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हरियाणा में बनेगा एक और नया हाईवे। जानिए किन क्षेत्रों में बढ़ेंगे ज़मीन के भाव

हरियाणा में बनेगा एक और नया हाईवे। जानिए किन क्षेत्रों में बढ़ेंगे ज़मीन के भाव
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हरियाणा में बनेगा एक और नया हाईवे। जानिए किन क्षेत्रों में बढ़ेंगे ज़मीन के भाव

दोस्तों, पूरे देश में भारतमाला परियोजना के तहत देश के सभी राज्यों में सड़क निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी श्रृंखला को आगे बढ़ते हुए हरियाणा के परिवहन नेटवर्क में भी एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। हरियाणा में एक और नए हाईवे का कार्य शुरू होने जा रहा है, जो कुछ रुकावटों के कारण पिछले तीन-चार सालों से बंद पड़ा था। इस परियोजना का नाम है गुरुग्राम- पटौदी- रेवाड़ी हाईवे (NH-352W)। इस हाईवे का निर्माण कार्य एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसे केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जुलाई 2020 में शिलान्यास किया था। इस हाइवे का निर्माण क्षेत्रीय यातायात को तेज़ और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। हालांकि, इस निर्माण में कुछ बाधाएं आई हैं, जिसके कारण कार्य में देरी हुई है, लेकिन अब यह हाइवे लगभग तैयार होने की ओर बढ़ रहा है। आपको बता दें कि इस हाइवे के बन जाने के बाद गुरुग्राम से रेवाड़ी की दूरी महज 40 मिनट में तय की जा सकेगी। इसके साथ ही, इस हाइवे के बनकर तैयार होने के बाद दिल्ली-जयपुर हाइवे पर ट्रैफिक दबाव को भी कम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि वर्तमान में, खराब सड़क मार्ग की वजह से वाहन चालक लंबा रास्ता तय करते हैं। लेकिन, हाइवे के निर्माण में आने वाली कुछ चुनौतियां अब तक इस परियोजना को समय सीमा से पीछे कर चुकी हैं। अब इसे पूरा करने की समय सीमा 30 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है। तो चलिए इस हाइवे से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं इस रिपोर्ट में।

निर्माण कार्य में आई देरी

दोस्तों, गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी हाइवे का निर्माण कार्य शुरू होने से लेकर अब तक कई बाधाएं सामने आई हैं। शुरुआत में, इस प्रोजेक्ट की समय सीमा को नवंबर 2023 तक रखा गया था, लेकिन निर्माण कार्य में कई तकनीकी और भौतिक अड़चनें आईं, जैसे कि बरसाती नाले और हाइटेंशन बिजली लाइनों के कारण। इन समस्याओं ने निर्माण कार्य को प्रभावित किया और इन बाधाओं के चलते इस हाइवे को बनाने की समय सीमा बढ़ाने की जरूरत पड़ी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने पहले भी इस प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2024 किया था, लेकिन अब तक केवल 70 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है। इसके बाद अब NHAI ने इसे और बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 तक किया है। यह देरी इसलिए हुई क्योंकि निर्माण स्थल पर कुछ तकनीकी मुश्किलें और प्राकृतिक कारणों के चलते काम में रुकावट आई। इन कारणों को खत्म करने के बाद ही निर्माण कार्य की गति में सुधार हो पाया है।

फ्लाईओवर और अंडरपास

साथियों, इस हाइवे की खासियत यह है कि इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। हाइवे के निर्माण में 25 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जा रहे हैं। इन फ्लाईओवरों और अंडरपासों का मुख्य उद्देश्य यातायात की गति को बेहतर करना और जाम की समस्याओं को खत्म करना है। गुरुग्राम से रेवाड़ी तक इस हाइवे के शुरू होने के बाद, यात्री ट्रैफिक के दबाव से राहत महसूस करेंगे। वर्तमान में, गुरुग्राम- पटौदी मार्ग की हालत बहुत खराब है, और वाहन चालक इसके बजाय दिल्ली-जयपुर हाइवे का रुख करते हैं। नतीजतन, यह हाइवे सिर्फ क्षेत्रीय यातायात के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली-जयपुर के यातायात दबाव को कम करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

द्वारका एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी

साथियों, गुरुग्राम- पटौदी- रेवाड़ी हाइवे का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे द्वारका एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ा जा रहा है। सेक्टर-88B के पास एक फ्लाईओवर के जरिए यह कनेक्टिविटी दी जाएगी। फिलहाल इस फ्लाईओवर का 20 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। यह कनेक्टिविटी दिल्ली से रेवाड़ी तक एक नई, वैकल्पिक और तेज़ यात्रा मार्ग प्रदान करेगी, जिससे यात्री आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा, यह कनेक्टिविटी दिल्ली से रेवाड़ी की यात्रा को और भी आरामदायक बनाएगी, क्योंकि यात्री अब दिल्ली-जयपुर हाइवे से ही रेवाड़ी तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इससे न केवल ट्रैफिक की समस्या कम होगी, बल्कि यात्रा समय भी कम हो जाएगा।

निर्माण में आ रही तकनीकी अड़चनें

दोस्तों, हालांकि हरियाणा राज्य के विकास के दृष्टिकोण से यह प्रोजेक्ट काफी फायदे का होगा, लेकिन इस हाइवे के निर्माण के दौरान कुछ बड़ी चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिनसे निपटना मुश्किल हो रहा है। सेक्टर-88B से वजीरपुर तक इस हाइवे के मार्ग में बरसाती नाले और हाइटेंशन बिजली लाइनों जैसी रुकावटें आ रही हैं। ये दोनों चीजें निर्माण कार्य में गंभीर समस्याएं पैदा कर रही हैं, क्योंकि इन लाइनों को हटाने या फिर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। अगर इन बाधाओं का जल्दी समाधान नहीं किया जाता, तो निर्माण कार्य में और देरी हो सकती है। इसके साथ ही, इन समस्याओं को सुलझाने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर काम करना आवश्यक है, ताकि समय पर निर्माण कार्य पूरा किया जा सके।

1000 करोड़ रुपये की परियोजना

दोस्तों, गुरुग्राम- पटौदी- रेवाड़ी हाइवे परियोजना की लागत लगभग 1000 करोड़ रुपये है। यह परियोजना न केवल हरियाणा राज्य के यातायात को सुव्यवस्थित करेगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी मदद करेगी। इस हाइवे के निर्माण से न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच एक बेहतर संपर्क भी स्थापित होगा। इस हाइवे के बनने के बाद न केवल गुरुग्राम से रेवाड़ी तक यात्रा सरल होगी, बल्कि दिल्ली-जयपुर मार्ग पर भी ट्रैफिक दबाव कम होगा, जो दिल्ली-जयपुर हाइवे के आसपास रहने वाले लोगों के लिए राहत की बात होगी। आपको बता दें कि इस परियोजना में 27 गांव की ज़मीन को अधिकृत किया गया है और जिन किसानों से ज़मीन नहीं डिजिटल की गई है, उन्हें ज़मीन का उचित मुआवजा भी दिया गया है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।