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यूपी में इन हाईवे को बनाया जाएगा फोरलेन | ज़मीन के दाम छुएंगे आसमान

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यूपी में इन हाईवे को बनाया जाएगा फोरलेन | ज़मीन के दाम छुएंगे आसमान

साथियों, उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन और यातायात की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की योजना बनाई है। इनमें से कुछ प्रमुख हाईवे को फोरलेन बनाने का काम नवंबर-दिसंबर 2025 में शुरू होने वाला है। ये परियोजनाएं न केवल सड़क यात्रा को सुविधाजनक बनाएंगी, बल्कि यूपी के विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगी। खास बात यह है कि इन परियोजनाओं पर करीब 10,199 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो यह साबित करता है कि राज्य की सड़कों का विस्तार और उन्नयन सरकार के प्रमुख एजेंडों में शामिल है। इन परियोजनाओं के तहत कबरई-कानपुर खंड और बाराबंकी से नेपाल सीमा तक जाने वाले मार्ग को फोरलेन किया जाएगा। इसके अलावा, बरेली बाईपास के दक्षिणी हिस्से पर भी काम शुरू होगा। इन सुधारों से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य के व्यापार और उद्योग में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे। अब हम इन परियोजनाओं को विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि इनसे यूपी की सड़कों की तस्वीर कैसे बदलने वाली है। तो चलिए इस परियोजना के बारे में विस्तार से समझते हैं इस रिपोर्ट के द्वारा।

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कबरई-कानपुर खंड फोरलेन

दोस्तों, इस परियोजना के तहत कबरई से कानपुर के बीच स्थित 112.8 किमी लंबा हाईवे अब दो लेन से फोरलेन में बदलने जा रहा है। इस हाईवे की महत्वपूर्णता इसलिए है क्योंकि यह उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ता है। वर्तमान में, यह सड़क सिर्फ दो लेन की है, जिससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है। इस परियोजना की लागत लगभग 3,900 करोड़ रुपये है, और इसके तहत सड़क के दोनों ओर दो अतिरिक्त लेन बनाई जाएंगी। साथ ही, ट्रैफिक की सुगमता को बढ़ाने के लिए उन्नत सिग्नल सिस्टम और सड़क सुरक्षा उपाय भी लागू किए जाएंगे। यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि व्यापारियों के लिए भी फायदे का सौदा साबित होगी। इससे कार्गो ट्रांसपोर्टेशन के समय में कमी आएगी और माल की आवाजाही ज्यादा प्रभावी हो सकेगी। जैसे-जैसे यह परियोजना पूरी होगी, कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

बाराबंकी से नेपाल सीमा तक

साथियों, बाराबंकी से नेपाल सीमा तक जाने वाला मार्ग, जिसे NH-927 के नाम से जाना जाता है, अब फोरलेन बनने जा रहा है। यह मार्ग दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण कनेक्शन है, और इसकी यातायात क्षमता को बढ़ाना बेहद जरूरी है। इस परियोजना के तहत दो पैकेज में सड़क का निर्माण किया जाएगा और तीसरे पैकेज में घाघरा नदी पर एक नया पुल बनाना शामिल है। इसके अलावा, पैकेज एक में बाराबंकी से जरवल तक सड़क का विस्तार होगा, जिसकी लंबाई 35.7 किमी और अनुमानित लागत 1,550 करोड़ रुपये है। पैकेज तीन के तहत जरवल से बहराइच तक सड़क बनाई जाएगी, जो 58.4 किमी लंबी होगी और इस पर खर्च होने वाली राशि लगभग 2,050 करोड़ रुपये होगी। सबसे महत्वपूर्ण पैकेज दो है, जिसमें घाघरा नदी पर एक नया पुल और एप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा। यह पुल फोरलेन का होगा और इसकी लंबाई 7.3 किमी होगी, जबकि इसकी अनुमानित लागत 750 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार की यह परियोजना न केवल सड़क यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि नेपाल के साथ व्यापारिक संबंधों को भी बढ़ावा देगी। इस रोड के फोरलेन बनने से दोनों देशों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और लोगों की यात्रा भी आसान होगी।

बरेली बाईपास का दक्षिणी हिस्सा

साथियों, बरेली शहर में बाईपास के दक्षिणी हिस्से का विस्तार भी इन परियोजनाओं में शामिल है। इस हिस्से की लंबाई 29.92 किमी है और इसका निर्माण कार्य एनएच-530-बी के पास झुमका चौराहा से शुरू होकर इनवर्टिस यूनिवर्सिटी तक किया जाएगा। इस परियोजना की लागत लगभग 1,999.11 करोड़ रुपये है। बरेली बाईपास के इस विस्तार से शहर के भीतर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और बाहरी इलाकों से आने-जाने वाले वाहनों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। इससे शहर के भीतर ट्रैफिक जाम की समस्या हल होगी और यात्रियों को जल्दी से अपनी मंजिल तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

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परियोजनाओं की लागत और लाभ

साथियों, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया, इन पांच प्रमुख परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 10,199 करोड़ रुपये है। यह एक बड़ा निवेश है, जो उत्तर प्रदेश की सड़कों को बेहतर बनाने के साथ-साथ राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन परियोजनाओं का लाभ न केवल यात्री और व्यापारी वर्ग को होगा, बल्कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलेगा। आपको बता दें कि इन परियोजनाओं से जुड़े निर्माण कार्यों की शुरुआत नवंबर-दिसंबर 2025 में हो सकती है, और जल्द ही इन मार्गों पर ट्रैफिक की गति में भी सुधार देखने को मिलेगा। इसके अलावा एनएचएआई का कहना है कि डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो चुकी है और टेंडर प्रक्रिया को भी पूरा किया जा चुका है।

क्यों जरूरी है ये सुधार

दोस्तों, जैसा कि आप सभी को पता है कि सड़क परिवहन सुधारों का सीधा असर राज्य के विकास और जनकल्याण पर पड़ता है। जब सड़कें चौड़ी होती हैं और यातायात की क्षमता बढ़ाई जाती है, तो इससे न केवल लोगों को सुविधा मिलती है, बल्कि व्यापार और उद्योग को भी गति मिलती है। यूपी की सड़कों को फोरलेन में बदलने की ये परियोजनाएं राज्य के विकास को नई दिशा देंगी और लोगों को सुरक्षित और तेज यात्रा का अनुभव मिलेगा। रोड निर्माण में रोजगार के अवसरों को भी काफी बढ़ावा मिलता है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।