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आज से हो रहा है किसान मेले का आग़ाज़ | जानिए आपके लिए क्या है इसमे खास

आज से हो रहा है किसान मेले का आग़ाज़ | जानिए आपके लिए क्या है इसमे खास
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किसान साथियों खेती अब सिर्फ मिट्टी में हल चलाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह तकनीक, ज्ञान और नवाचार का क्षेत्र बन चुकी है। देशभर के किसानों को खेती की नई तकनीकों, आधुनिक मशीनों और उन्नत बीजों की जानकारी देने के लिए हर साल भिन्न-भिन्न प्रकार के किसान मेलों का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी 14 से 16 फरवरी 2025 के दौरान एक भव्य किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है। यह तीन दिवसीय आयोजन किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों से रूबरू कराने और खेती की समस्याओं के व्यावहारिक समाधान देने का शानदार अवसर होगा। यह मेला किसानों, वैज्ञानिकों, उत्पादकों, विक्रेताओं, आयातकों, निर्यातकों और खेती से जुड़े सभी लोगों के लिए खुला रहेगा। चाहे आप पारंपरिक खेती करते हों, ऑर्गेनिक खेती में रुचि रखते हों या फिर आधुनिक मशीनों की मदद से खेती को आसान बनाना चाहते हों, यह मेला आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकता है |

किसान मेला 2025 में क्या मिलेगा खास

किसान मेला 2025 में खेती से जुड़े हर उस पहलू को छुआ जाएगा जो आज की खेती को बेहतर, आसान और अधिक लाभदायक बना सकता है। यह मेला किसानों को आधुनिक तकनीकों, नए विचारों और कृषि विशेषज्ञों की सलाह के जरिए खेती में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मौका देगा। चलिए, जानते हैं इस मेले में क्या-क्या खास होगा:

तकनीकी सत्र की जानकारी

दोस्तों, मेले में विशेषज्ञों द्वारा खेती की आधुनिक तकनीकों पर सरल और समझने योग्य सत्र आयोजित किए जाएंगे। ये सत्र निम्नलिखित विषयों पर होंगे: जैसे की श्री अन्न (Millets) मिलेट्स की खेती में बढ़ते अवसर, पोषण मूल्य और वैश्विक बाजार में इसकी बढ़ती मांग पर चर्चा। किसानों को यह सिखाया जाएगा कि कैसे वे कम पानी में भी मिलेट्स की सफल खेती कर सकते हैं। साथ भी बिना रासायनिक खाद और कीटनाशकों वाली प्राकृतिक खेती के फायदों और इसके आसान तरीकों की जानकारी दी जाएगी। इसमें जीवामृत, घनजीवामृत और मल्चिंग जैसी तकनीकों की विस्तार से चर्चा होगी। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन के दौर में खेती को मजबूत और सुरक्षित बनाने की रणनीतियों पर चर्चा होगी। किसानों को पानी, मिट्टी और फसल प्रबंधन की आधुनिक तकनीकें सिखाई जाएंगी।

आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी  

खेती में मशीनों का सही इस्तेमाल समय और मेहनत दोनों बचाता है। इस मेले में लेटेस्ट ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, ड्रोन स्प्रेयर, स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम और सेंसर-आधारित उपकरणों का लाइव डेमो दिखाया जाएगा। किसान इन मशीनों को नजदीक से देख सकेंगे और इनके संचालन को समझ सकेंगे।

किसानों को खेतों में ले जाकर नई तकनीकों को प्रत्यक्ष रूप से दिखाया जाएगा। इसमें उन्नत किस्मों की फसलें, जल संरक्षण के तरीके, मल्चिंग तकनीक और प्राकृतिक खेती के सफल उदाहरण शामिल होंगे। यह भ्रमण किसानों को नई तकनीक को अपने खेतों में अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।

किसान-विज्ञान गोष्ठी 
यहाँ किसानों को कृषि वैज्ञानिकों से सीधे बातचीत करने का अवसर मिलेगा। वे अपनी समस्याएं साझा कर सकेंगे और उनके समाधान जान सकेंगे। साथ ही, वैज्ञानिकों द्वारा नए शोधों और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।

मोबाइल प्लांट हेल्थ क्लिनिक वैन
यह वैन किसानों के खेतों में जाकर फसलों की बीमारियों की जांच करेगी और मौके पर ही उसका समाधान बताएगी। किसान अपने खेतों की मिट्टी और फसलों की स्वास्थ्य जांच कराकर सही समय पर सही उपचार पा सकेंगे।

उन्नत बीजों की बिक्री
किसानों को प्रमाणित और उन्नत बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, इसमें धान, गेहूं, सब्जी और फूलों की आधुनिक प्रजातियों के बीज शामिल होंगे।

फसल, सब्जी और फूल तकनीकी कैफेटेरिया
यहां किसानों को विभिन्न फसलों, सब्जियों और फूलों की नई तकनीक और प्रजातियों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, फसल चक्र, जैविक खेती और उन्नत किस्मों की विशेषताओं को विस्तार से समझाया जाएगा।

मधुमक्खी पालन एवं मशरूम उत्पादन 
जो किसान अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन की पूरी प्रक्रिया को समझाया जाएगा। मधुमक्खी पालन में शहद, मोम और पराग उत्पादन की जानकारी दी जाएगी। वहीं, मशरूम उत्पादन के लिए बीज, वातावरण और बिक्री की जानकारी भी दी जाएगी।

पशु प्रदर्शनी

पशुपालकों को उन्नत नस्लों की जानकारी देने के लिए पशुओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें दुधारू गाय, भेड़, बकरी, पोल्ट्री और मछली पालन से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। किसानों को पशुपालन में पोषण, देखभाल और उत्पादन बढ़ाने की तकनीकें भी सिखाई जाएंगी।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन 

मेले में खेती से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें कृषि से जुड़े प्रेरक किस्से, लोकगीत, नाटक और किसानों की सफलता की कहानियाँ साझा की जाएंगी।
 

किसान मेला 2025 में जाना कैसे ?

रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी (उत्तर प्रदेश) में आयोजित यह मेला राष्ट्रीय राजमार्ग-75, ग्वालियर रोड, पहुज बांध के पास स्थित है। यह स्थान झाँसी रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर, झाँसी बस स्टैंड से 12 किलोमीटर और राजमाता विजया राजे सिंधिया हवाई अड्डा, ग्वालियर से 103 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

नोट : अधिक जानकारी के लिए: विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट rlbcau.ac.in पर जाएं।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।