धान की खरीद को लेकर आई बड़ी अपडेट | जाने कितनी हुई आवक और खरीद
धान की सरकारी खरीद में हरियाणा और पंजाब सबसे आगे, जानिए कितना हुआ उत्पादन।
किसान भाइयों, धान भारत में मुख्य फसल है, जिसे हमारे किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। यह न केवल भारत की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा है, बल्कि किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत भी है। हर साल, सरकार द्वारा धान की खरीद की जाती है ताकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। इस वर्ष, विपणन सीजन 2024-25 के दौरान, धान की सरकारी खरीद में एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। यह सीजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष सरकार ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 2,300 रुपए प्रति क्विंटल (कॉमन धान) और 2,320 रूपए प्रति क्विंटल (ग्रेड-ए धान) निर्धारित किया है। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है। साल 2023-24 के लिए सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2,183 प्रति क्विंटल रखा था, जो कि इस बार 117 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है । हालांकि किसानों को MSP मूल्य में और अधिक बढ़ोतरी की उम्मीद थी। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विपणन सीजन 2024-25 में धान की सरकारी खरीद बढ़कर 244.17 लाख टन के पार पहुंच गई है, जो पिछले साल की तुलना में एक बड़ी वृद्धि है। पिछले साल 1 नवंबर 2023 के आंकड़ों के अनुसार धान की कुल खरीद 161.47 लाख मीट्रिक टन की हुई थी। लेकिन इस बार यह खरीद काफी अधिक है।इस अवधि के दौरान, पंजाब और हरियाणा ने सबसे ज्यादा योगदान दिया है। सरकारी एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने इन राज्यों की मंडियों से धान की खरीद की है। इस रिपोर्ट के माध्यम से हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि धान का कुल उत्पादन, सरकारी खरीद, और MSP पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। इन सब बातों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए चलिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।
धान की खरीद
किसान भाइयों, देश में कुल धान की खरीद 244.17 लाख टन के आंकड़े को पार कर चुकी है। धान की खरीद में पंजाब और हरियाणा का महत्वपूर्ण योगदान बताया जा रहा है। पंजाब में 22 नवंबर तक कुल 160.17 लाख टन धान की खरीद की गई है, जबकि हरियाणा की मंडियों से 53.28 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि इन दो राज्यों का धान की सरकारी खरीद में कितना महत्वपूर्ण योगदान है। इन आंकड़ों से यह भी साफ है कि पंजाब और हरियाणा का भारत के धान उत्पादन में अहम स्थान है, और सरकार इन राज्यों के किसानों को उचित मूल्य देने में लगातार प्रयासरत है।जबकि पंजाब और हरियाणा का हिस्सा बहुत बड़ा है, लेकिन अन्य राज्यों से भी धान की खरीद हो रही है। हिमाचल प्रदेश से 32,152 टन, जम्मू और कश्मीर से 23,684 टन, बिहार से 27,288 टन, और आंध्र प्रदेश से 2.73 लाख टन धान की MSP पर खरीद हो चुकी है। इसके अलावा, केरल से 8,830 टन, तमिलनाडु से 4,92,067 टन, और तेलंगाना से 7,55,176 टन धान की खरीद की गई है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि धान की खरीद केवल पंजाब और हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों में इस खरीदारी का व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों से भी बड़ी मात्रा में धान की खरीद की जा रही है, जो इस क्षेत्र के किसानों की सफलता और सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को प्रमाणित करता है। हरियाणा के फतेहाबाद मंडी में 23 और 24 नवंबर को धान की आवक बंद कर दी गई है। इन दो दिनों के दौरान केवल लिफ्टिंग कार्य ही किया जाएगा। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो सुनिश्चित करती है कि मंडी में धान की खरीदारी का काम सही तरीके से हो। इस प्रकार की योजनाएं किसानों के लिए सुविधाजनक होती हैं, क्योंकि इससे उनके उत्पादन को समय पर खरीद लिया जाता है, और उन्हें बाजार में असमर्थन से बचने का मौका मिलता है। इस साल धान की खरीद में तेजी मध्य अक्टूबर के बाद देखी गई। पहले तो नमी के कारण खरीद में थोड़ा समय लग रहा था, लेकिन इसके बाद सरकार ने त्वरित कदम उठाए और किसानों के लिए खरीद प्रक्रिया को सुलभ बनाया। यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार ने धान की खरीद को 1 अक्टूबर से शुरू किया था, ताकि किसानों को समय से उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके।
खरीद का अनुमान
किसान भाइयों, विश्वसनीय जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार का अनुमान है कि इस विपणन सीजन में पंजाब से करीब 185 लाख टन और हरियाणा से 60 लाख टन धान की खरीद होगी। यह अनुमान इस बात का संकेत है कि इन दोनों राज्यों का धान उत्पादन कितना ज्यादा है और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय धान उत्पादन में है। 2024-25 के लिए सरकार ने कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,300 रूपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2,320 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो कि पिछले साल की तुलना में 117 रुपए प्रति क्विंटल अधिक है। यह MSP मूल्य किसानों को बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा से बचाने और उनकी मेहनत का सही मूल्य देने के लिए है। इस MSP पर खरीदारी की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है, जिससे किसानों को अधिक लाभ हो सके और उनका उत्पाद उचित समय पर बाजार में आ सके।
बासमती की खरीद और आवक पर क्या है रिपोर्ट
किसान साथियों इस समय सरकारी खरीद वाले धान का सीजन लगभग निपट गया है और मंडियों में इस समय बासमती धान की आवक चल रही है। आंकड़ों को देखें तो इस साल बासमती धान की आवक पिछले साल के मुकाबले कमजोर है। मंडी भाव टूडै ने ग्राउन्ड पर जाकर किसानों और व्यापारियों से बात की है और यही जानने को मिला है कि इस साल 1121 और 1718 जैसी प्रीमियम किस्मों का प्रति एकड़ उत्पादन घट रहा है जिसके चलते पिछले साल जैसी आवक और भीड़ देखने को नहीं मिल रही है। व्यापारियों ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में अगले हफ्ते से आवक और घटने लगेगी । बात मध्यप्रदेश की मंडियों कि करें तो यहाँ पर आवक का दबाव सबसे ज्यादा है । इसी के चलते PB1 धान के भाव जो कि पिछले दिनों 3000 के पार हो गए थे अब केवल 2700 कि रेंज में रह गए हैं । व्यपारियों ने बताया कि अगले हफ्ते पंजाब और हरियाणा में बासमती की आवक घटने के बाद भाव में थोड़ा बहुत सुधार हो सकता है । हालांकि MP की मंडियों में अभी आवक कम होने में समय लगेगा ।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।