बोले जा सकते हैं। इसलिए आज भी भाव पर थोड़ा बहुत प्रेशर बना रह सकता है। इसलिए आज आप चाहें तो मंडी में जाने से परहेज कर सकते हैं।
लंबी अवधि के क्या रह सकता है ट्रेंड
जैसा कि हमने अपनी कल की रिपोर्ट में भी बताया था कि आने वाले समय में निर्यात ऑर्डर की डिलीवरी देने के लिए राइस मिलों को बासमती धान की खरीद के लिए कंपटीशन झेलना पड़ सकता है। यह कंपटीशन बासमती धान की भाव को बढ़ा सकता है। इसके अलावा निर्यात भी सुचारू रूप से हो रहा है। लंबे समय की आउटलुक को देखें तो चूंकि आने वाले समय में आवक का दबाव हटने की संभावना है। इसलिए भाव में मजबूती बन सकती है। पुराने धान का स्टॉक इस समय समाप्त है यही कारण है कि पुराने चावल के व्यापार अब सिमट गए हैं। किसान साथी चाहे तो इस समय अपनी फसल को रोक सकते हैं। साथियों माहौल को देखते हुए धान रोकने की सलाह दी जा रही है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की अनिश्चितता को देखते हुए इसमें रिस्क बना रहने की संभावना है। किसानों को व्यापार अपने विवेक से करने की सलाह दी जाती है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।